लोहड़ी और होलिका के बीच क्या है संबंध? जानिए इस त्योहार से जुड़े कुछ बहुत ही इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

Interesting Facts About Lohri: वैसे तो लोहड़ी पंजाबियों का त्योहार होता है, लेकिन इस त्योहार को पंजाब समेत भारत के उत्तरी राज्यों में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन काले तिल, गजक, गुड़ मूंगफली जैसी बहुत सी चीजों के साथ फसल कटाई की रस्म की जाती है। लोहड़ी के दिन इन सभी चीजों को पवित्र आग में डालकर पूजा की जाती है और जश्न मनाया जाता है। लोहड़ी को 'शीतकालीन संक्रांति' भी कहते हैं। यह पूरे साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है। बता दें कि लोहड़ी का त्योहार उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में सूर्य के उदय की शुरुआत का प्रतीक है। लोहड़ी पंजाब समेत हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू में काफी मस्ती और धूमधाम के साथ सेलिब्रेट की जाती है। अब क्योंकि 13 अगस्त को लोहड़ी है तो क्यों न त्योहार मनाने से पहले हम इससे जुड़े कुछ हैरान करने वाले फैक्ट्स जान लें। जो शायद आप भी ना जानते हों, चलिए देखते हैं:-
- बता दें कि पोंगल, बिहू, मकर संक्रांति की तरह ही लोहड़ी का त्योहार भी सेलिब्रेट किया जाता है।
- लोहड़ी का त्योहार पंजाब क्षेत्र में सबसे ज्यादा मनाया जाता हैं। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि प्रचलित कथाओं के मुताबिक होलिका और लोहड़ी दोनों बहनें थीं। होलिका आग में जल गयी और पंजाब में लोहड़ी की पूजा की जाने लगी थी।
- ऐसा कहा जाता है कि लोहड़ी का त्योहार पंजाब के रॉबिनहुड दुल्ला भट्टी को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है, जो लड़कियों को गुलामों के बाजार में बिकने से बचाते थे।
- लोहड़ी के अगले दिन से नया वित्तीय साल (financial year) शुरू होता है, जिसे माघी कहा जाता है। लोहड़ी सर्दियों के मौसम के अंत का और नए खेती के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। लोहड़ी के त्योहार में गुड़ और गजक जैसी बहुत सी टेस्टी चीजें बनाई जाती हैं और पूजन के बाद इसे खाया जाता है।
- लोहड़ी सर्दियों के दौरान सेलिब्रेट की जाती है, इस मौसम में लोग साग को बहुत चाव से खाते हैं। मक्के की रोटी और सरसों का साग जिसको घी या सफेद मक्खन के साथ परोसा जाता है। ये खानें में बेहतरीन होता है।
- पंजाब में इसे लोही कहते हैं, लोही सिख धर्म के एक अहम संत कबीर की पत्नी थीं। लोहड़ी के अवसर पर विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में कई मेलों का आयोजन किया जाता है।
- पंजाब के कुछ हिस्सों में लोग अलाव तैयार करने के लिए गाय के गोबर और लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं। लोहड़ी की शाम को लोग बोन फायर के पास इकट्ठा होते हैं, जिसमें तिल, बीज, अनाज को आग में फेंका जाता है और आदर ऐ दिलेर जय" का जाप किया जाता है।
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