दूसरों को कमतर आंकने की आदत बिगाड़ देती है रिश्ते

दूसरों को कमतर आंकने की आदत बिगाड़ देती है रिश्ते
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कमियां सभी में होती हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप खुद को सुपीरियर मानें और दूसरों को कमतर महसूस कराएं। अगर आप ऐसा बिहेव करती हैं तो इससे आपकी ही इमेज बिगड़ती है। इसलिए इस आदत को छोड़ें और अपने रिश्तों को बेहतर बनाएं।

नए हॉस्टल में रूम पार्टनर के तौर पर निवेदिता मिली तो अंकिता बहुत खुश हुई। अपने ही शहर की लड़की के साथ रूम शेयर करना उसे किसी गिफ्ट जैसा लगा। निवेदिता और अंकिता की कई आदतें एक जैसी थीं। लेकिन निवेदिता को अंकिता की यह बात खटकती थी कि वह खुद को बहुत स्मार्ट-सुपीरियर समझती और दूसरे लोगों को अंडरएस्टिमेट करती रहती। दूसरों को वह खुद से कम स्टैंडर्ड का और कम बुद्धिमान समझती थी। अकसर वह किसी के लिए भी कह देती कि मेरे सामने उसकी हैसियत ही क्या है? लोगों पर कमेंट करना भी उसकी आदत में शुमार था। अंकिता ने उसे एक- दो बार समझाया भी लेकिन निवेदिता ने अपनी आदत नहीं छोड़ी। नतीजतन इतने बड़े हॉस्टल में उसके गिने-चुने 1-2 फ्रेंड ही रह गए। निवेदिता जैसा व्यवहार रिश्ते बिगाड़ता है। इसलिए इस आदत को सुधारना जरूरी है।

हर तरह से नुकसानदायक

लोगों को खुद से कमतर समझना, उन पर तंज कसना, खुद को ही नुकसान पहुंचाने वाली आदत है। जर्नल ऑफ पर्सनालिटी एंड सोशल साइकोलॉजी में पब्लिश अपनी रिसर्च में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के साइकोलॉजिस्ट रोबर्टा श्रीर ने लिखा है कि लोगों का अपमान करने वाली यह पर्सनालिटी अपनों से दूरी बढ़ाती है, दोस्तों को नाराज करती है और यहां तक कि दांपत्य के रिश्ते को भी कमजोर कर देती है। ऐसी पर्सनालिटी वाला इंसान अपने बिहेवियरल स्टैंडर्ड को दुनिया से अलग और सुपीरियर मानने लगता है और दूसरों की फीलिंग्स को हर्ट करने से पहले कुछ नहीं सोचता है। कपल्स के लिए यह आदत और भी खतरनाक है। दरअसल, ईगो के कारण एक पार्टनर खुद को सही और दूसरे को हमेशा गलत मानता है, इससे रिश्ता बिखरने लगता है। बिहेवियर एक्सपर्ट कहते हैं कि यह असल में हिडन एंगर है। यह एक तरह का एग्रेसिव बिहेवियर है। शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसी पर्सनालिटी से सभी रिलेशनशिप पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं, इससे उस व्यक्ति के हैप्पीनेस लेवल, हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है।

ऐसे बदलें अपनी आदत

अगर आपको लगता है कि खुद को सुपीरियर और दूसरों को कमतर समझने की आदत आपमें भी है, तो आपको अपने व्यक्तित्व की इस कमजोरी को दूर करने के लिए सभी संभव प्रयास करने चाहिए। इसके लिए यहां दिए जा रहे सजेशंस को फॉलो करें।

- लोगों पर भूलकर भी तंज न कसें। उनकी तारीफ करने की आदत डालें। उन बातों को जानने की कोशिश करें, जिनसे उन्हें खुशी मिलती है। दूसरों को खुशी दें, जिससे वे आपके मुरीद हों और आपसे बार-बार मिलना चाहें।

-अपने दोस्तों, लाइफ पार्टनर को रेस्पेक्ट दें। उन्हें उनकी अच्छाइयां बताएं। उनके लिए समय-समय पर कोई अच्छा काम करें। उन्हें गिफ्ट दें और उनका पूरा सम्मान करें।

-'मास्टरी मैनुअल : लाइफ चेंजिंग गाइड फॉर पर्सनल एंड प्रोफेशनल ग्रेटनेस' में राइटर रॉबिन शर्मा ने लिखा है, हर इंसान को एक यूनीक गिफ्ट समझें। हम सब अपनी फिंगरप्रिंट की तरह एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं। इसलिए अपने से अलग रंग, भाषा, खान-पान और कपड़े पहनने वाले लोगों का सम्मान करें।

-लोगों के सामने अपनी अच्छाइयां और क्षमताएं बताते समय उन्हें अपनी कमियां भी बताएं। उनसे खुलकर साफ मन से बात करें। ऐसे में जब आप उन्हें उनकी किसी कमजोरी के बारे में बताएंगी तो वे भी नाराज नहीं होंगे।

इन सभी बातों को ध्यान में रखेंगी तो आप किसी को कमतर नहीं मानेंगी। इससे आपके रिश्ते पहले से बेहतर होंगे।

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