Diwali 2023: भगवान राम के साथ रावण की भी होती है पूजा, प्रसाद नहीं बल्कि शर्त पूरी करने पर मिलते हैं दर्शन

Diwali 2023: भारत देश में प्रत्येक त्योहार की अपनी एक कथा और कहानी है। इन कहानियों के उदाहरण के दौर पर कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपने अंदर अलग-अलग किस्सों को समाहित किए हुए है। दीपावली का पर्व नजदीक आ रहा है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमवस्या तिथि को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली के दिन भगवान श्रीराम लंका में रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। सकुशल लौटने की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर भगवान के दर्शन के लिए तय की गई शर्त पूरी करनी पड़ती है। जानिए क्या है शर्त...
रामायण के पात्रों का उल्लेख है खास
भारत का यह अनोखा मंदिर मध्य प्रदेश, इंदौर जिले के वैभव नगर में स्थित है। इस मंदिर का नाम 'अपने राम का निराला धाम' है। इस मंदिर को दक्षिण भारतीय संस्कृति के डिजाइन पर बनाया गया है। मंदिर की दीवारों पर राम नाम और पूरे मंदिर में रामायण के पात्रों की मूर्ति बनी हुई है। आपको बता दें कि मंदिर की स्थापना साल 1990 में हुई थी यानि इस मंदिर को बने हुए 33 साल पूरे हो चुके हैं।
शर्त पूरी करने पर ही मिलते हैं दर्शन
अपने राम का निराला धाम मंदिर की खासियत यह है कि इस मंदिर में भगवान के दर्शन पाना इतना भी आसान नहीं जितना आप सोच रहे होंगे। आपको बता दें कि यहां पर भगवान की पूजा के लिए आपको सबसे पहले 108 बार राम नाम लिखना होगा। यह मंदिर मुख्य रूप से हनुमान जी का है। हनुमान और श्रीराम के बीच के रिश्ते की गहराई से हम सभी भली भांति परिचित हैं। इस दिवाली अगर आप भी कहीं घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो यह मंदिर आपके लिए बेहद खास साबित हो सकता है। मंदिर में प्रवेश के लिए प्रसाद और चढ़ावा लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि यहां की एंट्री फीस राम नाम लिखना है।
मंदिर में नहीं कोई भी दान पेटी
अक्सर मंदिरों में दान पेटी देखने को मिल जाती है, फिर चाहे मंदिर छोटा हो या फिर बड़ा। लेकिन, क्या आपको पता है कि एक मंदिर ऐसा भी है, जहां पर एक भी दान पेटी नहीं है। जी हां, इस मंदिर का नाम अपने राम का निराला धाम है, क्योंकि यहां पर भगवान के आगे एक भी दान पेटी नहीं रखी गई है और ना ही किसी भी प्रकार की मोहमाया वाली चीजें रखी गई हैं।
रावण की भी होती है पूजा
इस मंदिर के हर एक कोने में राम नाम लिखा हुआ है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में मेघनाथ, रावण, कैकेयी, कुंभकर्ण, मंथरा और शूर्पणखा जैसे रामायण के सभी पात्र की मूर्तियां स्थित हैं और सभी की पूजा की जाती है। मंदिर में हनुमानजी की 51 फीट ऊंची विशाल मूर्ति मौजूद है, जिनके कंधे पर राम-लक्ष्मण जी बैठे हैं।
मंदिर के संरक्षक हैं भगवान राम
इस मंदिर में भगवान श्रीराम संरक्षक की पदवी पर, हनुमान जी अध्यक्ष,कुबेर जी कोषाध्यक्ष, भोलेनाथ सेक्रेटरी, सुरक्षा अधिकारी के रूप में यमराज, चित्रगुप्त लेखा-जोखा अधिकारी और वास्तुविद् के रूप में विश्वकर्मा जी है। अगर आपको कभी भी इंदौर जाना हो तो इस मंदिर का अवश्य दर्शन करना चाहिए।
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