Family Day 2022: रिश्ते में आई दूरियों को ऐसे करें कम, यहां जानें परिवार को संभालने के टिप्स

Relationship Tips: पारुल शादी के बाद जब अपने ससुराल आई, तो सब कुछ अच्छा था। सास-ससुर, देवर, जेठ-जेठानी और ननद के साथ रहकर पारुल को अच्छा लगता। लेकिन कुछ दिनों के बाद ही परिवार के सदस्यों से किसी ना किसी बात को लेकर पारुल की बहस होने लगी। कभी पारुल कुछ कहती, तो कोई उसका दूसरा मतलब निकाल लेता और पारुल से कोई कुछ कहता, तो उसे अच्छा नहीं लगता। धीरे-धीरे एक-दूसरे से मतभेद के साथ मनभेद यानी मनमुटाव भी बढ़ने लगा। पारुल चाहती थी कि सब कुछ पहले जैसा हो जाए, लेकिन समझ नहीं आ रहा था कैसे? उसने जब अपनी बड़ी बहन रीमा को अपनी परेशानी बताई, तो रीमा ने उसे कुछ सुझाव दिए। इन पर अमल कर पारुल ने अपने हर रिश्ते में फिर से प्यार की मिठास घोल दी। इन बातों को आजमाकर आप भी अपने परिवार में होने वाली छोटी-मोटी बहसों, मतभेद को आसानी से दूर कर सकती हैं।
मतभेद की वजह जानें
अगर परिवार के किसी सदस्य से आपकी राय नहीं मिलती या किसी के साथ आपका मन नहीं मिलता, तो ऐसा क्यों है, सबसे पहले इसकी वजह जानें। यह समझें कि आखिर मनभेद क्यों है? कहीं ऐसा तो नहीं कि आपसी तारतम्य बैठाने में दिक्कत हो रही है, दोनों का नजरिया अलग-अलग है? ऐसा होने पर अकसर मतभेद होने लगते हैं। अगर ऐसा है, तो आपको उनके मत का सम्मान करना चाहिए और रिश्ते को बेहतर बनाने के प्रयास करने चाहिए।
बात करने से हल निकलेगा
मनमुटाव दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है, सामने वाले से बात करना। अगर आपको आपकी सास, ससुर, ननद, देवर, जेठानी, जेठ या किसी से भी कोई परेशानी है, तो आप उनसे सीधे-सीधे बात करें। कभी-भी उनके पीठ पीछे कुछ ना कहें। इससे रिश्ते में कड़वाहट घुलती है, जबकि बात करने से उन्हें आपकी और आपको उनकी परेशानी समझ आएगी, जिससे हल निकालने में मदद मिलेगी। साथ ही रिश्तों की कड़वाहट दूर हो जाएगी।
जिम्मेदारियां साझा करें
कई बार महिलाएं ससुराल में अपनी खास जगह बनाने के लिए, घर की ज्यादा जिम्मेदारियां खुद पर ले लेती हैं। लेकिन वक्त के साथ बढ़ती निजी दायित्व की वजह से परिवार के अन्य सदस्यों की अपेक्षा पर खरी नहीं उतरतीं। इससे घर में मनमुटाव का माहौल बनने लगता है। इसलिए शुरू से उतना ही करने का वायदा करें, जितना आप सहजता से कर सकती हैं। कभी कुछ कम-ज्यादा हो जाए, तो परेशान ना हों। आखिर यह आपका परिवार है। वह आपको पूरा सहयोग देगा। इसलिए अपने परिवार के साथ जिम्मेदारियों को साझा करें। इससे आपके रिश्ते भी बेहतर होते चले जाएंगे।
बड़ों की सलाह लें
कई बार परिवार में ऐसी स्थितियां भी आ जाती हैं, जब हम समझ नहीं पाते कि आपसी क्लेश को कैसे दूर किया जाए। ऐसे में किसी की सलाह लेना समझदारी होती है। याद रखें कि सलाह घर के किसी बड़े सदस्य से ही लें, क्योंकि वे हमेशा रिश्ते निभाने-जोड़ने को महत्व देते हैं। ऐसे लोगों के पास कतई ना जाएं, जो टॉक्सिक किस्म के होते हैं। इस तरह के लोग रिश्ते निभाने के बजाय रिश्ते तोड़ने पर विश्वास रखते हैं। अगर किसी बड़े की सलाह पर भी बात ना बने, तो फैमिली काउंसलर से बात कर सकती हैं।
लेखक- ऋतु सक्सेना (Ritu Saxena)
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