Women's Day 2020: महिला दिवस पर शेयर करें ये कविताएं

Womens Day 2020: महिला दिवस पर शेयर करें ये कविताएं
X
Women's Day 2020: महिला दिवस के खास मौके पर हम आपको कुछ शानदार कविताएं बताने जा रहे हैं। जिसे आप महिलाओं के सम्मान में सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं या महिला दिवस से जुड़े किसी भी प्रोग्राम में इसे पढ़ कर सुना सकते हैं।

Women's Day 2020: देश और दुनिया में हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। दुनिया में महिला दिवस की शुरुआत काफी सालों पहले एक कार्यक्रम के रूप में हुई थी। इसके बाद यह वैश्विक स्तर पर मनाया जाने लगा। वहीं साल 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में दुनिया का पहला महिला दिवस न्यूयॉर्क में सेलिब्रेट किया गया था।

वहीं भारत में भी इस दिन को लेकर काफी दिन पहले से ही तैयारी होनी शुरू हो जाती है। इस खास मौके पर नारी शक्ति को सम्मान दिया जाता है। अगर आप भी इस खास मौके पर अपनी इंसपायरिंग लेडी को स्पेशल फील करवाना चाहते हैं। तो देना चाहते हैं तो हम आपके लिए आज कुछ शानदार Women's Day Poem (महिला दिवस कविता) लेकर आए हैं। जिसके जरिए आप अपने मन की बात उन तक पहुंचा सकते हैं। तो चलिए देखेते हैं महिला दिवस पर शानदार कविताएं।


नारी का सम्मान, बचाना धर्म हमारा।

सफल वही इंसान, लगे नारी को प्यारा।

जीवन का आधार, हमेशा नारी होती।

खुद को कर बलिदान, घर-परिवार संजोती।

नारी का अभिमान, प्रेममय उसका घर है।

नारी का सम्मान, जगत में उसका वर है।

नारी का बलिदान, मिटाकर खुद की हस्ती।

कर देती आबाद, सभी रिश्तों की बस्ती।

नारी को खुश रखो, नहीं तो पछताओगे।

पा नारी का प्रेम, जगत से तर जाओगे।

नारी है अनमोल, प्रेम सब इनसे कर लो।

नारी सुख की खान, खुशी जीवन में भर लो।


दिलों में बस जाए वो मोहब्बत हूं।

कभी बहन, कभी ममता की मूरत हूं।

मेरे आंचल में हैं चाद सितारे।

मां के कदमों में बसी एक जन्नत हूं।

हर दर्द-ओ-गम को छुपा लिया सीने में।

लब पे ना आये कभी वो हसरत हूं।

मेरे होने से ही है यह कायनात जवान।

ज़िन्दगी की बेहद हसीं हकीकत हूं।

हर रूप रंग में ढल कर सवर जाऊं।

सब्र की मिसाल, हर रिश्ते की ताकत हूं।

अपने हौसले से तक़दीर को बदल दूं।

सुन ले ऐ दुनिया, हाँ मैं औरत हूँ।


नारी तुम स्वतंत्र हो।

जीवन धन यंत्र हो।

काल के कपाल पर।

लिखा सुख मंत्र हो।

सुरभित बनमाल हो।

जीवन की ताल हो।

मधु से सिंचित-सी।

कविता कमाल हो।

जीवन की छाया हो।

मोहभरी माया हो।

हर पल जो साथ रहे।

प्रेमसिक्त साया हो।

माता का मान हो।

पिता का सम्मान हो।

पति की इज्जत हो।

रिश्तों की शान हो।

रंगभरी होली हो।

फगुनाई टोली हो।

प्रेमरस पगी-सी।

कोयल की बोली हो।


दुनिया की पहचान है औरत।

दुनिया पर एहसान है औरत।

हर घर की जान है औरत।

बेटी मां, बहन, भाभी बनकर

घर घर की शान है औरत।

न समझो इसको तुम कमजोर कभी

ये है रिश्तो की डोर।

मर्यादा और सम्मान है औरत


फूल जैसी कोमल नारी कांटो जितनी कठोर नारी।

अपनों की हिफासत मे सबसे अव्वल नारी।

दुखों को दूर कर, खूशियो को समेठे नारी।

फिर लोग क्यो कहते तेरा अत्सित्व क्या नारी।

जब अपने छोटे छोटे व्खाइशो को जीने लगती नारी।

दुनिया दिखाती है उसे उसकी दायरे सारी।

अपने धरम मे बन्धी नारी, अपने करम मे बन्धी नारी।

अपनो की खूशी के लिये खुद के सपने करती कुरबान नारी।

जब भी सब्र का बाण टूटे तो सब पर भारी नारी।

फूल जैसी कोमल नारी, कांटो जितनी कठोर नारी।





Tags

Next Story