Health News: बुजुर्गों के बार-बार गिरने का कारण, जानिए सशक्त बनाने के उपाय और रोकथाम

Health News: बुजुर्गों के बार-बार गिरने का कारण, जानिए सशक्त बनाने के उपाय और रोकथाम
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Health News: बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों लोगों के शरीर के सभी अंग भी कमजोरो होने लगते हैं, जिसकी वजह से उठने, बैठने और चलने में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। भारत में हर साल 1.5 से 2 मिलियन वृद्ध लोग गिरने के कारण चोट का सामना करते हैं। साथ ही 1 मिलियन लोग गिरने के कारण अपनी जान तक गवां देते हैं। पढ़ें पूरी स्टोरी...

Health Tips: मानव शरीर बढ़ते समय के साथ दुर्बल होता चला जाता है। इंसान के गिरने पर उसे चोट भी लगती है। लेकिन एक ऐसा समय भी आता है, जब इंसान अगर एक बार गिर जाता है तो फिर वह खड़े होकर चलने के लिए मोहताज हो जाता है। बता दें कि हर साल लगभग 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लाखों बुजुर्ग टक्कर लगने के बाद गिर जाते हैं। इनमें से कम लोग ही डॉक्टर के पास या अस्पताल जाते हैं। अक्सर बुजुर्ग लोग गिरने के बाद डॉक्टर के पास जाने से कतराते हैं। एक बार गिरने के बाद दोबारा गिरने के चांस बढ़ते ही जाते हैं। भारत में हर साल लगभग 1.5 से 2 मिलियन वृद्ध लोग गिरने के कारण चोट का सामना करते हैं। इतना हीं नहीं, बल्कि 1 मिलियन लोग गिरने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं।

घर में गिरावट का जोखिम कारक (Risk factor for fall at home)

विशेषज्ञों के अनुसार, बुजुर्ग लोग मुख्य रूप से फिसलने, लड़खड़ाने या ठोकर लगने के कारण गिरते हैं। गिरने से पहले होने वाली दिक्कतों में शामिल कारण खराब दृष्टि, चक्कर आना, असंतुलन, घुटनों में दर्द और ऑर्थराइटिस आदि हैं। पुरूषों की अपेक्षा बुजुर्ग महिला के गिरने का खतरा अधिक होता है। गिरने की वजह से हड्डियों में चोट लग सकती है, जैसे कूल्हे, रीढ़ की हड्डी, कलाई, टखने का फ्रैक्चर या दर्दनाक मस्तिष्क की चोटें (सिर की चोटें) आदि। जरूरी नहीं कि गिरने के कारण कोई बड़ी चोट लगे। लेकिन कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि एक बार गिरने के कारण मन में दोबारा से गिरने का डर बैठ जाता है।

बुजुर्गों के गिरने के कारण (Due to the fall of the elderly)

मांसपेशियों का कमजोर होना।

दृष्टि और सुनने की क्षमता की कमी।

गठिया के कारण जोड़ों में अकड़न और दर्द होता है, जिससे व्यक्ति की गति और लचीलेपन की सीमा सीमित हो जाती है, जिसके कारण गिरने के चांस बढ़ जाते हैं।

व्यक्तिगत स्तर पर (At personal level)

डॉक्टर या स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता से गिरने के जोखिम का मूल्यांकन करवाएं और उन विशिष्ट चीजों के बारे में सलाह लें।

अपने चिकित्सक से दवाओं की खुराक और अवधि की समीक्षा करें और चक्कर आना, कमजोरी, संतुलन की हानि जैसे किसी विशिष्ट दुष्प्रभाव की रिपोर्ट करें।

समय-समय पर विटामिन-डी के स्तर की जांच करवाएं और कमी होने पर इसे ठीक कराएं।

डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटीऑस्टियोपोरोटिक दवाएं लेनी चाहिए।

विशेष रूप से निचले अंगों के लिए मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करें।

समय-समय पर अपनी आंखों की जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर चश्मे को बदलते रहें।

बुजुर्गों के लिए घर को सुरक्षित बनाएं (Make home safer for elderly)

उन चीजों से छुटकारा पाएं, जिन पर कोई ठोकर खा सकता है।

बार-बार उपयोग होने वाले शॉवर/शौचालय गलियारों के अंदर/बाहर ग्रैब बार (हैंडल) लगवाएं।

सीढ़ियों के दोनों ओर रेलिंग लगाएं।

घर के अंदर रोशनी तेज करें।

फिसलन से बचने के लिए फर्श की सतह को खुरदुरा बनाएं। फर्श पर ढीले कालीनों से बचें।

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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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