Parenting Tips: इन टिप्स से अपने बच्चों को बनाएं मेंटली स्ट्रांग और वेल मैनर्ड, सिखाएं जिंदगी जीने का सही तरीका

Parenting Tips: इन टिप्स से अपने बच्चों को बनाएं मेंटली स्ट्रांग और वेल मैनर्ड, सिखाएं जिंदगी जीने का सही तरीका
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कई बच्चा मेंटली स्ट्रॉन्ग (Mentally Strong) होते हैं तो कई वीक, बच्चा कॉन्फिडेंट है या नहीं, वेल मैनर्ड है या जिद्दी ये सब काफी हद तक उसकी पैरेंटिंग (Parenting) पर ही निर्भर करता है।

जैसा की हम सभी जानते हैं कि हर बच्चे की अपनी अलग पहचान होती है, उसका बोलने का तरीका, चलने का सलीका या दिमाग बिल्कुल अलग होता है। कुछ बच्चे बहुत पढ़े-लिखे और होशियार होते हैं तो वहीं कुछ बच्चे खेल में अपना नाम रोशन करते हैं। ठीक इसी तरह कई बच्चा मेंटली स्ट्रॉन्ग होते हैं तो कई वीक, बच्चा कॉन्फिडेंट है या नहीं, वेल मैनर्ड है या जिद्दी ये सब काफी हद तक उसकी पैरेंटिंग (Parenting Tips) पर ही निर्भर करता है। इसलिए अगर शुरू से ही आप अपने बच्चे की अपब्रिंगिंग में कुछ बातों का ध्यान रखेंगी तो वह कॉन्फिडेंट होने के साथ ही मेंटली स्ट्रॉन्ग (Mentally Strong) भी हो जाएगा। हर मां-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चे स्मार्ट, कॉन्फिडेंट हों, भावी जीवन में सफल हों। इसके लिए उसे शुरू से ही मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाना जरूरी है। इसके लिए आप यहां बताई जा रही बातों पर अमल कर सकती हैं।

बूस्ट करें कॉन्फिडेंस

कई बार बच्चा आपसे शिकायत करता है कि उसका कोई फ्रेंड, रिलेटिव या क्लासमेट उसके साथ भेदभाव करते हैं या कमतर समझते हैं। ऐसे में उसे समझाएं कि खुद को कमतर समझना उसकी कमजोरी को दर्शाता है। उसे इन चीजों को ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए और दूसरों से ज्यादा उम्मीद नहीं रखकर खुद को स्ट्रॉन्ग बनाना चाहिए। किसी साथी से किसी विषय में एक-आध नंबर कम आने या कॉम्पिटिशन में थोड़ा आगे-पीछे होने का मतलब यह नहीं कि वह कमजोर है। इसलिए बगैर निराश हुए उसे खुद को स्ट्रॉन्ग बनाने का प्रयास करना चाहिए।

ना करें ओवर केयर

अगर आप अपने बच्चे को जरूरत से ज्यादा अटेंशन देती हैं, उसकी एक्सट्रा केयर (Extra Care) करती हैं तो आप अनजाने में ही उसे सेल्फडिपेंड होने से रोकती हैं। ऐसे बच्चे कमजोर इच्छाशक्ति वाले, डरपोक और लापरवाह हो जाते हैं। वे न अपने छोटे मोटे निर्णय ले पाते हैं, न फिजिकली और मेंटली स्ट्रॉन्ग हो पाते हैं। बच्चों का एक रूटीन तय करके जरूरी गाइडेंस देकर उन्हें अपने काम खुद करने दें। हर काम में उनका साथ देना या खुद ही कर देना, बैड पैरेंटिंग कहलाती है। इससे बचने में ही समझदारी है।

न सिखाएं हार से डरना

बच्चों में चंचलता स्वाभाविक तौर पर होती है। ऊर्जा और उत्साह से लबरेज बच्चे हमेशा कुछ न कुछ नया करने को आतुर रहते हैं। नए-नए प्रयोग और कोशिश से ही वे कुछ सीखते हैं और नए काम करने की हिम्मत जुटा पाते हैं। ऐसे में कुछ ओवरप्रोटेक्टिव पैरेंट्स (Over Protective Parents) अपने बच्चों को असफलता या चोट लगने का डर दिखाकर हतोत्साहित करते रहते हैं। बच्चे को बात-बात पर टोकने और डराने पर वह धीरे-धीरे जरूरत से ज्यादा सावधान होने लगता है और फिर मेंटली-फिजिकली वीक हो जाता है। इसलिए बेहतर होगा कि उसकी सुरक्षा का ध्यान जरूर रखें पर उसे हार का इतना डर न दिखाएं कि वह अपनी कोशिश ही न करे।

बच्चे की हर जिद न करें पूरी

कुछ पैरेंट्स अपने बच्चों को इतनी छूट दे देते हैं कि घर में बच्चों की ही मर्जी चलने लगती है। खाना, टीवी प्रोग्राम, बाहर जाने की प्लानिंग सब कुछ बच्चे अपनी जिद से पूरा कराने लगते हैं। बच्चा जो गैजेट या खिलौना मांग लेता है, वो लाना ही पड़ता है। ऐसे बच्चे आगे चलकर भी माता-पिता के साथ बेअदबी से पेश आ सकते हैं, अनुशासनहीन और अशिष्ट हो जाते हैं। इसलिए बच्चों को एक सीमा में लाड़-प्यार करें लेकिन अनुशासन में रखना भी जरूरी है।

जिम्मेदारियां निभाना सिखाएं

बच्चे को हर तरह की सुख-सुविधा देना गलत नहीं है, उनका आराम करना भी जरूरी है लेकिन उन्हें इतना सुविधाभोगी न बनाएं कि वे मेहनत से कतराने लगें। अपने बच्चे को बताएं कि फिजिकल और मेंटल फिटनेस के लिए भरपूर फिजिकली एक्टिव रहना कितना जरूरी है। उसे घर की छोटी-मोटी जिम्मेदारियां सौंपे जैसे, आस-पास से घरेलू सामान लाना, फ्रिज में पानी की बोतल भर कर रखना, अपनी किताबें, खिलौने और ड्रेसेस समेट कर रखना।

शॉर्टकट से बचना सिखाएं

कुछ पैरेंट्स बच्चे का होमवर्क खुद ही करवा देते हैं या उसके किसी इंटेलिजेंट फ्रेंड की कॉपी देखकर उतारने की छूट दे देते हैं। याद रखें, ये तरीके आपके बच्चे को थोड़ा आराम भले ही देती हों लेकिन उसे आलसी बनाने के साथ उसका बौद्धिक विकास भी बाधित करती हैं। साथ ही उसका आत्मविश्वास और आत्मसम्मान भी प्रभावित होता है। जरूरत पड़ने पर उसका मार्गदर्शन जरूर करें लेकिन शॉर्टकट से बचने को प्रोत्साहित करें। आपके ये प्रयास और सपोर्ट बच्चे को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाएंगे, वे अपनी लाइफ में आगे बढ़ते रहेंगे।

शिखर चंद जैन

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