सही समय में करें गृह प्रवेश रहेगा जीवन खुशहाल

आज के दौर में ज्यादातर लोग जब अपना नया घर लेते हैं तो उसमें एक तय दिन में ही प्रवेश करते हैं। वास्तु के अनुसार सही समय, दिन में ही गृह प्रवेश खुशहाल जीवन के लिए जरूरी है। आप भी जानिए, इसका क्या महत्व है। वास्तुशास्त्रियों के अनुसार जिस तरह भवन की वास्तु संरचना अहम होती है, उसी तरह गृह प्रवेश के ग्रह-नक्षत्र भी महत्वपूर्ण होते हैं। यही वजह है कि जब से वास्तु के बारे में लोगों की चेतना बढ़ रही है, गृह प्रवेश के मुहूर्त को लेकर भी लोग सजग हो रहे हैं।
नई शुरुआत के लिए जरूरी
आजकल ज्यादातर लोग घर बनाकर या खरीदकर उसमें तुरंत प्रवेश नहीं करते बल्कि ज्योतिषीय काल गणना के हिसाब से गृह प्रवेश करते हैं। गृह प्रवेश का मुहूर्त सिर्फ घर में प्रवेश की तिथि भर नहीं होती है, यह आपके नए जीवन की शुरुआत की तरह है। एक तरह से नए घर में जाकर रहना जिंदगी को फिर से व्यवस्थित करना, पिछली अव्यवस्थाओं को सुधारते हुए नए ढंग से कार्ययोजना बनाना, ये तमाम संकल्प भी गृह प्रवेश के साथ जुड़े हुए होते हैं।
स्थिर लग्न में करें प्रवेश
विशुद्ध रूप से ज्योतिषीय गतिविधि के रूप में देखें तो ज्योतिष गणना के मुताबिक स्थिर लग्न, जो आपकी राशि के आठवें और बारहवें स्थान पर आता हो और सूर्य, चंद्रमा की राशियों का निर्णय करके जो समय निकलता हो, उसी समय पर गृह प्रवेश करना चाहिए। वास्तु के नियमों के मुताबिक, इस समय प्रकृति की संपूर्ण ऊर्जा आपके साथ होगी, जिसके चलते आप किसी भी कार्य को करने में सक्षम होंगे। गौरतलब है कि वास्तुशास्त्र यह कालगणना और निष्कर्ष किसी जाति और धर्म विशेष के लिए नहीं करता बल्कि यह नियम किसी भी जाति और धर्म के मानने वालों पर लागू होता है। दरअसल, यह प्रकृति की व्यवस्था है, जिससे हर मनुष्य प्रभावित होता है, चाहे वह किसी भी जाति, किसी भी धर्म से संबंधित हो।
इन बातों का रखें ध्यान
वास्तुशास्त्र के मुताबिक गृह प्रवेश कुछ स्थितियों में नहीं करना चाहिए।
- जब घर पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका हो तभी गृह प्रवेश करना चाहिए। अधूरे बने मकान में प्रवेश वास्तु की दृष्टि से ही गलत नहीं है बल्कि आर्किटेक्ट भी अधूरे बने मकानों में जाकर रहने को सही नहीं मानते। उनके मुताबिक, ऐसे मकान का पहले से निर्धारित नक्शा उभरकर नहीं आ पाता।
- अधूरे बने मकान में रहने से योजना के मुताबिक बनाए गए मकान का अंतिम स्वरूप विकसित नहीं हो पाता, क्योंकि आधे-अधूरे बने मकान में रहते समय लोग अपनी त्वरित आवश्यकताओं के मुताबिक उसका नक्शा बनाने लगते हैं।
Also Read: क्यों लड़का और लड़की सिर्फ दोस्त नहीं हो सकते ?
- वास्तुशास्त्र के मुताबिक, अधूरे मकान में गृह प्रवेश का कोई विधान नहीं है। अधूरे मकान में अगर गृह प्रवेश किया जाए तो ऐसी स्थिति में घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
-वास्तुशास्त्र के अनुसार किसी अधूरे बने मकान में गर्भवती महिला को प्रवेश नहीं करना चाहिए, इससे होने वाले बच्चे के विकास पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS