सावधान! कहीं आप भी तो नहीं कर रही ब्रेस्टफीड करवाते समय ये गलतियां, बच्चे की सेहत पर होगा बुरा असर

Best Tips For Breastfeeding Mothers: जो महिलाएं पहले मां बन चुकी है, उनके लिए ब्रेस्टफीडिंग आसान होती है। लेकिन जो महिलायें पहली बार मां बनी हैं। उनके लिए स्तनपान करवाना काफी मुश्किल होता है। हर बच्चे के दूध पीने का तरीका अलग होता है, लेकिन कुछ सामान्य गलतियां हैं जो अक्सर नई माताएं करती हैं। आज की इस खबर में हम आपको ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी कुछ सामान्य गलतियों के बारे में बताएंगे जो आपको नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपकी इन गलतियों का असर आपके बच्चे की सेहत पर भी पड़ सकता है। तो चलिए बिना वक्त बर्बाद किये देखते हैं, कौन सी हैं वो गलतियां :-
माताएं मदद लेने में हिचकिचाए नहीं
ऐसा कहा जाता है कि ब्रेस्टफीडिंग आसान और नेचुरल प्रोसेस होता है। लेकिन कुछ महिलाओं के लिए स्तनपान तनावपूर्ण और कठिन होना सामान्य सी बात है।किसी भी अन्य एक्टिविटी की तरह आप ब्रेस्टफीडिंग सीख सकते हैं, इसमें स्ट्रेस लेने वाली कोई बात नहीं है। अगर स्तनपान करवाने में आपको कोई समस्या है तो आप उसके बारे में बात कर सकती हैं। क्योंकि माताएं पहली बार स्तनपान करवा रही होती हैं। उनके पास इस काम का कोई अनुभव नहीं होता है। ऐसे में आपको डॉक्टर या किसी अनुभव वाली महिला की मदद लेने में कतराना नहीं चाहिए।
दर्द होना बहुत ही सामान्य
बता दें कि स्तनपान के दौरान ब्रेस्ट में दर्द होना बिल्कुल नॉर्मल बात होती है। ध्यान रहे कि स्तनपान की शुरुआत में दर्द और असहजता महसूस हो सकती है, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं होना चाहिए। माताओं को पता होना चाहिए कि स्तनपान दर्दनाक नहीं होता है। स्तन में दर्द के कारणों में अनुचित निप्पल लैचिंग (nipple latching), स्तन भराव (breast engorgement), और गलत स्तनपान स्थिति शामिल हैं।
ब्रेस्टफीडिंग करने वाली माताएं रखें अपना ध्यान
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान खुद पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। ऐसा करके आप न केवल अपनी खुद की सेहत का ध्यान रख रहे हैं। बल्कि अपने बच्चे का भी ध्यान रख रही हैं। स्तन में लगातार दूध का प्रोडक्शन जारी रखने के लिए आपके शरीर को हड्डियों, रक्त और मांसपेशियों से पोषक तत्व लेने की जरूरत होती है। अगर मांसपेशियों को सही पोषण नहीं मिलता है तो उनमें जमा पोषण खत्म होने लगता है। माताओं को 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए क्योंकि पोषण और नींद की कमी से थकान हो सकती है।
बोतल वाला दूध कब देना चाहिए?
अक्सर माताएं बच्चे को बहुत कम उम्र में ही बोतल से दूध पीना सिखा देती हैं, जो कि पूरी तरह से गलत है। यह ज्यादातर कामकाजी माताओं द्वारा किया जाता है, जिन्हें ऑफिस जाना होता है। बता दें कि जब तक बच्चा अच्छी तरह से स्तन से दूध पीना नहीं सीख लेता तब तक उसे दूध की बोतल नहीं देनी चाहिए। 6 से 8 महीने पहले बच्चे को दूध की बोतल नहीं देनी चाहिए।
फॉर्मूला मिल्क नहीं ले सकता स्तनपान की जगह
मां का दूध बच्चे की जरूरत के हिसाब से बदलता रहता है। पहले 6 महीने में बच्चे के लिए मां का दूध बहुत जरूरी होता है। इससे मां और बच्चे को कई फायदे मिलते हैं। खुद वैज्ञानिक भी आज तक ब्रेस्टमिल्क की जगह कोई दूसरा विकल्प नहीं खोज पाए हैं। फॉर्मूला दूध मां के दूध जैसा नहीं होता है और इसमें इम्युनिटी बढ़ाने वाले पोषक तत्व नहीं होते हैं।
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