Janmashtami 2023: ये हैं दक्षिण भारत के कृष्ण मंदिर, कराएंगे कान्हा के दिव्य दर्शन

South Indian Krishna Temples: श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियां इस समय जोरों-शोरों पर है। इस बार भगवान कृष्ण का जन्म 6 और 7 सितम्बर को मनाया जा रहा है। लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव के मौके पर भक्तगण तमाम तरह की प्रतियोगिताएं और उनके बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिरों और जगह-जगह झांकियों को अद्भुत अंदाज में सजाया जाता है, जिसके दर्शन मात्र से मन प्रसन्न हो जाता है। सामान्यत: रात के समय में मंदिरो को बंद कर दिया जाता है। लेकिन नन्द गोपाल का जन्म मध्य रात्रि के समय हुआ था, इस वजह से जन्माष्टमी के कार्यक्रमों का आयोजन रात्रि के समय किया जाता है।
भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का नाम आते ही नंदगांव, मथुरा, वृंदावन और द्वारका का नाम दिमाग में सबसे पहले आता है। श्रीकृष्ण का जीवन और उनकी लीलाएं सब इन्हीं जगहों से जुड़ी हुई है। इसके अलावा दक्षिण भारत में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर कृष्ण के जीवन की गाथा के बारे में पता चलता है। चलिए, जानते हैं दक्षिण भारत के कृष्ण मंदिर के बारे में...
गरुवायूर मंदिर, केरल
द्वारका मंदिर के नाम से लोकप्रिय गुरुवायूर मंदिर दक्षिण भारत के केरल राज्य में स्थित है। गुरुवायूर मंदिर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को भूलोक बैकुंठ के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार, भूलोक बैकुंठ भगवान विष्णु का सबसे पवित्र स्थान है। इस मंदिर में कृष्ण अपने बाल रूप में निवास करते हैं, जिन्हें गुरुवायुरुप्पन नाम से जाना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि जब द्वारका( गुजरात) में बाढ़ आई, तब भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति जल के बहाव में बह गई। गुरू बृहस्पति ने जब प्रतिमा को बहते हुए देखा तो उन्होने मूर्ति को बाहर निकालकर फिर से स्थापित करने की जगह ढूढ़ने लगे। इस समस्या का हल निकालते हुए भगवान शिव और माता पार्वती ने गुरु बृहस्पति से मूर्ति को केरल में स्थापित करने की बात कही।इस आज्ञा का पालन करते हुए गुरु बृहस्पति ने वायु देव की सहायता लेते हुए कृष्ण की मूर्ति को केरल में स्थापित किया।
श्रीकृष्ण मठ मंदिर उडुपी, कर्नाटक
दक्षिण भारत कर्नाटक के उडुपी में श्रीकृष्ण मठ मंदिर स्थित है। श्रीकृष्ण मठ के इस मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना खिड़की के नौ छिद्रों की जाती है।लकड़ी और पत्थर से बने इस मंदिर का प्रतिबिंब मंदिर के करीब मौजूद तालाब में दिखाई देता है। जन्माष्टमी के खास मौके पर यहां विशाल आयोजन कराया जाता है।
पार्थसारथी मंदिर त्रिपलीकेन, चेन्नई
साउथ इंडिया के चेन्नई शहर में भगवान कृष्ण का प्रसिद्ध पार्थसारथी मंदिर है। यह मंदिर त्रिपलीकेन नाम की जगह पर स्थित है। पार्थसारथी मंदिर में भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण, राम, नृसिंह और भगवान वराह की पूजा होती है।
जगन्नाथ पुरी, उड़ीसा
जगन्नाथ पुरी भारत के चार धामों में से एक है। यह मंदिर उड़ीसा के पुरी में मौजूद है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ निवास करते है। ऐसा कहा जाता है कि द्वापर के बाद भगवान कृष्ण उड़ीसा के पुरी में निवास करने लगे थे। जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा दुनियाभर में लोकप्रिय है।
Also Read: जन्माष्टमी के पर्व पर इन स्थलों पर जरूर जाएं घूमने, हो जाएंगे मंत्रमुग्ध
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS