आयुर्वेद के स्ट्रेस फ्री 'निंद्रा मेथड' से आएगी सुकून वाली नींद, पीएम मोदी भी कर चुके हैं इसकी सराहना

Ayurvedic Method For Better Sleep: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्हें देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में ही सराहा जाता है। लोग उन पर और उनके फैसलों पर विश्वास करते हैं, साथ ही उन्हें फॉलो भी करते हैं। ऐसे में उन्होंने जनता के नाम अपने संबोधन में गहरी 'निद्रा' के आयुर्वेदिक फॉर्मूले का समर्थन किया। जंक फूड खाना, लगातार बढ़ रहा स्क्रीन टाइम और बहुत सारा स्ट्रेस हमारी नींद की क्वालिटी पर बुरा असर डालता है। लेकिन, आयुर्वेद की सहायता से आप अपनी नींद में सुधार कर सकते हैं। आयुर्वेद के ज्ञान के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "नींद की कमी का मुद्दा, आजकल के समय में लोगों की सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। इस समस्या पर सदियों से आयुर्वेद के विशेषज्ञों द्वारा काम किया जा रहा है और समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है।"
आयुर्वेद और नींद का क्या है संबंध?
बता दें कि आपकी नींद को प्रभावित करने वाले बहुत से कारक होते हैं, इनमें बिगड़ता हुआ लाइफस्टाइल, मोटापा, इम्यूनिटी की कमी, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और यहां तक कि हृदय संबंधी बीमारियों तक की कई समस्याओं के लिए महत्वपूर्ण है। आयुर्वेद में "निद्रा" को एक ऐसी अवस्था माना जाता है, जिसमें इंसान की सोचने समझने की शक्ति शांत हो जाती है। नींद को स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना गया है, लेकिन इसे "त्रयौपस्तंभ" यानी जीवन के तीन सहायक स्तंभों में से एक के रूप में देखा जाता है।
आयुर्वेद में अच्छी नींद के लिए जबरदस्त टिप्स
रूटीन
आयुर्वेद कहता है कि एक अच्छी निद्रा के लिए व्यक्ति को एक दिनचर्या (दैनिक दिनचर्या) बनाए रखने की आवश्यकता होती है, क्योंकि असंतुलित दिनचर्या के कारण नींद बिगड़ सकती है।
पाचन
आयुर्वेद कहता है कि पाचन और नींद का आपस में गहरा संबंध है, इसलिए शाम के समय भारी भोजन करने से पाचन धीमा हो सकता है और नींद में खलल पड़ सकती है। आदर्श रूप से रात का खाना सोने से तीन घंटे पहले होना चाहिए।
रात को दूध और मालिश
आयुर्वेद अच्छी नींद के लिए सुझाव देता है कि गाय के एक गिलास दूध को गर्म करके पीना चाहिए। यह दूध हल्का होता है, जो किसी के दिमाग को शांत करने और स्ट्रेस फ्री करने में मदद कर सकता है। यह शरीर के अंदर गर्मी को संतुलित करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, हल्की मालिश भी आपकी काफी मदद कर सकती है। यह थकावट दूर करने में मदद करता है।
आयुर्वेद की 3-2-1 नींद का मेथड
आयुर्वेद साउंड विश्राम के लिए सोते समय 3-2-1 मेथड अपनाने की सलाह देता है। इस विधि में सोने से तीन घंटे पहले भोजन करने, सोने से दो घंटे पहले टीवी, गैजेट्स, लैपटॉप या किसी भी स्क्रीन टाइम से दूर रहना चाहिए। साथ ही, सोने से एक घंटे पहले किताब पढ़नी चाहिए।
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