Diwali के तीसरे दिन होगी Govardhan Puja, 27 साल बाद बने इस संयोग की, जानिए वजह

Govardhan Puja Will Happen On Third day Of Diwali: इस बार दिवाली (Diwali) का त्योहार हर साल की तरह नहीं होने वाला है, आमतौर पर यह 5 दिवसीय उत्सव होता है, लेकिन इस बार दीपावली (Deepawali) 24 अक्टूबर की है और उसके अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (Surya Garahan Date and Timings) लगने वाला है। बता दें कि यह आंशिक सूर्य ग्रहण (partial solar eclipse) है, जिसे देश के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। इस साल रौशनी के महापर्व दिवाली पर सूर्य ग्रहण का साया रहेगा, यही कारण है कि दिवाली के अगले दिन मनाया जाने वाला गोवर्धन (Goverdhan) का उत्सव 26 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाएगा। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि 27 साल बाद यह मौका फिर आया है, जब दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाएगी। वैसे तो सूर्य या फिर चंद्र ग्रहण के अपने अलग और नॉर्मल साइंटिफिक रीजन होते हैं, लेकिन ग्रहण को आध्यात्म (Spiritual) की नजर में शुभ नहीं माना जाता है और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। अगर आपने ध्यान दिया हो तो ग्रहण से पहले सूतक लगते हैं और इसी समय से मंदिरों को (Solar Eclipse For 25 October 2022) बंद कर दिया जाता है, यह इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Garahan Kab Hai) है।
जानिए क्यों लगता है सूर्य ग्रहण? (Know why there is a solar eclipse)
27 सालों बाद सूर्य ग्रहण के कारण दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा होगी, खगोल वैज्ञानिकों की माने तो यह सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी भागों में दिखाई देगा। वहीं अगर भारत के अलावा दूसरे देशों की बात करें तो यह आंशिक सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम-पूर्व एशिया में देखा जा सकेगा। दिवाली के अगले दिन लगने वाला यह सूर्य ग्रहण दिल्ली (Delhi), गुजरात (Gujarat), राजस्थान (Rajasthan),पंजाब (Punjab), उत्तराखंड (Uttarakhand), लेह (Leh), जम्मू-श्रीनगर (Jammu-Srinagar) में बेहतर तरीके से देखा जा सकेगा। अब अगर बात करें धार्मिक और विज्ञान की नजर में ग्रहण क्यों लगता है तो दोनों का जवाब लगभग एक ही होता है, हिन्दू पंचांग के मुताबिक सूर्य ग्रहण उस वक्त होता है जब पृथ्वी, चंद्र और सूर्य तीनों एक ही सीध में होते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चांद सूरज के सामने से गुजरता है और जिस वक्त यह ग्रहण अपने चरम पर होता है तो हमे देखने में ऐसा लगता है कि चांद सूरज को अपने अंदर समा रहा है। ऐसा ही कुछ 25 अक्टूबर को भी देखने को मिलेगा, तकरीबन 4 बजकर 30 मिनट पर यह ग्रहण हमे भारत में देखने को मिलेगा।
सूर्य ग्रहण का दिवाली उत्सव पर क्या हो रहा है असर? (Effect Of Solar Eclipse)
25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 42 मिनट तक आंशिक सूर्य ग्रहण का प्रभाव रहेगा। जैसा की हम सभी जानते हैं ग्रहण से पहले और बाद में सूतक लगते हैं जो 12 घंटे पहले से ही शुरू हो जाएंगे, जिस तरह 2022 में यह खगोलीय घटना 27 साल बाद होने जा रही है, ठीक इसी तरह की खगोलीय स्थिति 2032 में फिर से देखने को मिलेगी। वहीं बात करें दिवाली उत्सव की तो ग्रहण के चलते इस 5 दिन के उत्सव की शुरुआत 22 अक्टूबर धनतेरस (Dhanteras) से होगी, 23 को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) मनाई जाएगी और 24 अक्टूबर को दिवाली (Diwali) की पूजा होगी लेकिन एक दिन के बाद 26 अक्टूबर को गोवर्धन (Goverdhan) और 27 अक्टूबर को भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाएगा।
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