फैमिली रिलेशन पर ना पड़े डिजिटल वर्ल्ड की छाया, इन आदतों को कंट्रोल करना है जरूरी

मौजूदा समय में डिजिटल वर्ल्ड (Digital World) यानी इंटरनेट (Internet), मोबाइल (Mobile) या लैपटॉप जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। इस बिजी जिंदगी में हम अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं और यह दूरी लगातार बढ़ती जाती है और इसका असर रिलेशंस (Relation Tips) पर पड़ने लगता है। इसलिए इस पर कंट्रोल करना जरूरी है।
अनामिका का बारह वर्षीय बेटा विराज लगभग रोज ही स्कूल से लौटने के कुछ देर बाद अपनी मम्मी का मोबाइल फोन ले लेता है और मनचाही वीडियोज देखने लगता है या वीडियोगेम खेलने में बिजी हो जाता है। ऑफिस से लौटने के बाद उसके हसबैंड आशुतोष का भी यही हाल रहता है। वह चाय-नाश्ता करते वक्त ही नहीं डिनर करने के दौरान भी लैपटॉप या अपने फोन में ही बिजी रहते हैं। कभी पसंदीदा फिल्में देखते हैं तो कभी सोशल साइट्स सर्फ करते हैं। अनामिका भी इस लत से अछूती नहीं है। वह भी आशुतोष के ऑफिस जाने के बाद जब भी फ्री टाइम मिलता है तो लैपटॉप में शॉपिंग साइट्स सर्च करने लगती है और शाम को फ्रेंड्स के साथ फोन पर सोशल मीडिया में चैटिंग करती रहती है।
एक-दूसरे से बात करने, साथ टाइम बिताने की जैसे किसी के पास फुर्सत ही नहीं रहती है। घर के एक कमरे में अकेले वक्त गुजारने को मजबूर विराज के दादा-दादी यह सब देखकर परेशान रहते हैं। यह केवल अनामिका के घर की नहीं आज के दौर में कमोबेश हर घर की ऐसी ही कहानी है। जब घर के सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ समय बिताने के बजाय डिजिटल वर्ल्ड में अधिक समय बिताने लगते हैं, तो परिवार के सदस्यों के बीच दूरियां पनपने लगती हैं। इससे आपसी रिश्तों पर दुष्प्रभाव पड़ते हैं। कई बार तो हम अपने परिवार के दूसरे सदस्य की तकलीफों और परेशानियों के बारे में भी नहीं जान पाते हैं। ऐसा आपके परिवार के साथ ना हो, इसके लिए ऐसी आदतों से उबरना जरूरी है।
टाइम सेट करें
परिवार को जोड़े रखने के लिए सदस्यों के बीच भावनात्मक लगाव होना बहुत जरूरी है। यह तभी संभव है, जब परिवार के सदस्यों के बीच आपसी संवाद हो। संवाद के लिए जरूरी है कि डिजिटल वर्ल्ड, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग कम किया जाए। इसके लिए इनके उपयोग का समय सेट किया जा सकता है। घर के बच्चे हों या बड़े, सबसे कहें कि इनके साथ आधा या एक घंटा ही गुजारें। खुद आप भी इस नियम का पालन करें।
फोन से रहें दूर
आज के समय में मोबाइल फोन हर समय हमारे पास होता है। फिर चाहे हम खाना खा रहे हों या रात को सोने जा रहे हों। बच्चे भी फोन के लती हो गए हैं। लेकिन इसमें हमेशा बिजी रहने से घर के दूसरे मेंबर्स की तरफ हम ध्यान ही नहीं दे पाते हैं। इससे रिश्ते कमजोर होते हैं। ऐसा ना हो इसके लिए फोन की लत से बचने की कोशिश आप सबको करनी होगी। जब सभी फैमिली मेंबर्स साथ खाना खाने बैठें तो कोई भी फोन अपने साथ ना रखे। इसी तरह जब भी फुर्सत के पल मिलें तो फोन में ही ना खोए रहें। एक-दूसरे से बातें करें, फीलिंग्स शेयर करें, हंसी-मजाक करें, ऐसा करने से फोन की लत धीरे-धीरे छूट जाएगी।
एक दिन हो ऑफ डे
जिस तरह हमें सप्ताह में अपने काम से एक दिन की छुट्टी मिलती है, उसी तरह हमें इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, मोबाइल से भी एक दिन का ऑफ लेना चाहिए। इस एक दिन को अपनी फैमिली के लिए डेडिकेट कर सकते हैं। इस दिन सभी मेंबर्स कहीं घूमने जा सकते हैं या घर में ही फैमिली पार्टी कर सकते हैं। इसका रिश्तों पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। आप सब एक-दूसरे के करीब आएंगे।
डॉ. अलका जैन 'आराधना'
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