बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद मेडिटेशन

हेल्थ एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि हर सात बच्चों में से एक बच्चे को किसी तरह की मानसिक समस्या हो सकती है। ऐसे में वे बच्चों को शांत रखने, तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन करने की सलाह देते हैं। दरअसल, वयस्कों में जो भी गंभीर मानसिक समस्याएं शुरू होती हैं, वे अकसर 14 वर्ष की उम्र से पहले ही शुरू हो जाती हैं। यह समस्या न हों, इसके लिए मेडिटेशन बहुत मददगार हो सकता है।
कई लाभ होते हैं
मेडिटेशन से ना सिर्फ मेमोरी पावर बढ़ती है बल्कि मेंटल एबिलिटी में भी इजाफा होता है। साथ ही इससे अवेयरनेस बढ़ती है। मेडिटेशन करने वाले बच्चे सही और गलत में फर्क करने में सक्षम होते हैं। ऐसे बच्चों में चीजों और परिस्थितियों के लिए समझ भी बढ़ती है। विशेषज्ञों की माने तो रेग्युलर मेडिटेशन करने वाले बच्चे इमोशनली स्ट्रॉन्ग होते हैं। ये अकसर खुशमिजाज और रिलैक्स मूड में रहते हैं, नतीजतन इनमें चिड़चिड़ापन नहीं रहता और अपने काम के लिए ज्यादा एकाग्र रहते हैं। ऐसे बच्चों में आत्मविश्वास और धैर्य भी ज्यादा होता है। इसके अलावा इनका सामाजिक व्यवहार और निर्णय लेने की क्षमता भी अच्छी होती है।
फॉलो करें डिफरेंट टाइप
म्यूजिक मेडिटेशन : इसमें बच्चों को मेडिटेशन के साथ मधुर संगीत सुनाया जाता है। जिससे उनके मन को शांति मिले। यह संगीत शास्त्रीय या आध्यात्मिक होना चाहिए।
मंत्र मेडिटेशन : ओम का उच्चारण मन को भीतर तक प्रभावित करता है। बच्चे को सही तरीके से आत्मिक शांति के साथ ओम बोलना सिखाएं, जो लंबी सांस के साथ बोला जाता है।
गेजिंग मेडिटेशन : इसमें बच्चा किसी तस्वीर या मोमबत्ती की लौ पर अपनी नजर स्थिर करते हुए ध्यान करता है। फिर आंखें मूंद कर अपने मन में उस तस्वीर या लौ की कल्पना इस तरह करता है कि वह उसे अपने सामने ही दिखती है। इससे एकाग्रता बढ़ती है।
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ऐसे करवाएं ध्यान
बच्चों को मेडिटेशन की आदत डालने के लिए यह उपाय अपनाए जा सकते हैं-
-बच्चे देखकर सीखते हैं, इसलिए जो पैरेंट्स अपने बच्चों में मेडिटेशन की आदत डालना चाहते हैं, सबसे पहले खुद उनको इसका अभ्यास करना चाहिए। बच्चे रोज पैरेंट्स को मेडिटेशन करते देखेंगे तो वे भी इसको सीखने में रुचि लेंगे।
-घर में मेडिटेशन के लिए एक शांत और तय स्थान को चुनें। जहां बैठकर आप और बच्चे मेडिटेशन एंज्वॉय करें। यहां किसी तरह का शोरगुल न हो तो अच्छा है।
-मेडिटेशन को रूटीन बनाने के लिए हर दिन एक तय समय पर ही बच्चे को इसे करने को कहें। इसके लिए सुबह सवेरे या रात को सोने से पहले का समय ठीक रहता है।
- ज्यादा छोटे बच्चों के लिए 2 से 5 मिनट और किशोर बच्चों के लिए 7 से 15 मिनट मेडिटेशन के लिए ठीक है।
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