World Peace Day 2022: कबूतर को क्यों कहा जाता है अमन का प्रतीक, जानिए अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की थीम और इतिहास?

World Peace Day 2022: अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace) 21 सितंबर को विष्वभर में मनाया जाता है, इस दिन यूनाइटेड नेशनल जनरल असेंबली (United Nations General Assembly) 24 घंटे के लिए लोगों में अहिंसा और युद्धविराम का पालन करके राष्ट्रों के बीच शांति स्थापित करने को बढ़ावा देती है। इस वर्ष के शांति दिवस की थीम "नस्लवाद को समाप्त कर, शांति का निर्माण करें" (End racism. Build peace) है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक शांति स्थापित करने के मतलब बस हिंसा को रोकना नहीं है, इसका अर्थ है कि लोगों में यह भावना और विशवास हो की वह सब साथ मिलकर भी आगे बढ़ सकते हैं। वह ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं जहां किसी भी व्यक्ति के साथ उसकी जाति, धर्म, रंग, आर्थिक स्थिति को देखकर भेदभाव ना किया जाए।
जानिए अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस का इतिहास और महत्व (World Peace Day Significance and History)
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1981 में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी थी, यह दिन सभी भेदभाव और मतभेदों से ऊपर उठकर मानवता को बढ़ावा देता है, साथ ही पूरे विश्व में शांति निर्माण की ओर कदम बढ़ाता है। जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2001 में अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस की तारीख 21 सितंबर घोषित की गयी थी, इससे पहले यह दिन सितंबर के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था। विश्व शांति दिवस को मनाने के लिए न्यूयॉर्क शहर में स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र शांति घंटी (UN Peace Bell) बजाई जाती है। शांति बेल को 1954 में जापान के संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दान किया गया था। बताते चलें कि वर्ष में दो बार शांति घंटी को बजाया जाता है:- वसंत के पहले दिन वर्नल विषुव (Autumnal Equinox) पर और 21 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (International Day of Peace) मनाने के लिए।
कबूतर कैसे बने शांति प्रतीक? (how doves become peace symbol)
आप सभी ने अक्सर देखा होगा कि शांति के प्रतीक के रूप में लोग सफेद कबूतर (Doves) का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऐसे क्यों और कब से हो रहा है? दरअसल कई लोगों का मानना है कि 'बाइबल' में लिखे एक प्रसंग के मुताबिक भयानक बाढ़ में कबूतर मानवता की रक्षा के लिए सामने आये थे, इसलिए वह शांति का प्रतीक है। वहीं दूसरा कारण यह है कि मशहूर स्पेनिश कलाकार 'पाब्लो पिकासो' ने अपनी पेंटिंग्स में शांति के प्रतीक के रूप में कबूतरों को चिन्हित किया है। युद्ध में हुई भीषण तबाही को दर्शाती हुई पिकासो की एक पेंटिंग में कबूतरों को घायल घोड़ों और मवेशियों को मरहम लगाते दिखाया गया है।
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