Pregnancy Myths: पोंछा लगाने से ज्यादा खाने तक जानिए प्रेगनेंसी के चर्चित मिथक, बच्चे पर पड़ेंगे भारी

Know Famous Pregnancy Myths: मां बनना किसी भी महिला की जिंदगी का सबसे खूबसूरत और खुशनुमा एहसास होता है। अपने गर्भ में एक नई जिंदगी को 9 महीने तक पालना और उसे जन्म देने की खुशी इस दुनिया की सबसे बड़ी खुशी होती है। महिलाओं की प्रेगनेंसी के दौरान परिवार में हर कोई नन्हें मेहमान के इस दुनिया में आने का इंतजार कर रहा होता है। ऐसे में माता को कब क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, हर चीज का परिवार वाले बहुत ही खास ध्यान रखते हैं। लेकिन, ऐसे बहुत से लोग हैं, जो इन सावधानियों को पुरानी धारणाओं से जोड़कर देखते हैं, जबकि इनका कोई प्रैक्टिकल बेस नहीं होता है। कई लोग अंधविश्वास के शिकार होकर कुछ ऐसे कदम उठा लेते हैं, जिनसे डिलीवरी के वक्त बहुत ही प्रॉब्लम होती है।
Pregnancy Myths पर ना करें विश्वास
लोगों को यह समझने की जरुरत है कि आप किसी भी महिला को किसी दूसरी महिला से तुलना नहीं कर सकते हैं। उन्हें यह समझना चाहिए की हर महिला का शरीर का एक जैसा नहीं होता है। साथ ही उनके गर्भ में पल रहे बच्चे भी एक तरह की मूवमेंट नहीं करते हैं। ऐसे में महिलाओं को कुछ भी कदम उठाने से पहले डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए, जिससे उन्हें या उनके बच्चे को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। ऐसे में आज हम आपको प्रेगनेंसी से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में बताएंगे, जिन्हें आपको आंख बंद करके फॉलो नहीं करना चाहिए। इससे आपको और आपके बच्चे को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेगनेंसी से जुड़े बहुत ही मशहूर सामाजिक मिथक, जिनसे आपको दूरी बनानी चाहिए।
1. पहली डिलीवरी C Section से हुई है, तो दूसरी भी ऑपरेशन से ही होगी
आपने इस मिथक को तो बहुत ही ज्यादा सुना होगा, लेकिन इस बात पर विशेषज्ञों की राय कुछ अलग होती है। मीडिया रिपोर्ट्स में विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि डिलीवरी कैसी होगी, यह निर्भर करता है कि पिछला ऑपरेशन किस वजह से हुआ था। अगर महिला के Pelvis का साइज छोटा है, तो ऑपरेशन का होना तय है। वहीं, अगर पिछले ऑपरेशन का कारण कोई अन्य इमरजेंसी रही है और दूसरे बच्चे के दौरान सभी चीजें नॉर्मल हैं, तो आपको ऑपरेशन करवाने की आवश्यकता नहीं होगी।
2. प्रेगनेंसी में भूख से ज्यादा खाना बच्चे के लिए फायदेमंद
कई लोग ऐसा मानते हैं कि प्रेगनेंसी में अगर माता भूख से ज्यादा खाना खाती है, तो यह उनके लिए फायदेमंद साबित होता है। लेकिन, यह सच नहीं है, इस मिथ को पूरी तरह से नकारते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि प्रेगनेंसी में ज्यादा खाने से जरूरी होता है कि आप जितना भी खाएं हेल्दी खाना खाएं। इसके लिए आप एक बार में खाना खाने के बजाय दिन में चार से पांच बार रुक-रुकर भी खा सकते हैं। इससे खाना अच्छे से डाइजेस्ट होकर शरीर को पोषण दे पाएगा।
3. प्रेगनेंसी के सातवें महीने से माता को बैठकर पोछा लगाना चाहिए
यह बहुत ही आम मिथ है, जो तकरीबन हर घर में लोगों को सुनने को मिल ही जाता है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेगनेंसी में बैठकर पोंछा लगाने जैसी धारणाएं बिल्कुल ही गलत हैं, इसका डिलीवरी के आसान और मुश्किल होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। दरअसल, आठवें महीने के बाद बच्चे का सिर पेल्विक में आने लगता है। ऐसे में पेल्विक पर जोर देने से बच्चे की गर्दन भी टेड़ी हो सकती है।
4. प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज ना करें
यह मिथक बिल्कुल गलत है, क्योंकि हेल्दी प्रेगनेंसी और सेफ डिलिवरी के लिए माता का एक्सरसाइज करना बहुत ही ज्यादा जरुरी होता है। लेकिन, इस दौरान माताओं को हार्ड वर्कआउट करने से बचना चाहिए और हल्के-फुल्के योगासन या एक्सरसाइज को ट्राई करना चाहिए। इसके लिए आप नॉर्मल वॉक और अनुलोम- विलोम, प्राणायाम आदि भी ट्राई कर सकती हैं, जो बॉडी में मूवमेंट को बनाए रखने में कारगर साबित होंगे।
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