लव लाइफ इन 5 स्टेज से गुजर कर होती है मेच्योर, मिलता है प्यार का मुकाम

लव लाइफ इन 5 स्टेज से गुजर कर होती है मेच्योर, मिलता है प्यार का मुकाम
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जिंदगी में पढ़ाई और करियर के अलावा रिलेशनशिप जैसे बहुत सारे पड़ाव आते हैं। जो हमारी जिंदगी को पूरी तरह से बदलने का काम करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि आपकी लव लाइफ यानि रिलेशनशिप में भी कई फेज आते हैं, जो आपकी सोच और जिंदगी के रुख पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। अगर नहीं, तो आज हम आपको आपकी लव लाइफ में आने वाले सबसे अहम बदलावों या फेज़़ के बारे में बता रहे हैं।

आमतौर पर माना जाता है कि प्यार एक सिंगल स्टेज होता है, जो दोस्ती से शुरु होकर शादी पर खत्म हो जाता है, लेकिन आपको बता दें कि दोस्ती और शादी के बीच लाइफ में बहुत सारे पड़ाव आते हैं जो उन्हें मैच्योर कपल बनाने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं रिलेशनशिप के सबसे अहम पड़ाव के बारे में...

रिलेशनशिप के प्रमुख स्टेज (Five Stage Your love Life)

1. अट्रेक्शन का फेज

रिलेशनशिप या प्यार की शुरुआत हमेशा एक अट्रेक्शन से होती है। इस चीज को आपने भी कई बार महसूस किया होगा कि सैकड़ों की भीड़ में किसी एक से ही आप अचानक से बात करने लगते हैं और कुछ दिनों में दोस्ती या प्यार को फील करने लगते हैं। ये प्यार का सबसे शुरुआती दौर होता है। कुछ लोगों में ये अट्रेक्शन दोस्ती तक सीमित रहता है, तो कुछ लोगों में ये आकर्षण प्यार में बदल जाता है।

हनीमून फेज

हनीमून फेज को रिलेशनशिप में सबसे खुशनमा फेज माना जाता है। ये अट्रेक्शन के बाद आता है। इस फेज में लोग एक दूसरे से अपनी रियल फीलिंग्स शेयर करते हैं और रिलेशनशिप को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए एक-दूसरे से कस्में और वादे करते हैं। इस फेज में ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन शरीर में तेजी से रिलीज होता है। जिसकी वजह से बार-बार पार्टनर से मिलने और बात करने की फीलिंग और कमी महसूस होती है। हनीमून फेज अक्सर लोग एक-दूसरे पर अपना अधिकार समझने लगते हैं और पार्टनर की लाइफ से जुड़ी हर बात जानने की कोशिश करते हैं। जिससे वो उनकी केयर कर सकें और इमोशनली तौर पर जुड़ सकें।

इमोशनल फेज

रिलेशनशिप का इमोशनल फेज वो होता है, वो फेज होता है जब दोनों ही लोग एक-दूसरे के साथ कंफर्टेबल और सेफ फील कर पाते हैं। इसके साथ ही अपनी फीलिंग्स को बिना किसी हिचक के कह पाते हैं और अपने रिश्ते को सामान्य स्तर से आगे बढ़ाने के बारे में सोचते हैं। आमतौर पर कपल्स इमोशनली स्टेसिफाई होने पर शादी के ऑप्शन को चुनते हैं।

आत्मनिरीक्षण करना

ये फेज आमतौर पर शादी या काफी लंबे समय तक रहे रिलेशनशिप के बाद आता है। जिसमें पार्टनर्स हम के बीच मैं और तुम की तलाश करने लगते हैं। इस फेज में रिलेशनशिप में आने वाले तनाव, गलतफहमियों, मतभेद के कारणों और उनके सॉल्यूशन्स को खोजा जाता है। इस फेज को रिलेशनशिप मेक या ब्रेक स्टेज भी कहा जाता है।

पूर्ण रुप से विश्वास वाला फेज

अगर आप आत्मनिरीक्षण के फेज के बाद भी अपने पार्टनर के साथ रहना पसंद करते हैं, तो आप अपने पार्टनर पर अटूट विश्वास के साथ बेपनाह मोहब्बत करते हैं। आप अपने पार्टनर के साथ सुख और दुख की हर घड़ी में एक-दूसरे का मजबूती से हाथ थामे रहते हैं। जिससे आप लाइफ को पूरी तरह से खुलकर जी पाते हैं और पार्टनर की कंपनी को इंज्वॉय करते हैं।

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