नींद की कमी से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें इसके प्रभाव

नींद की कमी से बढ़ सकता है हार्ट अटैक का खतरा, जानें इसके प्रभाव
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आज की व्यस्त जीवनशैली में काफी लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं। बता दें कि कम नींद लेना दिल की बीमारी को कई गुणा बढ़ा देता है। आइए जानते हैं कि कम नींद लेना कैसे हमारे लिए खतरनाक हो सकता है...

Lack of sleep may cause Heart Attack: हेल्दी जीवन जीने के लिए नींद का पूरा होना काफी जरूरी है, क्योंकि पूरी नींद हमारे शरीर और माइंड को उचित तरीके से काम करने में हेल्प करती है। अगर आप किसी कारण से पूरी नींद नहीं ले पाते हैं, तो मेंटल क्लियरिटी (Mental Clarity) और इमोशनल हेल्थ (Emotional Health) पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलता है। उचित नींद सिर्फ आपकी मेंटल हेल्थ के लिए ही नहीं, बल्कि हार्ट हेल्थ के लिए भी काफी जरूरी है। आज की व्यस्त जीवनशैली में काफी लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं।

नींद की कमी का हार्ट हेल्थ पर प्रभाव

अगर आप पूरी नींद नहीं ले रहे हैं, तो ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम के संतुलन पर गहरा असर पड़ सकता है। इससे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम प्रभावित होता है। नींद की कमी के कारण सिंपेथिक नर्वस सिस्टम की एक्टिविटी बढ़ जाती है। जिसके कारण हमारे दिल पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इस असंतुलन की वजह से बीपी हाई हो सकता है। वहीं, हार्ट रेट और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के बढ़ने जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन वजह से कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।

नींद की कमी से हार्ट अटैक का जोखिम

शरीर में नींद की कमी हाई ब्लड प्रेशर के खतरे से जुड़ी होती है, जो दिल की बीमारियों को बढ़ावा देने के कई कारणों में से एक है। जब कोई व्यक्ति किसी वजह से काफी लंबे समय से पूरी नींद नहीं ले पाता है, तो उसे हाई बीपी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हाई बीपी के कारण हार्ट पर ज्यादा प्रेशर बनता है और ब्लड वेसल्स को डैमेज कर सकता है और आगे भविष्य में यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है। नींद पूरी न होने पर इसका असर हमारे कोलेस्ट्रॉल लेवल पर भी देखने को मिलता है, जो दिल की बीमारी का एक महत्वपूर्ण कारक है। अधूरी नींद, शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती देती है। बैड कोलेस्ट्रॉल से आर्टरीज में प्लाक इकट्ठा हो सकता है, आटर्री सिकुड़ सकती है और ब्लड फ्लो में रुकावट आ सकती है।

नींद की कमी से वजन का बढ़ना और डायबिटीज

अधूरी नींद से इंसुलिन सेंसिटिविटी और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं, इससे वजन बढ़ने का रिस्क भी रहता है और मोटापा बढ़ने की वजह से लोगों को दिल की बीमारी की शिकायत हो सकती है।

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