Indian Couple बच्चे को जन्म देने से क्यों कतरा रहे हैं? जानें आखिर क्या है कारण

सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि और भी कई देशों में ओवरपोपूलेशन की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से प्रदूशण भी काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। वहीं अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले समय में लोगों का सांस लेना तक दुश्वार हो जाएगा। वहीं ऐसे नें इंडियन कपल्स अब बच्चे को न जन्म देने का फैसला ले रहे हैं। वे बच्चे को ऐसी दुनिया में सिर्फ इसलिए ही नहीं लाना चाहते कि दुनिया खराब है , बल्कि इसलिए भी नहीं लाना चाहते हैं कि क्योंकि लोग अब स्ट्रेस भरी जिंदगी जीने को मजबूर है। आपको बता दें कि इस तरह की सोच रखने वाले लोगों को एंटीनेटलिज्म कहा जाता है।
अब किसी को बच्चे पैदा नहीं करने चाहिए?
एंटीनेटलिज्म एक ऐसी फिलॉसफी है, जो धीरे धीरे देश में अपनी पकड़ बना रही है। इस तरह के लोगों का मानना होता है कि अब किसी को बच्चे पैदा नहीं करने चाहिए। वहीं आजकल ज्यादातर लोग बच्चे पैदा करने के बजाए बच्चा गोद लेने का ऑप्शुन चुन रहे हैं। ऐसे में लोगों को मानना है कि आज के समय में पहले से ही धरती पर काफी बोझ है और अब इतने रिसोर्सेज भी नहीं बचे हैं। ऐसे हालातों में बच्चे को जन्म देकर उनपर बोझ डालना गलत है।
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बच्चे को जन्म देने से क्यों कतरा रहे हैं कपल
आपको बता दें कि यह विचारधारा कोई नई नहीं है। इस विचारधारा को बेल्जियम का फेमस लेखक और दार्शनिक दिउफिल डे जिरू (Théophile de Giraud)लेकर आए थे। दिउफिल का 19 नवंबर, 1968 को बेल्जियम में हुआ था। उन्होंने इस विचारधारा पर L'art de guillotiner les procréateurs: Manifeste anti-nataliste किताब लिखी थी। जिसमें पहली बार एंटि नेटलिस्ट शब्द का यूज किया गया था। एंटीनेटलिस्ट लोगों का मानना है कि यह धीरे-धीरे मानव जाति को समाप्त कर देगा।
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