आपका हर रिश्ता बना रहेगा मजबूत-मधुर

आपका हर रिश्ता बना रहेगा मजबूत-मधुर
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रिश्तों में मधुरता और मजबूती हो तो जिंदगी में खुशियां बनी रहती है। इसलिए महिलाएं अपने नाते-रिश्तेदारों, करीबियों और दोस्तों से रिश्ते बेहतर बनाने की कोशिश में लगी रहती हैं। लेकिन कई बार उन्हें मनचाहे परिणाम नहीं मिलते हैं। ऐसे में रिश्तों की मजबूती के लिए कुछ बातों को अमल में लाना जरूरी है।

लोगों के साथ अच्छे संबंध, सोसायटी में सम्मान और वक्त-बेवक्त दूसरों का सहारा, हर आम और खास महिला की जरूरत और चाहत होती है। हर कोई चाहता है कि उसका सपोर्ट सिस्टम स्ट्रॉन्ग हो। लोग उससे मेल-जोल रखने के इच्छुक हों। आप भी अपना सोशल सर्किल जरूर मजबूत रखना चाहती होंगी। इसके लिए जरूरी है कि आप कुछ बातों पर ध्यान दें।

हमेशा अच्छा व्यवहार करें

गिव एंड टेक बेहद पुराना फार्मूला है। आप जैसा व्यवहार दूसरों से चाहती हैं, उनसे वैसा ही व्यवहार करें। जब आप किसी को देख कर मुस्कुराती हैं तो वह भी मुस्कुराता है। घर आने पर किसी की सम्मानपूर्वक आव-भगत करती हैं तो उसके घर जाने पर आपका भी खूब सत्कार होता है। इसी तरह जब आप बुरे समय में किसी की मदद करती हैं तो वह भी आपकी मदद करता है। इस तरह आपके रिश्ते मजबूत बनते हैं।

रिश्तों के लिए टास्क जरूरी

कुछ लोग रिश्तों को टेकन फॉरग्रांटेड मान कर चलते हैं, जबकि हकीकत यह है कि हर रिश्ते को सफल, मजबूत बनाने के लिए आपको उस पर हर रोज काम करना पड़ता है। चाहे भाई-बहन, दोस्ती का और देवरानी-जेठानी का रिश्ता हो, सबकी केयर करना जरूरी है। इसके लिए समय-समय पर एक-दूसरे का हाल पूछना, गिफ्ट देना, एक-दूसरे का फेवर करना, उनके काम में हाथ बंटाना, प्रशंसा करना और कृतज्ञता जताना जरूरी है।

वैचारिक अंतर को स्वीकार करें

रिश्तों में हम हमेशा एक गलती करते हैं। हम चाहते हैं कि सिर्फ उन्हीं लोगों को पसंद करें, जिनके विचार हमारे जैसे हों। उम्मीद करते हैं कि हम जिनके साथ रहते हैं या उठते-बैठते हैं, उन्हें हमारे विचारों से हमेशा सहमत होना चाहिए। बस यही उम्मीद रिश्तों में खटास का सबब बन जाती है। रिश्तों में मजबूती के लिए आपको यह मानकर चलना चाहिए कि किसी भी मुद्दे पर हर व्यक्ति के अपने विचार होते हैं, जो जरूरी नहीं कि आपसे मेल खाते हों, लेकिन इससे आपसी प्यार, स्नेह में कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।

दूसरों का ख्याल रखना सीखें

रिश्तों में अपनापन जताने का सबसे सही तरीका यही है कि हम उनका ख्याल रखें, जिन्हें अपना समझते हैं। जाने-माने मोटिवेशनल राइटर शिव खेड़ा कहते हैं, 'कभी-कभी हम दूसरों की जरूरतों के लिए असंवेदनशील हो जाते हैं। इससे मायूसी और नाराजगी पैदा हो जाती है। आपसी रिश्ते लोगों में परफेक्शन की वजह से नहीं बनते बल्कि वे आपसी समझदारी से बनते हैं। कुछ लोग समझदारी दिखाने और ख्याल रखने की कमी को पैसों से पूरा करने की कोशिश करते हैं। जबकि दूसरों को समझना, उन पर पैसे खर्च करने से ज्यादा अहम है।' आप भी रिश्तों की मजबूती के लिए इस बात को ध्यान में रखें।

खुशमिजाज-जिंदादिल बनें

रिश्तों को निभाने और उनको मजबूत बनाने में जिंदादिली और खुशमिजाज स्वभाव का अहम रोल होता है। अगर आप लोगों को हंसाने की कला में माहिर हैं तो हर कोई आपसे खुश रहेगा। जिंदादिल शख्स, छोटी-मोटी गल्तियों को नजरअंदाज करता है और मुश्किल वक्त में दूसरों को हौसला देता है। ऐसे लोगों से हर कोई नजदीकियां चाहता है। लेकिन दूसरों का मजाक उड़ाने की गलती कभी ना करें। इससे रिश्ते बनने के बजाय बिगड़ेंगे।

चुगली-शिकायत न करें

रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है। यह पूरी तरह विश्वास पर ही टिका होता है। पीठ पीछे किसी की बुराई करना, दूसरों के सामने चुगली करना, हर वक्त उलाहने देना या शिकायत करना रिश्तों की जड़ों को कमजोर करता है। अगर आपको किसी से सच में शिकायत है तो खुद उससे ही सधे शब्दों में विनम्रतापूर्वक कहें। आलोचना हमेशा अकेले में करें। इससे सामने वाले के मन में आपके लिए आदर भाव बना रहेगा। आपका रिश्ता भी इससे मजबूत होगा।

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