Nutmeg Benefits: अनेक रोगों को दूर करे जायफल

Nutmeg Benefits: हम सबके घरों की रसोई में इस्तेमाल होने वाले मसालों में जायफल से सभी परिचित हैं। यह मिरीस्टिका वृक्ष का फल होता है। इसके खोल को जावित्री के नाम से जानते हैं। यह छिलका रूपी जावित्री मसालों में काम आता है। जायफल की भीनी खुशबू सब्जी, मिठाई और पेय पदार्थों में स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह तासीर में गर्म होता है। गर्म तासीर वाले इसका सेवन अपने वैद्य की देखरेख में करें। अन्यथा लाभ के बदले हानि की संभावना होती है।
सुपारी के समान आकार वाला जायफल, सेहत के लिए बेहद लाभकारी है। इसका प्रयोग सर्दी, जुकाम, पक्षाघात, लकवा, पाचन तंत्र की गड़बड़ी, सिर दर्द, भूख की कमी, पेट दर्द और दस्त तथा प्रसव के बाद कमर दर्द में लाभकारी होता है।
इन रोगों में है कारगर
-बार-बार आने वाले दस्तों के लिए, इसको पानी के साथ घिसकर नाभि पर लेप लगाना लाभकारी है।
-सर्दी, जुकाम, खांसी के लिए सवेरे खाली पेट चौथाई चम्मच जायफल का चूर्ण शहद के साथ लेने से आराम मिलता है।
-पेट दर्द के लिए चार-पांच बूंद जायफल के तेल को चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है।
-सिर दर्द के लिए इसको पानी के साथ घिसकर माथे पर चंदन की तरह लगाया जाए तो दर्द दूर करता है।
-जिन लोगों को ठंड ज्यादा लगती है, उनके लिए जायफल का छोटा-सा टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से सर्दी का प्रकोप कम होगा। यह काम प्रतिदिन या आवश्यकतानुसार भी कर सकते हैं।
-भूख ना लगती हो, पाचन में परेशानी हो तो इसका जरा-सा टुकड़ा मुंह में डालकर चूसना, पाचक रसों को बढ़ाकर भूख खुलकर लगाने में सहायक होगा।
-पेट दर्द के साथ दस्त भी हो तो इसको भून कर इसके चार भाग बना लें। एक भाग मरीज को चूसने को दीजिए। सवेरे-शाम यही कर्म दोहराएं लाभ होगा।
-पक्षाघात या लकवा रोग में जिन अंगों में शिथिलता आ गई हो, पूरा काम नहीं कर पा रहे हों तो इसको चंदन की तरह गाढ़ा-गाढ़ा घिस कर प्रभावित अंग पर लेप लगाएं, बहुत लाभकारी होगा।
-प्रसव के बाद अगर कमर दर्द परेशान कर रहा हो तो इसको पानी में घिस कर सवेरे-शाम कमर पर लेप लगाएं।
-सर्दी में अकसर एड़ियां फट जाएं तो इसका खूब महीन चूर्ण बनाकर फटी एड़ियों के घाव में भर दें, फायदा मिलेगा।
-हृदय को मजबूत रखने के लिए तीन चुटकी जायफल का चूर्ण शहद के साथ चाटना हितकर है।
-जी मिचलाए या उल्टी आने का मन करे तो जरा-सा जायफल घिसकर पानी में मिलाकर पीना लाभ करेगा।
-मुंह के छालों से राहत पाने के लिए इसको पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ले करना आरामदायक है।
उक्त कोई भी प्रयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है।
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