Cyber Sickness: सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से बढ़ा इस गंभीर बीमारी का खतरा, जानें क्या है डिजिटल वर्टिगो

Cyber Sickness: सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से बढ़ा इस गंभीर बीमारी का खतरा, जानें क्या है डिजिटल वर्टिगो
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Cyber Sickness Symptoms: साइबर सिकनेस क्या है, यहां जानिए इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके।

Know What Is Cyber Sickness: आजकल के समय में हर कोई अपने आपको मॉडर्न दिखाना चाहता है, जिसके लिए वह कई अलग तरह के महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे कि मोबाइल फोन, लैपटॉप और टेबलेट आदि खरीदते हैं। रास्ते में आते-जाते, मेट्रो और बस के अंदर, घर में यहां तक की बाथरूम में भी हर जगह लोग अपने फोन का इस्तेमाल कर रहे होते हैं। कई लोग काम की वजह से फोन और लैपटॉप देखते रहते हैं, तो कई लोग टाइम पास करने के लिए इनका इस्तेमाल करते रहते हैं। गेम्स और सोशल मीडिया स्क्रॉल करते समय हमें वक्त का पता नहीं चलता है। हालांकि हम सभी स्क्रीन टाइम बढ़ने से होने वाली गंभीर समस्याओं को अच्छी तरह जानते हैं, बावजूद इसके हम इन परेशानियों को नजरअंदाज करते हुए बेधड़क इन सभी गैजेट का इस्तेमाल करते रहते हैं।

स्क्रीन टाइम बढ़ने से महिला को हुई ये बीमारी

हाल में स्क्रीन टाइम बढ़ने का एक और बहुत ही खतरनाक मामला पुर्तगाल से सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुर्तगाल की फेनेला फॉक्स नाम की महिला 14 घंटे तक मोबाइल चलाती थी। इस वजह से खाना-पीना और डेली लाइफ भी मोबाइल के कारण प्रभावित होने लगी। महिला के सिर में दर्द, गर्दन में दर्द और अन्य तकलीफें होने लगी थी। इस लाइफस्टाइल के कारण कुछ समय के बाद महिला का चलना-फिरना बंद हो गया था। डॉक्टरों की सलाह पर महिला को व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ा। डॉक्टरों को जांच के बाद महिला को हुई बीमारी का पता चला और बताया कि वह साइबर सिकनेस नाम की बीमारी से ग्रस्त हो गई है।

जानिए क्या है साइबर सिकनेस

आजकल के डिजिटल युग में खुद देश की सरकारें जनता को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं, जिससे लोग डिजीटल दुनिया से जुड़े और ऑनलाइन बैकिंग के साथ ही ऑनलाइन आवेदन और तमाम जरूरी योजनाओं की जानकारी घर बैठे आसानी से प्राप्त कर सकें। वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया भी लोगों को मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर से जोड़ने की बड़ी वजह बना है। इस वजह से लोग लगातार स्क्रीन को घूरने के लिए मजबूर हो जाते हैं। फेनेला भी लगातार मोबाइल का इस्तेमाल करने के कारण साइबर मोशन सिकनेस, जिसे हम डिजिटल वर्टिगो भी कह सकते हैं, नामक बीमारी का शिकार हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि इस कंडीशन में मरीज को चक्कर आते हैं, लेकिन लोग इसे नॉर्मल मानकर इग्नोर करते रहते हैं। धीरे-धीरे यही स्थिति नर्वस सिस्टम पर बुरा असर डालती है। बाद में ब्रेन और बॉडी में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने लग जाती है।

साइबर सिकनेस के लक्षण और बचाव

साइबर सिकनेस में लगातार उल्टी आना इसका सबसे शुरुआती लक्षण है। अगर आपका पेट भरा हुआ है और आप बीमार हैं, तो ये बहुत गंभीर परेशानी बन सकती है। इसके साथ ही ज्यादा खुशबूदार माहौल और बंद कमरा होने पर भी यह स्थिति बन सकती है। इस स्थिति में बहुत ज्यादा चक्कर आते हैं और व्यक्ति एक चीज पर फोकस नहीं कर पाता। अब अगर बात करें इस बीमारी से बचाव के तरीकों पर तो सबसे बेसिक बात यही है कि आपको इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का कम से कम इस्तेमाल करना है। अगर इनका इस्तेमाल करना आपकी मजबूरी है या जॉब का हिस्सा है, तो आपको सुबह-शाम एक्सरसाइज करते रहना है। इसके साथ ही आई स्पेशलिस्ट से सलाह लेकर आंखों की एक्सरसाइज करें। ऑफिस के बाद डिजिटल स्क्रीन का इस्तेमाल न करें। लैपटॉप या कंप्यूटर पर ब्लू फिल्टर लगा कर रखें, जिससे मोबाइल, लैपटॉप का फॉन्ट बड़ा रखें और स्क्रीन की कॉन्ट्रास्ट कम रखें।

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