Slipped Disc: स्लिप डिस्क होने पर हो सकती ये समस्या, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

Slipped Disc: स्लिप डिस्क होने पर हो सकती ये समस्या, जानें लक्षण और बचाव के तरीके
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Slipped disc: आज के समय में स्लिप डिस्क की समस्या उन लोगों के लिए आम होती जा रही है, जो ज्यादा गलत तरीके से घंटों बैठकर काम करते हैं। लेकिन ये एकमात्र वजह नहीं है। इसके अलावा भी कई अन्य कारणों से भी स्लिप डिस्क की परेशानी आ सकती है। जानिये इसके लक्षण और बचाव के तरीके...

Slip Disc: स्लिप डिस्क का मतलब रीढ़ की हड्डी में होने वाली परेशानी से है। इस बीमारी में स्पाइन के अंदर रिंग के बोन्स में मौजूद जैली की तरह पदार्थ छल्लों की तरह से बाहर निकलता है। यह खासतौर पर हड्डियों में चोट लगने या खराब आने की वजह से हो सकती है। स्पाइन हड्डी नहीं होती है बल्कि 33 हड्डियों का एक समूह होता है।

वैसे स्लिप डिस्क की समस्या स्पाइन के किसी हिस्से में हो सकती है। मगर ज्यादातर लंबर डिस्क नंबर 14 और 15 में या कमर के निचले हिस्से में होती है। इन नंबरों की पहचान ज्यादातर एमआरआई की रिपोर्ट में ही पता चलती है।

स्लिप डिस्क होने के कारण

वजन का बढ़ना

अगर आपका वजन ज्यादा है, तो आपको स्लिप डिस्क का खतरा हो सकता है। ये आपके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसकी वजह से कमर के निचले हिस्से पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इससे ठीक होने में काफी ज्यादा समय लगता है।

कमजोरी होना

स्लिप डिस्क होने की मुख्य वजह शरीर के कई हिस्सों में कमजोरी हो सकती है। इसके अलावा, ज्यादा वजन उठाने या चीजों को पकड़कर रखने से भी ये समस्या हो सकती है। लेकिन इस कमजोरी की वजह नस भी सकती है, जो स्लिप डिस्क के दौरान दब गई हो या संबंधित अंग से जुड़ी हो। इन मरीजों में जलन, सूजन या खुजली और दस्त होने की समस्या हो सकती है।

लगातार ड्राइविंग करना

अगर आप कहीं घूमने जा रहे हैं या फिर ऑफिस जाने के दौरान ज्यादा देर तक ड्राइविंग कर रहे हैं, तो बैक बोन की परेशानी हो सकती है। खासतौर पर ये झटके लगने से होता है। इसके अलावा, शरीर में जेनेटिक्स, कैल्शियम की कमी और किसी ट्रामा से भी स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है।

गलत तरीके से बैठना

किसी भी भारी सामान को जमीन के ऊपर उठाकर न रखें। इन चीज़ों को उठाने का तरीका अलग होता है। इस दौरान अगर आपका पोस्चर ठीक नहीं है, तो स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है। जब भी जमीन के ऊपर सामान उठा रहे हैं, तो घुटनों को मोड़ना जरूरी है। इसलिए सामान उठाते समय इस बात का खास ध्यान रखें।

स्लिप डिस्क के लक्षण

कमर दर्द की समस्या से राहत पाने के लिए जेल और बाम लगाते है। लेकिन ये सभी उपाय दर्द में सिर्फ कुछ समय तक ही राहत देते हैं। चलिए स्लिप डिस्क के लक्षणों के बारे में जानते है।

  • स्लिप डिस्क की समस्या में जांघ और कमर में दर्द होता है। यह दर्द पिंडली, कंधे, पैर, हिप्स और हाथों में भी हो सकता है। परंतु यह दर्द रोजाना के कामों जैसे टहलने और दौड़ने पर ज्यादा बढ़ जाता है।
  • स्लिप डिस्क के कारण शरीर के कई हिस्से सुन्न हो जाते हैं। लेकिन ये वही हिस्से होते हैं, जो रीढ़ की डिस्क से दबी नसों से जुड़े हुए होते हैं। लेकिन कई बार कमर के नीचे का पूरा हिस्सा सुन्न हो जाता है।

स्लिप डिस्क से बचाव कैसे करें

अगर आपको स्लिप डिस्क की समस्या है और आप इसके खतरे को कम करना चाहते हैं, तो रोजाना एक्सरसाइज करें। इससे प्लैंक योग, ब्रिज पोज मददगार हो सकते हैं। मगर आपको ये समस्या पहले से है, तो एक्सरसाइज करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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