सरोगेसी क्या है, जानिए उससे जुड़ी जानकारी

X
By - टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्ली |31 Jan 2019 8:54 PM IST
Surrogacy Meaning in Hindi
सरोगेसी, आपने आज तक इस शब्द को कई बार सुना जरूर होगा लेकिन सरोगेसी क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है। ऐसे सवाल अक्सर आपके दिमाग में आते होंगे। वैसे तो सरोगेसी तकनीक और शब्द को सबसे ज्यादा पॉपुलर या यूं कहें कि इसका उपयोग बॉलीवुड हस्तियों ने किया है। सरोगेसी के जरिए करन जौहर, तुषार कपूर, शाहरूख खान आदि स्टार्स पेरेंट्स बनें हैं। सरोगेसी आमतौर पर ऐसे दंपतियों के लिए वरदान है, जो अनगिनत कोशिशों के बावजूद निसंतान हैं। यहीं नहीं, सरोगेसी एक ऐसी तकनीक या माध्यम है जिसके जरिए बिना शादी के भी सिंगल लोग पेरेंट्स बन सकते हैं।इसलिए आज हम आपको सरोगेसी क्या है और इससे जुड़ी पूरी जानकारी बता रहे हैं...
सरोगेसी क्या है : जानें सरोगेसी का खर्च, सरोगेसी प्रक्रिया और सरोगेसी बिल 2016 से 2018 तक की पूरी रिपोर्ट
सरोगेसी क्या है? What is Surrogacy meaning in Hindi ?
सरोगेसी एक ऐसी तकनीक, माध्यम है। जिसके जरिए निसंतान लोग भी माता-पिता बन सकते हैं। सरोगेसी को, आसान शब्दों में 'किराए की कोख' भी कहा जाता है। सरोगेसी में एक स्वस्थ महिला के शरीर में मेडिकल तकनीक से पुरूष के स्पर्म को इंजेक्ट किया जाता है। जिसके 9 महीने बाद एक स्वस्थ बच्चे का जन्म होता है। इस तकनीक में गर्भधारण करने वाली महिला का पूरे 9 महीने तक डॉक्टर्स अपनी देखरेख में रखते हैं। जिससे एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हो सके।

1. सरोगेसी एक कानूनी प्रक्रिया भी है, क्योंकि इसमें मेडिकल क्लीनिक, स्वस्थ महिला और निसंतान दंपति के बीच एक लीगल एग्रीमेंट किया जाता है। जिसमें सरोगेसी से जुड़ी सभी जरूरी शर्तों का उल्लेख किया जाता है।
2. सरोगेसी का उपयोग आमतौर पर लंबे समय तक निसंतान दंपति और आईवीएफ तकनीक के फेल होने और पर ही किया जाता है।
3. सरोगेसी के लिए सबसे पहले निसंतान दंपति को सरोगेसी के मान्यता प्राप्त मेडिकल क्लीनिक से संपर्क करके एक स्वस्थ महिला का चुनाव करना होता है।
4. उसके बाद स्वस्थ महिला के शरीर में मेडिकल तकनीक के जरिए पुरूष के स्पर्म्स को इंजेक्ट किया जाता हैं। जिसके बाद सरोगेसी करने वाली महिला अगले 9 महीनों तक डॉक्टर्स की देखरेख में रहती है। जिससे एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हो सके।
5. बच्चे के जन्म के बाद मेडिकल क्लीनिक निसंतान दंपति को बच्चा सौंप देता है और उसके बदले में सरोगेसी करने वाली महिला को एक तय कीमत दे दी जाती है।
6. सरोगेसी बिल 2016 के बिल में संशोधन करके सरोगेसी बिल 2018 में कई बदलाव किए गए हैं। जिसके मुताबिक अब सरोगेसी महिला जीवन में सिर्फ एक बार ही सरोगेसी कर सकेंगी।
7. कोई भी सिंगल, होमोसेक्शुअल लोग सरोगेसी से पेरेंट्स नही बन सकेंगे।
8. सरोगेसी तकनीक या प्रक्रिया सबसे पहले पश्चिम देशों में अपनाई जाती थी। जो पिछले कुछ सालों से भारत में सरोगेसी का चलन काफी तेजी से बढ़ गया है।
9. भारत में सरोगेसी कराने का खर्चा, पश्चिम देशों की तुलना में बेहद कम है।
10. सरोगेसी के माध्यम से जहां निसंतान दंपति माता-पिता बन पाते हैं, वहीं सरोगेसी करने वाली महिला की भी आर्थिक लाभ दिया जाता है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS