पीरियड्स में दर्द से रहती हैं परेशान तो करें ये योगासन, तुरंत मिलेगा आराम

Yoga For Period Relief : पीरियड्स (Periods) यानी मैंस्ट्रूअल साइकल या माहवारी एक प्राकृतिक शारीरिक चक्र है। 13-14 साल की उम्र से हर लड़की में शुरू होने वाली यह मंथली साइकल, 45-50 वर्ष तक की महिलाओं में होता है। योगा एक्सपर्ट डॉ. अंजलि शर्मा बताती हैं कि इस दौरान कुछ महिलाओं को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है-पीरियड क्रैंप्स यानी इस दौरान पीठ, पेट या पैरों में होने वाला दर्द। कुछ महिलाओं को असहनीय पीरियड क्रैंप्स होते हैं। ऐसे में कुछ योगासन कारगर साबित हो सकते हैं। इन्हें पीरियड्स के दिनों को छोड़कर, बाकी दिनों में नियमित रूप से करने पर पीरियड क्रैंप्स (Period Cramps) से बचा जा सकता है।
सुप्त उदाराकर्षण आसन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के घुटनों को मोड़कर मिलाएं। दोनों हाथों को पीठ की साइड में स्ट्रेच करके सीधा रखें या मोड़कर सिर के नीचे रखें। इस दौरान सांस गति पर नियंत्रण रखें। धीरे से सांस बाहर निकालते हुए दोनों घुटनों को एक साथ दाईं तरफ मोड़ें और गर्दन को विपरीत दिशा यानी बाईं ओर घुमाएं। अब इसी अवस्था में रुकें। कुछ देर बाद पहली पोजिशन में लौट आएं। इसी तरह दूसरी तरफ यानी घुटने बाईं तरफ मोड़ें और गर्दन दाईं तरफ से इस आसन को करें। दोनों साइड्स से यह प्रक्रिया कम से कम 5 बार दोहराएं।
सुप्त पवनमुक्तासन/एकपद पवनमुक्तासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। एक पैर को सीधा छत की ओर उठाएं। इससे 90 डिग्री तक का एंगल बनना चाहिए। अब इसी पैर के घुटने को नीचे जमीन की ओर मोड़ें। दूसरा पैर जमीन पर सीधा टिका रहे। सांस बाहर निकालते हुए घुटने को अपने दोनों हाथों से पकड़ें और पेट की ओर दबाव बनाएं। अब माथे को घुटने से टच करने की कोशिश करें। कुछ देर इसी अवस्था में रुकें। थोड़ी देर बाद पहली अवस्था में लौट आएं। दूसरे पैर से यह प्रक्रिया दोहराएं। इस आसन को 5 बार करें।
भुजंगासन
अस आसन को करने के लिए योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को जमीन पर शरीर से चिपकाकर रखें। पैरों में आपस में कम से कम एक-डेढ़ फीट की दूरी बनाकर रखें। अब हथेलियों पर शरीर का भार डालते हुए कमर से ऊपरी हिस्से को उठाने की कोशिश करें। हथेलियां जमीन पर सख्ती से टिकी होनी चाहिए। अपने कंधों को मजबूती से टिकाए रखें। इस दौरान सांस की गति को सामान्य रखें। कमर से निचले हिस्से यानी हिप्स, थाईज और पैरों से फर्श की ओर दबाव बनाएं। इसी अवस्था में 15-30 सेकेंड तक रुकी रहें। इसके बाद सामान्य अवस्था में लौट आएं।
तिर्यक भुजंगासन
इसे करने के लिए पहले भुजंगासन की पोजिशन में आएं। इसके बाद हाथों पर सख्ती से दबाव बनाए रखें। अब लंबी गहरी सांस लें। सांस बाहर निकालते हुए गर्दन को दाईं तरफ घुमाकर अपने पैरों की एड़ी देखने की कोशिश करें। गहरी सांस लेते हुए वापस गर्दन सीधी करें। सांस बाहर निकालते हुए गर्दन को बाईं तरफ घुमाकर सीधे पैर की एड़ी देखने की कोशिश करें। कुछ देर में गहरी सांस लेकर पहली पोजिशन में लौट आएं। इस तरह आसन को 5 बार दोहराएं।
तितली आसन
तितली या बटरफ्लाई आसन करने के लिए कमर को सीधा रखते हुए पैर सामने की ओर सीधा फैलाकर बैठें। अपनी रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। घुटने मोड़कर दोनों पैरों के तलवे को आपस में मिलाते हुए अपनी थाइज की ओर ज्यादा से ज्यादा पास लाएं। दोनों हाथों से पैरों की अंगुलियों को पकड़ें। सामान्य रूप से सांस लेते हुए घुटनों को ऊपर-नीचे करें। ऐसा 10-15 बार करें।
ध्यान रखें:
इस बात का ध्यान रखें कि यहां बताए गए किसी भी आसन को पीरियड्स के दौरान नहीं करना है। बाकी दिनों में नियमित रूप से इन आसनों को कर सकती हैं। इसके अलावा सुबह खाली पेट या खाना खाने के दो घंटे के अंतराल पर ही योगाभ्यास करना बेहतर होता है। किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही सभी योगाभ्यास करें या उनसे अच्छी तरह सीखने के बाद ही इनका अभ्यास करें।
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