Teacher's Day 2021 : जानें टीचर्स डे के रूप में क्यों मनाया जाता है सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन

Teachers' Day 2021 : भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती को शिक्षक दिवस (Teachers' Day) के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं देश के पहले उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति के जीवन के कुछ पहलुओं के बारे में।
जानकारी के मुताबिक, राधाकृष्णन का जन्म 1888 में आंध्र प्रदेश के तिरूत्तनी में हुआ था। वह एक गरीब ब्राह्मण परिवार संबंध रखते थे। राधाकृष्णन बचपन से ही मेधावी थी। कहा जाता है कि स्कॉलरशिप से ही उन्होंने अपनी पढ़ाई की। वह बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया करते थे। उन्होंने दर्शनशास्त्र में एमए भी किया था। जिसके बाद उन्हें मैसुर महाविद्यालय 1918 में उन्हें सहायक प्राध्यापक नियुक्त किया था। पूर्व राष्ट्रपति ने चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में भी अध्यापन का कार्य भी किया। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्य किया। वे छात्रों के बीच लोकप्रिय थे और एक शानदार शिक्षक के रूप में देखे जाते थे।
विश्वविद्यालयों के कुलपति भी रहें डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन
राधाकृष्णन ने आंध्र विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय दोनों के कुलपति के रूप में भी कार्य किया और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त थी जब उन्हें पूर्वी धर्मों के स्पाल्डिंग प्रोफेसर की कुर्सी भरने के लिए बुलाया गया था। 1939 में, उन्हें ब्रिटिश अकादमी का फेलो चुना गया। राधाकृष्णन 1952 में भारत के पहले उपराष्ट्रपति बने और 1962 में 1967 तक देश के दूसरे राष्ट्रपति की भूमिका निभाई। 17 अप्रैल, 1975 को उनका निधन हो गया था। अपनी तमाम उपलब्धियों और योगदानों के बावजूद राधाकृष्णन जीवन भर शिक्षक रहें।
1984 में मिला था सर्वोच्च नागरिक सम्मान
राधाकृष्णन को 1984 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न और 1963 में ब्रिटिश ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित किया गया था।
इसलिए मनाया जाता है शिक्षण दिवस
खबरों के मुताबिक, जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति के पद पर थें, तब उनके कुछ छात्रों और दोस्तों ने उनसे जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया था। इसके जबाव में उन्होंने कहा था कि उनका जन्मदिन बनाने की बजाय, उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो यह उनके लिए गर्व की बात होगी। तब से उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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