Stroke Symptoms: युवाओं में तेजी से बढ़ रहा स्ट्रोक का खतरा, इन लक्षणों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज

Stroke Symptoms: युवाओं में तेजी से बढ़ रहा स्ट्रोक का खतरा, इन लक्षणों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज
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Stroke Symptoms: दुनियाभर में स्ट्रोक का खतरा अब लगातार बढ़ता जा रहा है, यह खतरा युवाओं में भी अधिक नजर आने लगा है। आइए जानते हैं कि यह होता कैसे है, साथ ही इसके लक्षण और इलाज के बारे में।

Symptoms of stroke: दुनियाभर में हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों से जुड़े मामले बढ़ने की वजह से स्ट्रोक से होने वाली मौत दूसरे नंबर है। आज दुनियाभर में लगभग पौने तीन करोड़ व्यक्ति स्ट्रोक रोग के साथ अपनी जिंदगी जी रहे हैं। इसके अलावा करीब 70 लाख लोग हर साल इस वजह से अपनी जान गंवाते हैं। पहले स्ट्रोक (ब्रेन अटैक) के केस आमतौर पर 60 वर्ष की आयु के बाद सामने आते थे। लेकिन, अब युवाओं (30 से 35 वर्ष की आयु वाले ) में भी स्ट्रोक के खतरा बढ़ता जा रहा है आइये जानते हैं कि इसके लक्षण क्या हैं।

युवाओं में क्यों बढ़ रहा है स्ट्रोक का खतरा

यह समस्या बेकार, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से युवाओं में बढ़ रही है। युवाओं की आकांक्षाओं और फिर उनकी उम्मीदों का पूरा न होने से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। इस वजह से डिप्रेशन और हाई ब्लड प्रेशर होता है, इन रोगो के लंबे समय तक रहने से स्ट्रोक होने कि संभावना बढ़ती है। साथ ही डायबिटीज, मोटापा, हाई बीपी, किडनी रोग आदि स्ट्रोक के खतरे को और बढ़ा देते हैं। इसके होने के कुछ अन्य कारण भी हैं :-

-हाई कोलेस्ट्रॉल

-व्यायाम न करना

-धूम्रपान व शराब का अधिक सेवन करना

-नमक व रिफाइंड चीजें अधिक खाना

क्या हैं स्ट्रोक के लक्षण (Symptoms)

-बिना किसी वजह से तेज सिर दर्द।

-उलझन और बेहोशी होना।

-बॉडी का बेलेंस बिगड़ना।

-आंखों में धुंधलापन जैसा होना।

-खड़े होने और बैठने में दिक्कत।

-अचानक सुन्नता हो जाना।

-कमजोरी या चेहरे के एक हिस्से में लकवे के लक्षण दिखाई देना।

-बांहों में कमजोरी महसूस और ऊपर उठाने में परेशानी होना।

-वाक्य सही से नहीं बोल पाना, बोमे मने दिक्कत होना।

उपचार (Treatment)

गोल्डन आवर्स

यदि स्ट्रोक रोगी के इलाज में साढ़े 4 घंटे के भीतर प्रॉपर मेडिकल केयर मिल जाती है तो उसे मेडिकल टर्म में गोल्डन आवर्स कहा जाता है। यह समय बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान मरीज की जान बचाई जा सकती है। इसके अलावा स्ट्रोक से होने वाली दिक्कतों और नुकसान काफी हद तक कम और कंट्रोल भी किया जा सकता है।

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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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