इन लक्षणों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज, वरना हमेशा रहेंगे घुटनों के दर्द से परेशान

Health Tips: आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं (Health Related Problems) होने लगती हैं, जिसमें घुटने का दर्द (Knee pain) एक आम शिकायत है। पचास-साठ की उम्र के बाद यह समस्या अधिक परेशान करने लगती है। वैसे आजकल गलत जीवनशैली (Unhealthy Lifestyle) से भी घुटने के दर्द की समस्या तीस-चालीस की उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रही है। घुटने का दर्द कई बार किसी पुरानी चोट का परिणाम भी हो सकता है। इसके अलावा गठिया (Arthritis) और किसी तरह का संक्रमण भी घुटने के दर्द का कारण बन सकता है। इस समस्या के बढ़ने पर सर्जिकल ट्रीटमेंट (Knee Pain Surgical Treatment ) तक की जरूरत पड़ सकती है। यहां आपको सीताराम भरतिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च और होली फैमिली अस्पताल के सीनियर ऑर्थोपेडिक कंसल्टेंट और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन-डॉ. बीरेन नादकर्णी की ओर से इस बीमारी से जुड़ी हर बात के बारे में बताया जा रहा है।
आरंभिक लक्षण : घुटने की समस्या के हिसाब से दर्द का स्थान और गंभीरता भिन्न हो सकती है। नीचे दिए जा रहे लक्षणों के दिखने पर सावधान हो जाएं।
-घुटने में लंबे समय तक सूजन और जकड़न होना।
-घुटने स्पर्श करने पर भी दर्द के साथ लाली और प्रभावित जगह गर्म महसूस होना।
-घुटने में कमजोरी महसूस होना।
-घुटने में क्रंचिंग की आवाज महसूस होना।
-घुटने को पूरी तरह से सीधा करने में असमर्थ होना।
गंभीर लक्षण
-घुटना शरीर का भार सहन नहीं कर पा रहा हो।
-घुटना बाहर निकलता महसूस हो।
-घुटने में सूजन लगातार बनी रहे।
-घुटना पूरी तरह से ना खुल पा रहा हो।
-पैर या घुटने में किसी तरह की विकृति दिखे।
-घुटने में लाली, दर्द और सूजन के अलावा हल्का बुखार भी महसूस हो।
-घुटने का दर्द असहनीय हो जाए।
समस्या के कारण (Knee Pain Causes)
1- मोटापा : मोटापे की वजह से घुटने के जोड़ों पर दबाव बढ़ता है। यहां तक कि चलने या सीढ़ियों से ऊपर-नीचे जाने जैसे सामान्य कार्यों के दौरान भी बहुत परेशानी होती है। मोटापा की वजह से जोड़ों के कार्टिलेज का टूटना तेज होता है। इससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा भी बढ़ जाता है।
2- मांसपेशियों के लचीलेपन का अभाव: मजबूत मांसपेशियां आपके जोड़ों को स्थिर और सुरक्षित रखने में मदद करती हैं, साथ ही मांसपेशियों का लचीलापन चलने या दौड़ने के दौरान गति प्रदान करने में मदद करता है। अगर आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं तो लचीलेपन की कमी से घुटने कमजोर हो जाते हैं औश्र उनमें चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।
3- कुछ एक्टिविटीज की वजह से: कुछ खेल खेलते हुए या कुछ एक्टिविटीज करते हुए, घुटनों पर अधिक तनाव-दबाव पड़ता है। जैसे- बॉस्केटबॉल की छलांग लगाते या तेज दौड़ते और कूदते समय घुटने पर चोट का जोखिम बढ़ जाता है। इनके अलावा कुछ अन्य एक्टिविटीज जैसे लंबे समय तक भारी सामान सिर पर उठाने से घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है, जो घुटने की चोट के जोखिम को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं।
4-पुरानी चोट के कारण : घुटने पर लगी किसी पुरानी चोट से भी भविष्य में घुटने से संबंधित समस्या होने की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। कई बार जिस चोट को हम इग्नोर कर देते हैं, वो भविष्य में बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। इसलिए घुटने पर चोट लगने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
इन बातों का रखें ध्यान
-अपने वजन को कंट्रोल में रखें ।
-फिजिकल एक्टिविटी करते रहें।
-समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लें।
-रोजाना एक्सरसाइज करें।
-अपनी डाइट का ख्याल रखें।
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