Happy Fathers Day 2022: बिना बोले बेटी की जरूरतें जान जाते हैं पापा, जानिए आपकी जिंदगी में पिता का क्या है महत्व

Happy Fathers Day 2022: बिना बोले बेटी की जरूरतें जान जाते हैं पापा, जानिए आपकी जिंदगी में पिता का क्या है महत्व
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बेटियां अपने पापा की बहुत ज्यादा प्यारी-दुलारी होती हैं। वे भी अपने पापा से बहुत प्यार करती हैं। बेटी-पिता के रिश्ते पर हुई एक स्टडी कहती है कि जिन बेटियों की लाइफ में पापा बहुत इंवॉल्व रहते हैं, उनका स्कूल में ज्यादा मन लगता है, वे पढ़ने में तेज होती हैं। उनका करियर भी अच्छा बनता है। बेटियां अपने पापा में कौन-सी ऐसी खूबियां पाती हैं, जो वे उनको इतना भाते हैं, इस बारे में हुई स्टडीज के आधार पर आइए जानते हैं:-

बेटी-पिता का रिश्ता (Relation) बहुत अनोखा होता है लेकिन इस रिश्ते की गहराई हर किसी के लिए अलग होती है। अब पहले की तरह बच्चे अपने डैडी से डरते कम हैं और उन्हें अपना दोस्त ज्यादा मानते हैं। देखा गया है कि पिता और बेटे से ज्यादा बाप-बेटी का रिश्ता ज्यादा स्पेशल (Special) होता है क्यों कि इन दोनों के बीच का बॉन्ड (Bond) बिना कुछ कहे भी काफी मजबूत बन जाता है।

बेटियां अपने पापा की बहुत ज्यादा प्यारी-दुलारी होती हैं। वे भी अपने पापा से बहुत प्यार करती हैं। बेटी-पिता के रिश्ते पर हुई एक स्टडी कहती है कि जिन बेटियों की लाइफ में पापा बहुत इंवॉल्व रहते हैं, उनका स्कूल में ज्यादा मन लगता है, वे पढ़ने में तेज होती हैं। उनका करियर भी अच्छा बनता है। बेटियां अपने पापा में कौन-सी ऐसी खूबियां पाती हैं, जो वे उनको इतना भाते हैं, इस बारे में हुई स्टडीज के आधार पर आइए जानते हैं:-

हर जरूरत पूरी करते हैं:- पापा के सामने कितनी भी आर्थिक मजबूरियां हों, वे अपने बच्चों खासकर बेटियों की हर जरूरत को पूरा करने की कोशिश करते हैं। भले ही उन्हें अपनी जरूरतों में कटौती करनी पड़े, उन्हें परेशानी हो। लेकिन वे कभी अपने बच्चों को दुखी-उदास नहीं देख सकते। असल में उनकी जिंदगी का यही उद्देश्य होता है कि वे अपने बच्चों की हर जरूरत पूरी करें, उन्हें हर तरह से खुश रखें। उनके सपने पूरे हों।

सिखाते हैं महिलाओं का सम्मान करना:- बेटियां अपने पापा से प्यार तो जरूर करती हैं लेकिन वे अपनी मम्मी के ज्यादा करीब होती हैं। जब पापा उनकी मम्मी की केयर करते हैं, उन्हें प्यार-सम्मान देते हैं तो बेटियों की नजर में अपने पापा का सम्मान बढ़ जाता है। स्टडीज से साबित हो चुका है कि लड़कियों की नजर में उन पुरुषों का सम्मान बढ़ जाता है, जो महिलाओं को इज्जत और तवज्जो देते हैं। अमेरिकी शिक्षाविद थिओडोर हेसबर्ग के अनुसार, 'कोई पिता अपने बच्चों के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण काम कर सकता है तो वह है, उनकी मां को प्यार करना।'

बढ़ाते हैं कॉन्फिडेंस:- बेटियां अपनी पढ़ाई, करियर, जॉब या शादी को लेकर जब अनिर्णय की स्थिति में होती हैं तो उनके पापा उन्हें अपनी गाइडेंस देते हैं। उनके पास अनुभवों का खजाना होता है। कुछ मामलों में उनके अनुभव न भी हों तो उनके सोशल कॉन्ट्रेक्ट बहुत होते हैं, जिनकी मदद से वे अपने बच्चों का सही मार्गदर्शन करते हैं। इस प्रकार बेटियों के सामने कोई प्रॉब्लम नहीं आने देते। इससे बेटियों का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है। बेटियों को इस बात का भरोसा होता है कि उनके पापा के पास उनकी हर समस्या का समाधान है। शेयर्ड पैरेंटिंग की अमेरिकी विद्वान प्रोफेसर लिंडा नीलसन का कहना है, 'बच्चे के लिए पिता के कॉम्प्लीमेंट का महत्व बहुत ज्यादा होता है।'

♥ सिक्योर फील कराते हैं:- बेशक मांएं बेटियों के करीब होती हैं, लेकिन पापा उनको लेकर बहुत प्रोटेक्टिव होते हैं। बेटियां उनके लिए प्रिंसेस की तरह होती हैं, जिनकी वह बहुत केयर करते हैं। पापा की छाया में बेटियां खुद को बेहद सिक्योर महसूस करती हैं, क्योंकि उनके पापा हर उस बाधा या मुसीबत को दूर कर देते हैं या आगाह करा देते हैं कि कहां कैसी सावधानी बरतनी है। कई बार तो अपनी बेटी को किसी परेशानी से बचाने के लिए पापा अपने बहुत जरूरी काम भी छोड़ने को तैयार हो जाते हैं।

♥ सिखाते हैं स्ट्रॉन्ग रहना:- ज्यादातर बेटियों का मानना है कि उन्हें स्ट्रॉन्ग बनाने में उनके पापा की बड़ी भूमिका होती है। जब भी बेटियां कोई 'आउट ऑफ बॉक्स आइडिया' सोचती हैं या परंपराओं से हटकर कोई काम करना चाहती हैं तो भले ही मम्मी या घर के दूसरे लोग उनका विरोध करें, लेकिन पापा हमेशा बेटी के साथ खड़े होते हैं। बेटी को ड्राइविंग, स्वीमिंग, माउंटेनियरिंग, बॉक्सिंग, जूडो-कराटे, बाइकिंग कुछ भी सीखनी हो तो सबसे पहले अपने पापा को ही अप्रोच करती हैं। इसी प्रकार जब भी बेटी को स्कूल पिकनिक या ऑफिस टूर के लिए बाहर जाना होता है तो वे मम्मी से पहले पापा की ही परमिशन लेती हैं। उन्हें पता होता है कि शुरुआती ना-नुकुर के बाद, दर्जनों हिदायतों के साथ पापा उनकी बात मान जाएंगे और इसके लिए वे मम्मी को भी मना लेंगे। मम्मी के मना करने पर पापा हमेशा यही कहते हैं, 'अपनी बेटी को दब्बू नहीं, स्ट्रॉन्ग बनाओ। उसे घर में कब तक घुसाए रखोगी। दुनिया देखने के लिए बाहर निकलने दो। दुनिया नहीं देखेगी तो जिंदगी के तजुर्बे कैसे हासिल करेगी। अपने पैरों पर सही से खड़ी कैसे होगी। उसे आत्मनिर्भर बनने दो।'

अंजू जैन

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