Parenting Tips: टीनएजर बच्चों के साथ इस तरह बनाएं मजबूत रिश्ता, बढ़ती दूरियों हो जाएगी कम

Parenting Tips: टीनएजर बच्चों के साथ इस तरह बनाएं मजबूत रिश्ता, बढ़ती दूरियों हो जाएगी कम
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टीनएज (Teenage) एक ऐसा समय होता है जब आपके बच्चे अपने अंदर और आसपास के वातावरण में हो रहे बदलावों (Changes) को समझने में और उनको अपनाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे होते हैं।

बच्चों की जिंदगी (Children Life) में टीनएज (Teenage) एक बहुत ही नाजुक समय होता है, इस समय में बच्चों की जिंदगी में शारीरिक (Physical) और मानसिक (Mental) दोनों ही तरह से बदलाव हो रहा होता है। यह एक ऐसा समय होता है जब आपके बच्चे अपने अंदर और आसपास के वातावरण में हो रहे बदलावों को समझने में और उनको अपनाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे होते हैं। ऐसे में आपको अपने बच्चों का दोस्त बनकर उनकी समस्याओं और कठिनाइयों को समझना होता है, कई पेरेंट्स ऐसे होते हैं जो अपने बच्चों पर कई तरह की पाबंदियां लगाते हैं। उनसे बहुत ज्यादा सवाल-जवाब करते हैं, ऐसे में आपका बच्चा आपको अपना साथी समझने की जगह आपसे दूर होने लगता है।

आज की इस खबर में हम आपको बताएंगे की टीनएजर (Teenager) बच्चों को किस तरह हैंडल (Parenting Tips) किया जाता है और आप उनके साथ किस तरह थोड़ी सहजता, सावधानी और समझदारी से पेश आ सकते हैं। अपने टीनएजर बच्चे के साथ भरोसेमंद, अच्छा और मजबूत रिश्ता बनाने के लिए आपको कुछ चीजों को समझना होगा और आपने डेली रुटीन में उसे फॉलो भी करना होगा।

अपने बच्चों की बात को सुनिए और समझने की कोशिश करिए

पेरेंट्स और बच्चों के बीच में जनरेशन गैप (Generation Gap) होता है, आपके समय में जो चीजे और जो समस्याएं हुआ करती थी वह आपके बच्चों के समय में नहीं होती हैं। पेरेंट्स के पास भले ही जिंदगी का एक्सपीरियंस बच्चों से ज्यादा हो, लेकिन उन्हें अपने बच्चों को अपने फैसले और सही-गलत की समझ देनी चाहिए। अगर आपके बच्चे ने कोई फैसला लिया है तो पहले उसकी बात को ठन्डे दिमाग से सुने, समझें और बाद में अपनी राय दें। अपने बच्चों को हर छोटी-बड़ी बात पर टोकना और डाटना बंद कर दें, ऐसा करके आप बस अपने और अपने बच्चे के बीच रिश्तों में आ रही दरार को और गहरा कर देंगे। टीनएज में बच्चे को जरूरत होती है ऐसे इंसान की जो उनके मन में उठ रहे सवालों का जवाब दे सके, उनके अंदर मची हुई उथल पुथल को सही दिशा दिखा सके। अगर आप उनको वो सपोर्ट दे पाएंगे जो वो आपसे चाहते हैं तो अपने बच्चों के करीब हो जाएंगे और उन्हें दोस्त बनकर सही रास्ता दिखा सकते हैं।

बच्चों की स्कूल के कामों और होमवर्क में सहायता करें

कई बार ऐसा होता है कि बच्चों के कुछ सब्जेक्ट्स के बारे में आपको ज्यादा जानकारी नहीं होती है, लेकिन जितना हो सकते आप अपने बच्चों की मदद करने की कोशिश करें। बच्चा अगर किसी कंफ्यूजन में होगा तो आपसे राय ले पाएगा, इसके साथ ही वह अपनी पढाई और होमवर्क में मन लगा पाएगा। आप अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए एक निश्चित समय बना लें, जिससे पढ़ाई आपके बच्चे के डेली रुटीन का हिस्सा बन जाएगी। जब आपके बच्चे पढ़ाई कर रहे हों आप उनके साथ बैठकर उनकी मदद करने के साथ ही अपने ऑफिस के या कोई भी छोटे-मोठे काम जो पढ़ाई में डिस्टर्ब ना करें, उन्हें निपटा सकते हैं।

अपने कामों में बच्चों को करें इन्वॉल्व

घर और बाहर दोनों के कामों में कभी-कभी अपने बच्चों को अपने साथ लेकर जाएं, किचन में खाना बनाते समय मार्किट से सब्जी लाते समय आप कभी-कभी अपने बच्चों को अपने साथ लेकर जा सकते हैं। जिससे उन्हें अपनी जिम्मेदारी का भी अहसास हो, साथ ही वह कामों को भी सीखेंगे। ऐसा करने से बच्चे यह भी समझ सकेंगे कि इन कामों में आपकी कितनी ऊर्जा, संसाधन और समय लगता है। इससे वे इन सब चीजों की वैल्यू करना सीखेंगे।

अपने बच्चों की भी लें राय

टीनएजर बच्चों के साथ सबसे बड़ी मुश्किल यह होती है कि लोग न तो उन्हें बड़ा समझते हैं और न ही छोटा। पेरेंट्स ही कई चीजों में अपने बच्चों को बड़े लोगों की तरह काम करने के लिए कहते हैं, वहीं कभी वो अपने बच्चों को बोलतेहैं अभी तुम छोटे हो। ऐसे में बच्चे उपेक्षित महसूसकरने लगते हैं और यह स्थिति उन्हें आपसे से दूर कर सकती है। इसलिए घर का कोई छोटा-मोटा काम हो या कहीं बाहर जाने की प्लानिंग, टीनेजर्स से भी राय जरूर लें। यह नहीं कि आप सिर्फ उनका पसंदीदा डेस्टिनेशन या खाना पूछने तक ही सीमित ना रखें।

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