खुशखबरी! अब Cancer के चलते नहीं गंवानी पड़ेगी जान, 2030 से पहले होगा ये चमत्कार

Cancer Vaccine: कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के सफल निर्माण के बाद अब दुनिया के लिए एक और खुशी की खबर सामने आई है, दरअसल कुछ सालों में आप कैंसर (Cancer) जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए भी वैक्सीन (Vaccine) लगवा सकते हैं, जी हां आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा है, हम वैक्सीन की सहायता से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से खुद की रक्षा कर पाएंगे। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो धीरे-धीरे वक्त के साथ बढ़ती जाती है अगर ठीक समय पर लोग इसके शुरूआती लक्षणों को समझने से चूक जाते हैं तो यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। कैंसर कोरोना वायरस (Coronavirus) की तरह कोई नई बीमारी नहीं है, इसके बावजूद अभी तक इस बीमारी का कोई फुलप्रूफ इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। जिस थेरेपी को कैंसर (Cancer Awareness Month) से निपटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, वह अपने आप में बहुत ज्यादा महंगी होती है। आम लोग इतना महंगा ट्रीटमेंट अफ्फोर्ड ही नहीं कर पाते हैं और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है। ऐसे में सोचकर देखिये अगर कैंसर का टीका लगने लगेगा तो कितने ही लोगों की जान बचाई जा सकती है। खैर अच्छी खबर यह है कि जिन वैज्ञानिकों ने कोरोना की वैक्सीन तैयार की थी, अब उनका दावा है कि वह साल 2030 तक कैंसर की वैक्सीन का (Vaccine To Treat Cancer Possible By 2030) निर्माण भी पूरा कर लेंगे।
2030 तक हो जाएगा कैंसर की वैक्सीन का निर्माण
वैज्ञानिक कपल प्रोफेसर उगुर साहिन (Ugur Sahin) और उनकी पत्नी ओजलेम टयूरेसिया (Ozlem Tureci) ने बायोएनटेक (BioNTech) की स्थापना की थी, इसी बायोएनटेक ने फाइजर (Pfizer) कंपनी के साथ मिलकर कोरोना के टीके (Corona Vaccine) का निर्माण किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टयूरेसिया दंपत्ति ने बताया कि 'हमें ऐसा लगता है कि कैंसर के इलाज या फिर इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों के जीवन को बदलने का इलाज बहुत जल्द हमारे हाथ में होगा, प्रोफेसर उगुर साहिन ने कहा, "कैंसर का टीका कोविड वैक्सीन के विकास के दौरान वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई सफलताओं पर आधारित होगा।" उन्होंने कहा कि अब सिर्फ 8 साल के भीतर कैंसर का टीका विश्वभर में उपलब्ध हो सकता है, साथ ही उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि 2030 से पहले निश्चित रूप से कैंसर का टीका बन जाएगा। वैज्ञानिकों ने कहा कि वर्तमान में जो कैंसर का टीका विकसित हो रहा है उसमें एमआरएनए तकनीक (mRNA Technology) का किया जा रहा है, जिससे कैंसर सेल्स को पहचानने और उनपर हमला करने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसका पहला और सबसे अहम लक्ष्य कैंसर को बढ़ने से रोकना है। इसके अलावा अन्य प्रकार के टीके उन लोगों के इलाज के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जिन्हें पहले से ही कैंसर है, जिसमें उन्नत प्रोस्टेट कैंसर (advanced prostate cancer) वाले लोगों के लिए एक FDA के समर्थन वाली कैंसर वैक्सीन भी शामिल है।
जानिए किस तरह काम करेगा कैंसर का वैक्सीन
प्रोफेसर उगुर साहिन ने कहा कि हमारा लक्ष्य फिलहाल यह देखना है कि क्या हम सर्जरी के तुरंत बाद मरीजों को यह टीका दे सकते हैं या नहीं। इसके बाद हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कैंसर के मरीज को जो वैक्सीन दी गई है उसके प्रभाव से इम्यून प्रतिक्रिया वाली टी कोशिका सक्रिय हो रही है या नहीं, जिससे कैंसर सेल्स को पहचान कर उसे ट्यूमर सेल्स से अलग किया जा सके। मीडिया को दिए हालिया इंटरव्यू में दोनों प्रोफेसरों ने कहा कि कोरोना वैक्सीन विकसित करने का उनका एक्सपीरियंस कैंसर का टीका बनाने में उनकी मदद करेगा, साथ ही वह अपने काम को जल्द ही पूरा भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि "हमने कैंसर के टीके के विकास के लिए दशकों से एमआरएनए टेक्नोलॉजी को विकसित किया है और वह कोरोना वैक्सीन बनाने में मददगार भी रहा है। अब कोविड वैक्सीन विकसित करने का हमारा अनुभव कैंसर का वैक्सीन बनाने में काम आएगा।" बायोएनटेक हमेशा से ही कैंसर मरीजों के इलाज के लिए विशेष रूप से एमआरएनए टेक्नोलॉजी (mRNA Technology) पर ही फोकस करती आई है। प्रोफेसर ट्यूरेसिया ने बताया कि कैंसर का इलाज ना ढूंढ पाने की निराशा और कोरोना वैक्सीन बनाते वक्त हुए अनुभवों ने हमे प्रेरणा दी है। प्रोफेसर दंपत्ति का मानना है कि उन्होंने इम्यून सिस्टम (Immune System) पर जितना काम किया है, उससे उन्होंने सीखा है कि कैंसर सेल्स (Cancer Cells) को खत्म करने के लिए घातक टी सेल्स (T Cells) का किस तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
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