New Research on Heart Disease: भोजन में देरी करने वाले हो रहे हार्ट अटैक के शिकार, पढ़िये नई रिसर्च के चौंकाने वाले खुलासे

New Research on Heart Disease: भोजन में देरी करने वाले हो रहे हार्ट अटैक के शिकार, पढ़िये नई रिसर्च के चौंकाने वाले खुलासे
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New Research on Heart Disease: आपने पढ़ा होगा कि किन खाद्य पदार्थों से हार्ट अटैक या अन्य प्रकार की हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ या कम हो सकता है। लेकिन, नई शोध से पता चला है कि आप किस समय भोजन करते हैं, यह भी मायने रखता है।

सर्दी बढ़ने के साथ ही हार्ट अटैक के मामले तेजी से सामने आने लगते हैं। हाल में बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े को हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद एंजियोप्लास्टी करानी पड़ी। आज खबर सामने आई कि भोजपुरी एक्टर ब्रिजेश त्रिपाठी और माफिया अतीक अहमद के करीबी मोहम्मद नफीस की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। ऐसी खबरें पढ़कर लोग जानना चाहते हैं कि हार्ट अटैक से कैसे बचा जाए। हार्ट अटैक से बचने की टिप्स से संबंधित कई खबरें आपको सोशल मीडिया पर मिल जाएंगी। आपने यह भी पढ़ा होगा कि किन खाद्य पदार्थों से हार्ट अटैक या अन्य प्रकार की हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ या कम हो सकता है। लेकिन, नई शोध से पता चला है कि आप किस समय भोजन करते हैं, यह भी ह्रदय रोग को कम या बढ़ा सकता है।

नेचर कम्युनिकेशंसट्रस्टेड सोर्स ने हार्ट अटैक पर किए गया नया शोध 14 दिसंबर को प्रकाशित किया है। इस शोध के मुताबिक, जो लोग ब्रेकफास्ट और डिनर देरी से करते हैं, उनमें अन्य लोगों की तुलना में ह्रदय संबंधित बीमारियां होने की आशंका अधिक होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति रात को 9 बजे खाना खाता है, तो उसमें 8 बजे खाना खाने की तुलना में ह्रदय रोग होने का खतरा 28 फीसद अधिक होता है। मतलब यह है कि हर एक घंटे की देरी के साथ यह खतरा बढ़ता जाता है यानी रात का खाना 11 बजे खाने वाले इंसान में 8 बजे खाने वाले व्यक्ति की तुलना में ह्रदय रोग का खतरा 84 फीसद तक पहुंच जाता है। ऐसे में शोधकर्ताओं ने लोगों को सलाह दी है कि सुबह के नाश्ते और रात के खाने में देरी न करें।

लंच की टाइमिंग का ह्रदय रोग पर प्रभाव नहीं, लेकिन सचेत रहें

शोधकर्ता पामेला मार्टिन-नेमेथ के हवाले से लिखा है कि दोपहर के खाने का ह्रदय रोग पर सीधा प्रभाव नहीं पाया गया है। अगर दोपहर एक बजे खाना खाते हैं, तो 2 या 3 घंटे की देरी भी ह्रदय रोग का जोखिम नहीं बढ़ाता है। हालांकि उन्होंने सलाह दी है कि लंच करने का समय भी फिक्स होना चाहिए। यह शरीर को फायदा पहुंचाता है।

ब्रेकफास्ट और डिनर का सही समय क्या

अब आप सोच रहे होंगे कि ब्रेकफास्ट और डिनर करने का सही समय क्या है। शोधकर्ताओं ने इस सवाल का भी जवाब दिया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्रेकफास्ट और डिनर सूर्य की रोशनी में होना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि सुबह सूर्य उदय हो, उसके बाद ब्रेकफास्ट कर लें। इसी तरह शाम को सूर्यास्त से पहले रात का खाना खा लें। शोधकर्ता पामेला मार्टिन का कहना है कि सूर्यास्त के बाद उपवास रखना सेहत के लिए फायदेमंद देखा गया है।

महिलाओं में ह्रदय रोग का ज्यादा खतरा

शोधकर्ताओं ने बताया कि यह शोध 103,389 लोगों पर सात साल तक किया गया। प्रतिभागियों की औसत आयु लगभग 42 वर्ष थी। 10 में से करीब 8 महिलाएं प्रतिभागी थी। उन्होंने पाया कि ज्यादातर महिलाएं देरी से ब्रेकफास्ट और डिनर करती हैं, लिहाजा उनमें ह्रदय रोग बढ़ने की आशंका सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान और शराब के सेवन समेत कई अन्य कारक हैं, जो हार्ट अटैक जैसी समस्या के लिए जिम्मेदार होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि ह्रदय रोग से बचने के लिए खान-पान की आदतों पर अधिक शोध की आवश्कता है।

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