Relationship Advice: दूसरों की खुशी के लिए खुद को न करें नजरअंदाज, ऐसे रखें खुद का ख्याल

Relationship Advis: बुआ किसी काम से कमरे में आईं तो देखा मोना गुमसुम सी (Sad) अकेली बैठी थी। बुआ ने उसके कंधे पर हाथ रखकर हैरानी से पूछा, 'अरे शादी का घर है, बाहर इतनी चहल-पहल है और तुम यहां अकेली बैठी हो। किसी ने कुछ कह दिया क्या?' मोना ने आंसू पोंछते हुए बताया, 'किसी ने कुछ कहा तो नहीं, पर लगता है कि भाभी मुझसे खुश नहीं हैं। शायद मेरी लगाई हुई मेहंदी उन्हें पसंद नहीं आई। मैंने तो अपनी तरफ से पूरी मेहनत से मेहंदी लगाई थी। उन्होंने एक बार भी मेरी तारीफ नहीं की। अगर मुझसे खुश होतीं तो एक बार जरूर तारीफ करतीं।'बुआ तुरंत बोलीं, 'वाह बेटी! ऐसे तो जी ली जिंदगी। दूसरों को खुश करने के लिए नहीं जीते हम। खुद खुश रहो, मस्त रहा करो।'
असल में मोना उन महिलाओं में से है, जो हर किसी को खुश (Happy) करना अपनी जिम्मेदारी मानती हैं। यहां तक कि दूसरों की खुशी (Others Happiness) के लिए अपनी खुशियों को इग्नोर करती हैं। ऐसी महिलाएं अकसर परेशान रहती हैं, स्ट्रेस फील (Stress) करती हैं। इस वजह से कुछ समय बाद दुखी रहने लगती हैं। यदि आप भी दूसरों को खुश रखने को लेकर अकसर ही परेशान रहती हैं, स्ट्रेस फील करती हैं तो इस समस्या से बचने के लिए यहां दिए गए सजेशंस को अमल में लाएं।
खुद खुश रहना ज्यादा जरूरी
असल में जो महिलाएं दूसरों को खुश रखने में लगी रहती हैं, वे दूसरों की प्रशंसा, अनुमोदन का इंतजार करती हैं। अगर कोई उनके किए गए काम की तारीफ नहीं करता है, तो उन्हें दुख होने लगता है। इस तरह की सोच आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। खुशियों के बहाने खुद में तलाशिए। अपनी खुशी के लिए दूसरों के भरोसे रहेंगी तो खुद को हमेशा दुखी ही पाएंगी। याद रखें, दूसरों को खुश रखने के लिए खुद को खुश रहना ज्यादा जरूरी है। तभी आप दूसरों को भी खुश रख सकेंगी। इसलिए वही करें, जिसमें आपको खुशी मिलती है।
अपनी खूबियां जानें, कॉन्फिडेंट रहें
कई बार आप के बेस्ट परफॉर्मेंस के बावजूद कुछ लोग आपको कॉम्पलीमेंट नहीं देते। लेकिन इसे अपनी कमजोरी मत समझिए। ना ही अपने टैलेंट को लेकर कभी आशंकित रहें। इसके बजाय अपनी खूबियों से वाकिफ रहें, साथ ही अपनी परफॉर्मेंस-टैलेंट के बारे में कॉन्फिडेंट रहें। कोई आपका आकलन करे या आलोचना करे, यह गैरजरूरी है तो इसे नजरंदाज करें। ऐसा करने से आपका मन दुखी नहीं होगा।
अपनी भावनाओं की भी कद्र जरूरी है
अकसर महिलाएं दूसरों को खुश रखने के लिए अपनी खुशियों, जरूरतों और चाहतों को इग्नोर करती हैं। ऐसा करना खुद के साथ नाइंसाफी है। समझौता करना या अपनी जरूरतों को नजरंदाज करना भले ही दूसरों को कुछ पल के लिए खुश कर दे, लेकिन इससे आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ता है। दूसरों की भावनाओं की कद्र जरूर करें, लेकिन अपनी भावनाओं की भी कद्र जरूरी है।
तय करें मदद की सीमाएं
दूसरों की मदद करना एक अच्छी बात है। रिश्तेदारों, परिजनों, मित्रों, पड़ोसियों सबकी मदद करनी चाहिए। लेकिन अपनी प्राथमिकताओं और जरूरी कामों को दरकिनार करके किसी की मदद ना करें। मदद करते वक्त अपनी आर्थिक और सामाजिक सीमाओं को जेहन में जरूर रखें। इस बात का ध्यान रखें कि किसी की उसी हद तक मदद करनी है जिससे हमारी अपनी जिंदगी प्रभावित ना हो।
लेखक- अंजू जैन (Anju Jain)
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