Conjunctivitis: तमिलनाडु में बरपा कंजक्टिवाइटिस का कहर, अंधा होने के साथ होंगी कई गंभीर समस्याएं, जानें लक्षण

Conjunctivitis: तमिलनाडु में बरपा कंजक्टिवाइटिस का कहर, अंधा होने के साथ होंगी कई गंभीर समस्याएं, जानें लक्षण
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Conjunctivitis: तमिलनाडु में बहुत तेजी से फैल रहा कंजक्टिवाइटिस संक्रमण, जानें इस संक्रमण के लक्षण और कैसे करें उपचार।

Conjunctivitis Alert In Tamil Nadu: तमिलनाडु (Tamil Nadu) में बारिश (Rain) के साथ ही कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) का कहर भी बरपा है। यहां आंख से संबंधित इस रोग के मामलों में जबरदस्त वृद्धि देखी गयी है। राज्य में प्रतिदिन कंजक्टिवाइटिस के 4,500 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। कंजक्टिवाइटिस को मद्रास आई के रूप में भी जाना जाता है। बता दें कि इस संक्रामक बीमारी के केवल चेन्नई से ही प्रतिदिन 100 से अधिक मामले देखे गए हैं। राज्य सरकार ने अलर्ट और चेतावनियां जारी की हैं, लोगों से कहा है कि वे अपना इलाज खुद ना करें क्योंकि गलत ट्रीटमेंट से आंखों की रौशनी को हानि और कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य में लगातार हो रही बारिश के कारण यह संक्रामक बीमारी फैलने लग गयी है। डॉक्टरों के मुताबिक, कुल मामलों में से 90 फीसदी से ज्यादा मामले एडेनोवायरस के संक्रमण के कारण होते हैं। मद्रास आई से संक्रमित लोग अपनी आंखों में लाली, खुजली, जलन और किरकिरापन का अनुभव करते हैं। उन्हें आंसुओं के समान आंखों से पानी के स्राव की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। संक्रमण का दूसरी आंख में भी फैलना बहुत आम सी बात है। बच्चों को यह संक्रमण आसानी से शिकार बना रहा है।

कंजक्टिवाइटिस या मद्रास आई क्या है?

जानकारी के मुताबिक कंजक्टिवाइटिस कंजंक्टिवा की सूजन है, यह एक पतला और क्लियर टिशू है जो आंख के सफेद क्षेत्र और पलक के अंदरूनी हिस्से पर स्थित होता है। कंजक्टिवाइटिस कोई बहुत ही गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन अगर ठीक से और समय पर इलाज न किया जाए तो यह आपकी आंखों की रौशनी को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

कंजक्टिवाइटिस कई प्रकार का होता है :

इस बीमारी की शुरुआत, आंखों में लाली और आंसू के साथ होती है और उसके बाद में फैलते फैलते और लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेती है। रोगी को कान के सामने और जबड़े के नीचे लिम्फ नोड्स में भी सूजन महसूस होती है। यह बैक्टीरियल बीमारी आमतौर पर एक आंख तक सीमित होती है, लेकिन बहुत अधिक मवाद (pus) और श्लेष्मा स्राव (Mucous) का कारण बनती है। एलर्जिक स्ट्रेन से आंखों में पानी आना, खुजली और आंखों में खुजलाहट पैदा होती है। वहीं ओप्थाल्मिया नियोनेटोरम भी इसी बीमारी का एक गंभीर संक्रमण है, जो आमतौर पर नवजात शिशुओं को प्रभावित करता है और खतरनाक बैक्टीरिया के कारण पैदा होता है।

कंजक्टिवाइटिस के संकेत और लक्षण

कंजक्टिवाइटिस के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:

1. आंख में लाली और सूजन

2. लगातार पानी जैसा डिस्चार्ज होना

3. मवाद के रूप में दिखने वाला गाढ़ा, पीला स्राव पलकों पर पपड़ी बनाता है

4. खुजली और हर समय खरोंचने का मन करता है

5. आंखों में जलन और दर्द

6. धुंधली दृष्टि

7. ज्यादा रौशनी न झेलपाना

8. सूजी हुई लसीका ग्रंथियां (lymph nodes)

कंजक्टिवाइटिस के कारण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कंजक्टिवाइटिस कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से कुछ में शामिल हैं:

  • वायरल इंफेक्शन
  • बैक्टीरिया
  • शैंपू, धुआं, धूल के कण आंखों में घुसना
  • दवाओं या आई ड्रॉप का रिएक्शन
  • एलर्जी मौसमी रिएक्शन
  • कांटेक्ट लेंस का रिएक्शन
  • फंगल इंफेक्शन
  • कभी-कभी शारीरिक संबंध बनाने से भी एसटीडी के कारण यह समस्या हो सकती है।

आंखों को संक्रमण से कैसे बचाएं?

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि संक्रमण फैलने की स्थिति में इन टिप्स को फॉलो करना बेहद जरूरी है:

- अपने हाथ अवश्य धोएं, खासकर खाने से पहले।

- अपनी आंखों को साफ रखें और जलन महसूस होने पर उन्हें धो लें।

- संक्रमण फैलने की स्थिति में हर दूसरे दिन तकिए के कवर, चादरें और कपड़ों को धोकर बदलें।

- अपनी संक्रमित आंखों को कभी न छुएं।

- नहाने या सिर धोने से पहले हमेशा अपना लेंस उतार दें।

- जब तक डॉक्टर द्वारा निर्धारित न किया जाए, तब तक अनावश्यक रूप से आई ड्रॉप का उपयोग न करें।

- धूप में और सार्वजनिक रूप से बाहर जाते समय हमेशा धूप का चश्मा पहनें।

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