Constitution Day: ब्रिटिश लॉयर ने भारतीय संविधान के खुलेपन को बताया था परेशानी का सबब, फैक्ट्स के साथ पढ़िए स्टेटमेंट

Constitution Day: ब्रिटिश लॉयर ने भारतीय संविधान के खुलेपन को बताया था परेशानी का सबब, फैक्ट्स के साथ पढ़िए स्टेटमेंट
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Constitution Day 2022: भारतीय संविधान से जुड़े कुछ अमेजिंग फैक्ट्स, जिन्हें नहीं जानते होंगे आप। साथ ही पढ़िए संविधान दिवस का इतिहास क्या है।

Constitution Day 2022: आजदी के बाद भारत (India) के लिए 26 नवंबर का दिन बेहद ही खास था। क्योंकि ये वो दिन था, जब देश की संविधान सभा ने वर्तमान संविधान को पूरी तरह से अपना लिया था। देश में संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) हमेशा ढाल बनकर हमारे जीवन के मूलभूत अधिकार हमें प्रदान करते हैं, वहीं इसमें दिए गए मौलिक कर्तव्य हमें हमारे दायित्वों की भी याद दिलाते हैं। भारत का संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। हालांकि 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की प्रक्रिया बहुत पुरानी नहीं है। कुछ समय पहले तक, 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था।

संविधान दिवस का इतिहास?

भारत के प्रत्येक नागरिक के बीच संविधान के बारे में जागरूकता पैदा करने और संवैधानिक मूल्यों का प्रचार करने के लिए 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में तय किया गया था। 19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय मंत्रालय ने फैसला किया कि 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने की परंपरा शुरू की जाएगी और तभी से इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारतीय संविधान से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

1. भारतीय संविधान को तैयार करने में कुल 2 साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था।

2. हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

3. संविधान की मूल कॉपी टाइप नहीं की गई थी, बल्कि ये प्रतियां हाथ से लिखी गई थीं।

4. वर्तमान में, संविधान की मूल कॉपी संसद के पुस्तकालय के अंदर हीलियम से भरे एक बॉक्स में रखी जाती हैं। इसके साथ ही उन्हें नेफ़थलीन गेंदों के साथ फलालैन कपड़े में लपेटा गया है। हर पेज में एक सोने की पत्ती का फ्रेम होता है और हर अध्याय के शुरुआती पृष्ठ में कलाकृति होती है।

5. संविधान की मूल प्रतियों को प्रसिद्ध लेखक प्रेम नारायण रायजादा ने तैयार किया था।

6. भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम 1935 पर आधारित है।

7. हमारे संविधान के कुछ महत्वपूर्ण और आवश्यक भागों को कई देशों के संविधान से लिया गया है।

मौलिक अधिकार और स्वतंत्र न्यायपालिका- संयुक्त राज्य अमेरिका

संसदीय प्रणाली - ब्रिटेन

राष्ट्रपति का पद और संघीय सरकार प्रणाली - कनाडा

संवैधानिक संशोधन प्रणाली- अफ्रीका

आपातकालीन प्रावधान- जर्मनी

नीति के निर्देशक सिद्धांत- आयरलैंड

शासन की गणतांत्रिक व्यवस्था- फ्रांस

समवर्ती सूची- ऑस्ट्रेलिया

8. ब्रिटिश लॉयर सर इवोर जेनिंग्स ने भारतीय संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे लचीला संविधान बताया था। इसके साथ ही यह भी कहा था कि भारतीय संविधान के खुलेपन को उसका दोष और वकीलों के लिए स्वर्ग भी कहा जा सकता है।

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