Khatna: यौन इच्छा और पवित्रता के नाम पर असहनीय दर्द की भेंट चढ़ रही महिलाएं, पढ़ें खतना से जुड़ी जानकारियां

Khatna: यौन इच्छा और पवित्रता के नाम पर असहनीय दर्द की भेंट चढ़ रही महिलाएं, पढ़ें खतना से जुड़ी जानकारियां
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जानिए क्या होता है खतना, मुस्लिम समुदाय में कब और कैसे हुई इस प्रथा की शुरुआत।

Female genital mutilation: मुस्लिम (Muslim) समुदाय की बहुत सी परंपराओं में से एक खतना होती है। आप में से बहुत से लोग खतना (Khatna) शब्द को जानते होंगे। आमतौर पर आप सभी ने पुरुषों के खतने के बारे में सुना होगा, लेकिन ऐसे बहुत से मुस्लिम मुल्क हैं, जहां महिलाओं का भी खतना करवाया जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि महिलाओं के खतने की यह परंपरा भारत में भी निभाई जाती है। दरअसल, भारत में रहने वाले दाऊदी बोहरा मुस्लिमों की कम्युनिटी में महिलाओं का खतना करवाया जाता है। आज की इस खबर में हम महिलाओं के साथ की जाने वाली इस दर्दनाक परंपरा खतना के बारे में बात करेंगे। खतना क्या होता है, यह अच्छी तरह समझने के लिए पहले हम आपको एक छोटी सी घटना के बारे में बताएंगे। तो चलिए बिना वक्त बर्बाद किए महिलाओं के खतने के बारे में सबकुछ जानते हैं:-

7 साल की बच्ची का दादी ने करवाया खतना

ये घटना गोवा में रहने वाली एक सात साल की बच्ची से जुड़ी है। यह बच्ची बहुत ही मासूम थी और अपनी दादी द्वारा दिए चॉकलेट के लालच में फंस गई। एक दिन बच्ची की दादी ने उसे बाहर घूमने ले जाने की बात कही थी और चॉकलेट दिलवाने का लालच दिया। मासूम बच्ची अपनी दादी की बातों में आकर उनके साथ चली गई। दादी अपनी ही पोती को एक अनजान कमरे में ले गईं। वहां कुछ लोगों ने बच्ची के हाथ-पैर कसकर पकड़ लिए। बच्ची कुछ बोलती, उससे पहले ही उसके प्राइवेट पार्ट पर ब्लेड चला दिया गया। दर्द से बच्ची चीखने लग गई, मानों उसकी जान ही निकल गई हो। अब इस बात को 48 साल बीत चुके हैं, वो बच्ची बड़ी हो गई है। लेकिन अपने साथ हुए इस खतरनाक और खौफनाक मंजर को वो अपनी यादों से नहीं निकल पाई है। वह आज भी उस मंजर को याद करके सहम जाती है।

जानिए क्या होता है खतना?

खतने में पुरुषों या महिलाओं के प्राइवेट पार्ट के एक हिस्से को काट दिया जाता है। यह कार्य नवजात शिशुओं और 15 साल तक की बच्चियों के साथ किया जाता है। नवजात शिशुओं (पुरुष) के लिंग के ऊपरी हिस्से की त्वचा को हटा दिया जाता है, जो फिर दोबारा नहीं आती है। वहीं महिलाओं के खतने को फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (Female genital mutilation) कहा जाता है। आमतौर पर इस प्रक्रिया में वजाइना के क्लिटोरिस हुड को ब्लेड से काटकर अलग कर दिया जाता है। कई बार खतने की प्रक्रिया में योनी को सीलना या फिर पूरी क्लिटोरिस को हटाना भी शामिल होता है। बता दें कि भारत में यह परंपरा बोहरा कम्युनिटी की महिलाओं के साथ करवाई जाती है।

क्यों करवाया जाता है महिलाओं का खतना?

खतना की परंपरा का पालन करने वाले लोगों का यह मानना होता है कि महिलाओं का खतना करने से उनमें सेक्स की इच्छा खत्म हो जाती है। जिससे महिलाओं का चाल-चलन नहीं बिगड़ता है और वो अपने पति के प्रति समर्पित रहती हैं। वहीं बोहरा कम्युनिटी के लोग खतना करवाने के पीछे हाइजीन और प्यूरिटी को वजह बताते हैं। उनके हिसाब से खतने को सेक्सुअल डिजायर से जोड़ना बिल्कुल गलत है।

जानिए कैसे किया जाता है महिलाओं का खतना?

ऐसा कहते हैं कि बच्चियों की मम्मी या दाई ही उन्हें बाहर घुमाने के बहाने खतना करवाने ले जाती हैं। वहां पहले से लोग तैयार होते हैं। बच्चियों को कसकर पकड़ लिया जाता है। इसके बाद खास तरह की तेजधार चाकू, रेजर, ब्लेड या कैंची से एक ही कट में क्लिटोरिस हुड को काटकर अलग कर दिया जाता है। पहले के समय में प्राइवेट पार्ट से हो रही ब्लीडिंग को रोकने के लिए ठंडी राख का इस्तेमाल किया जाता था। अब वक्त के साथ परंपराओं में भी बदलाव हुआ है और ब्लीडिंग को रोकने के लिए एंटीबायोटिक पाउडर या लोशन को लगाया जाता है। ब्लीडिंग रूकने के कम से कम 40 मिनट बाद बच्ची को घर वापस भेज दिया जाता है। साथ ही, उन्हें कुछ दिन खेलने कूदने के लिए मना किया जाता है।

कई लोग बच्चियों के जन्म के तुरंत बाद करवा देते हैं खतना

महिलाओं में खतना करवाने के लिए कोई उम्र फिक्स नहीं होती है, ज्यादातर खतने 6 से 14 साल के बीच में किए जाते हैं। वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो बच्चियों के जन्म के तुरंत बाद ही उनका खतना करवा देते हैं। वहीं कुछ जगहों पर प्रेग्नेंसी के दौरान या पहले बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं का खतना किया जाता है। यहां सबसे अजीब बात यह है कि कई बार महिलाओं और बच्चियों का खतना पुरुषों से भी करवा लिया जाता है। आमतौर पर खतना परिवार या कम्युनिटी की बुजुर्ग महिला करती हैं, लेकिन आजकल लोग मेडिकल एक्सपर्ट की देखरेख में खतना करवाने लगे हैं।

कब हुई खतने की प्रथा की शुरुआत?

खतना कब से किया जा रहा है या इसकी शुरुआत कब हुई थी, यह बता पाना बहुत ही मुश्किल है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खतने की प्रथा का जिक्र 5वीं सदी में मिलता है और मिस्र से इस परंपरा की शुरुआत हो सकती है। इस सदी में मिस्र की महिलाओं का खतना किया जाता था। इस बात के प्रमाण के लिए ब्रिटिश म्यूजियम में 163BC की एक ममी रखी है, जिसमें महिलाओं के खतने को दिखाया गया है। कई लोगों का मानना है कि मिस्र की महिलाओं को उस वक्त सेक्स स्लेव की तरह इस्तेमाल किया जाता है। अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए उस वक्त इन महिलाओं का खतना किया जाता था।

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