Disadvantages of Momos: मोमोज खाने वाले हो जाएं सावधान, वर्ना बुक कराना पड़ेगा हॉस्पिटल का बेड

Disadvantages of Momos: मोमोज खाने वाले हो जाएं सावधान, वर्ना बुक कराना पड़ेगा हॉस्पिटल का बेड
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Disadvantages of Momos: मोमोज आज लोगों के स्ट्रीट फूड का फेवरेट आइटम बन चुका है। यह मुलायम सा दिखने वाला मोमोज इंसान के शरीर के लिए स्वीट पॉइजन सी तरह काम करता है। जानिए, क्यों कहा गया मोमोज स्वीट पॉइजन...

Disadvantages of Momos: बदलते दौर में फास्ट फूड का ट्रेंड कुछ इस कदर हो चुका है कि लोग पौष्टिक खाना खाने की जगह बाहर का खाना पसंद करते हैं, जैसे मोमोज, समोसे, चाट, गोलगप्पे, पेटीज आदि। स्ट्रीट फूड के अधिकतर फूड मैदे और अरारोट से बनाएं जाते हैं। हम आपको एक स्ट्रीट फूड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आज के लोग बड़े चाव से खाते हैं। हम बात कर रहे हैं आज के बच्चों और युवाओं के फेवरेट मोमोज के बारे में।

अगर मैदे से बनाए जाने वाले मोमोज के बारे में बात किया जाए तो यह आज के लोगों के फूड लिस्ट के फेवरेट स्ट्रीट फूड के रूप में शामिल होगा। बता दें कि स्वाद में लाजवाब होने वाला यह मोमोज वास्तव में किसी खतरनाक वायरस से कम नहीं है। मैदे से बनने वाला मोमोज कभी-कभी आंतो में चिपक जाता है, जिसकी वजह से आंतें ब्लाॅक होने की स्थिति में आ जाती हैं। इस वजह से शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं तो कभी पेट दर्द जैसी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मोमोज में उपयोग होने वाला MSG (Monosodium glutamate) मोटापे को बढ़ाने का काम करता है, जिसकी वजह से सीने में दर्द, हार्ट रेट और बीपी बढ़ने जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है। इसलिए मोमोज को 'स्वीट पॉइजन' कहना गलत नहीं होगा।

मोमोज को कहें न वरना खाली करनी पड़ सकती जेब

फेवरेट स्ट्रीट फूड मोमोज के साथ खाई जाने वाली चटनी आपको बीमार करने में अहम भूमिका निभाती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इस चटनी को बनाने के लिए दुकानदार तरह-तरह के कलर का उपयोग करते हैं। मोमोज का नेचर एसिडिक होता है। एसिडिक होने के कारण यह मानव शरीर से कैल्शियम को खत्म कर देता है, जिसकी वजह से हड्डियां कमजोरी होने लगती हैं।

मोमोज को बनाने में कई सामग्रियों और केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे ब्लीच, क्लोरीन गैस, बेंजोयल पराक्साइड, ऐजो कर्बेमिड आदि। ये केमिकल किडनी और पैंक्रियाज को डैमेज करने का काम करते हैं। गरम मोमोज और लाल मिर्च की चटनी का जवाब नहीं। लेकिन आपको बता दें कि चाव से खाई जाने वाली चटनी से पाइल्स गैस्ट्राइटिस, पेट और आंतों में ब्लीडिंग की समस्या उत्पन्न होती है।

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Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाओं की Haribhoomi.com पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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