रिजेक्शन तोड़ने के लिए नहीं, मजबूती के रूप में लेंगे तो खुलेंगे नए रास्ते

हर कोई यही चाहता है, वह करियर की जिस फील्ड में भी कदम रखे, कामयाब हो, लेकिन यह जरूरी नहीं। उसे रिजेक्शन (Rejection) का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में लोग निराश-हताश हो जाते हैं, उन्हें लगता है वे अयोग्य हैं। रिजेक्शन के समय कभी निराश ना हों, यह हमें ऐसे सबक देता है, जिससे सफलता की नई राहें बनती हैं।
एक एनजीओ में अकाउंटेंट के पद के लिए इंटरव्यू (Interview) देने गई सोनाली को यकीन था कि उसका सेलेक्शन जरूर हो जाएगा। लेकिन अगले दिन उसे पता चला कि वहां किसी दूसरी कैंडिडेट का सेलेक्शन हो गया है। रिजेक्ट होने पर सोनाली बहुत ज्यादा निराश हो गई। उसे लगा, वह किसी लायक नहीं है। सिर्फ सोनाली ही नहीं, बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जो रिजेक्शन को बर्दाश्त नहीं कर पातीं, जबकि रिजेक्शन से सबक लेना चाहिए, ना कि हार मान लेनी चाहिए। रिजेक्शन से हम सबक कैसे लें, जानिए-
सही नहीं 'हां' की उम्मीद
रिजेक्शन लाइफ का एक इंपॉर्टेंट पार्ट है, यह बात हमें समझनी चाहिए। हम भले ही कितने पॉजिटिव माइंडसेट (Positive Mindset) के क्यों ना हों, फिर भी रिजेक्शन के लिए मेंटली तैयार रहना चाहिए। हमेशा यह याद रखें, हमें जो कंपनी या व्यक्ति सेलेक्ट कर रहा है, वह अपनी सिचुएशन के अनुकूल ही हमें सेलेक्ट या रिजेक्ट करता है। इसलिए अगर आपको कभी 'ना' सुनने को मिले, तो उसे दिल पर ना लें। निराश होकर परेशान ना हों। सिचुएशन को जानें-समझें और अगला प्रयास करें। कोई विकल्प अंतिम नहीं होता। आपके लिए और भी अच्छे विकल्प हो सकते हैं, बस उसकी तैयारी करें। आशावान रहें, सफलता जरूर मिलेगी।
एक्सपीरियंस गेन करें
रिजेक्शन मिलने पर आप इसे अपनी डायरी में एक एक्सपीरियंस के तौर पर लिखें। जाने-माने लाइफ कोच रॉबिन शर्मा कहते हैं, 'चुनौतियां अच्छी होती हैं। हम इनके माध्यम से विकास करते हैं। खतरे या बुरे वक्त में हम सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं।' कहने का मतलब है, आपको एनालिसिस करना चाहिए कि किन ग्राउंड्स पर आपको रिजेक्ट किया गया। आपका यही एक्सपीरियंस फ्यूचर में काम आएगा। सक्सेस के नए रास्ते खोलेगा।
पुरानी भूल से सीखें
रिजेक्शन के बाद निराश या दुखी होने के बजाय आप इसे सहज रूप में लें। खुद को आगे की प्रक्रिया के लिए तैयार करें, क्योंकि निराश-हताश होने पर आप पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पातीं। व्यवहार विशेषज्ञ प्रीति सुराणा कहती हैं, 'रिजेक्शन कभी भी सफलता के मार्ग में अड़चन नहीं बन सकता बल्कि आपको इससे ज्यादा मेहनत और प्रयास करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।' जब आप अपनी ही गलतियों से सीखेंगी तो बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। इस तरह आप विपरीत परिस्थितियों में खुद को और भी पुख्ता तौर पर तैयार कर सकेंगी।
रिजेक्शन की यह भी है वजह
कई बार रिजेक्शन की वजह बिल्कुल अलग होती है। इसका आपके टैलेंट से कोई लेना-देना नहीं होता है। जैसे सामने वाले व्यक्ति की आपके प्रति पहले से बनी राय, आपके रिजेक्शन के लिए जिम्मेदार होती है। समाजशास्त्री रेखा श्रीवास्तव कहती हैं, 'कभी-कभी आपकी योग्यता या अनुभव कितना ही अच्छा हो, अगर सामने वाला व्यक्ति आपके प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त है तो वह आपको रिजेक्ट करेगा ही। इसलिए इस तरह के रिजेक्शन को दिल पर लेने की जरूरत नहीं है।'
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