Sunday Special : 23000 साल पुराना है पतंग का इतिहास, इस वजह से उड़ाई जाती है पतंग

Sunday Special : देश आज अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2021) मना रहा है। आजादी के जश्न को सभी राज्यों में अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। वहीं दिल्ली एनसीआर में 15 अगस्त को पतंग उड़ाने का चलन है। ऐसे में जिस पतंग को आप उड़ा रहे हैं, क्या आप जानते हैं कि उस पतंग का इतिहास कितना पुराना है और यह कहां से आई है। अगर नहीं तो हम बताते है आप को पतंग का पूरा इतिहास। दरअसल, पतंग का इतिहास चीन (China) से जुड़ा हुआ है। करीब 23,000 साल पहले चीन के एक दार्शनिक ने पतंग (Kite) काे बनाया था। दुनिया की पहली पतंग बनाने वाले दार्शिक का नाम 'हुआंग थेग' बताया जाता है।
जानें किस देश में क्या है पतंग उड़ाने की मान्यता
1-चीन
पतंग उड़ाने को चीन में अंधविश्वास से जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है कि चीन में किंन राजवंश के शासन के दौरान अगर कोई पतंग उड़ाकर उसे अज्ञात छोड़ देता था तो उसे अपशकुन माना जाता था। वहीं अगर कोई पतंग कट कर गिर जाती थी और उसे कोई उठा लेता था तो उसे भी बुरा शकुन माना जाता था।
2-थाईलैंड
थाईलैंड में पतंग को धार्मिक आस्थाओं से जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है कि थाइलैंड में हर राजा के पास उनकी एक विशेष पतंग पाई जाती थी। जिसे सर्दी के मौसम में भिक्षु और पुरोहित देश में शांति और खुशहाली की आशा के लिए उड़ाते थे। वहीं थाईलैंड के लोग अपनी प्रार्थना भगवान तक पहुंचाने के लिए पतंग उड़ाया करते थे। यही नहीं दुनिया के कई देशों में 27 नवंबर को फ्लाई ए काइट डे मनाया जाता है।
3-यूरोप
कहा जाता है यूरोप में पतंग की शुरुआत नाविक मार्को पोलो के आने के बाद हुई। मार्को पूर्व की यात्रा के दौरान मिली पतंग के कौशल को यूरोप में लाया। इसके बाद यूरोप के लोगों और फिर अमेरिका के लोगों ने वैज्ञानिक और सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पतंग का इस्तेमाल किया।
4- भारत
भारत में पतंग उड़ाने का शौक भी चीन से होते हुए ही पहुंचा है। भारत के कई हिस्सों में पतंग को अच्छे से अपना लिया है और अपने धर्म, मान्यताओं और त्यौहारों पर पतंग को उड़ाते भी हैं।
राजस्थान में होता है पतंग उत्सव
राजस्थान में तो पतंग उत्सव भी मनाया जाता है। यहां पर्यटन विभाग की ओर से हर साल तीन दिवसीय पतंगबाजी प्रतियोगिता कराई जाती है। जिसमें दुनिया भर के पतंगबाज हिस्सा लेते हैं। इस प्रतियोगिता का आयोजन मकर संक्रांति के दिन किया जाता है।
पतंग से मिलती है प्रेरणा
आपको क्या लगता है कि पतंग उड़ाना महज एक शौक है, ऐसा नहीं है पतंग से हमें जिंदगी जीने की प्रेरणा भी मिलती है। एक कागज का टुकड़ा खुले आसमान में उड़ता है और गगन को छूने की कोशिश करता है। जब पतंग अपनी मंजिल पर जाने की कोशिश करती है तो आसमान में मौजूद अन्य पतंगे उसके लिए बाधा बन जाती है और वो उन सभी के बीच से निकलकर आगे बढ़ने की कोशिश करती है। उसे अपनी डोर पर विश्वास होता है कि वह उसके सहारे आगे बढ़ जाएगी। इसलिए जीवन में विश्वास होना बहुत आवश्यक है। अगर आपको खुद पर भरोसा है तो आप किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहे और इस से जीतकर आगे भी निकलेंगे।
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