Health Tips: Blood Group से पता करें कैसा है आपके दिल का हाल? कहीं हार्ट अटैक या ब्लड क्लॉटिंग का तो नहीं हो रहे शिकार

Health Tips: Blood Group से पता करें कैसा है आपके दिल का हाल? कहीं हार्ट अटैक या ब्लड क्लॉटिंग का तो नहीं हो रहे शिकार
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हार्ट अटैक या हृदय संबंधी (Heart Attack) बिम्मरियों का कितना है खतरा ब्लड ग्रुप के माध्यम से लगाइये पता, यहां पढ़ें पूरी जानकारी।

Health Tips: जैसा की हम सभी जानते हैं ब्लड के प्रकारों को चार ग्रुप्स में बांटा जाता है, यह ब्लड ग्रुप होते हैं A, B, AB और O। ये चार ब्लड ग्रुप खून में मौजूद या फिर एब्सेंट एंटीजन (Absent Antigen) की संख्या के आधार पर एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं। इन ब्लड ग्रुप को "+" यानी पॉजिटिव और "-" यानी नेगेटिव में भी बांटा जाता है, बता दें कि यह बंटवारा भी एंटीजन की प्रजेंस या एब्सेंस के आधार पर ही किया जाता है। जिसे "RH फैक्टर" कहते हैं, उदाहरण के लिए अगर ब्लड ग्रुप A वाले व्यक्ति में RH फैक्टर मौजूद है, तो उसका ब्लड ग्रुप A पॉजिटिव होता है। हाल के एक अध्ययन के मुताबिक A, B और AB ब्लड ग्रुप वाले लोगों को दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने का खतरा ज्यादा होता है।

ब्लड ग्रुप से पता लगाएं हार्ट अटैक पड़ने की स्थिति

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस और वैस्कुलर बायोलॉजी में स्टडी से पता चला कि A या B ब्लड ग्रुप वाले लोगों में O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 8 प्रतिशत ज्यादा होता है। यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा 2017 में किए गए एक अन्य अध्ययन में 13.6 लाख से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। अध्ययन के रिजल्ट से पता चला कि O नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले लोगों में O ब्लड ग्रुप वाले किसी व्यक्ति की तुलना में कोरोनरी और हृदय संबंधी समस्या होने चांस 9 प्रतिशत ज्यादा होते हैं। स्टडी के मुताबिक ब्लड ग्रुप B वाले लोगों में O- टाइप ग्रुप की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का खतरा 15 प्रतिशत ज्यादा था।

जानिए कौन से ब्लड ग्रुप को होता है सबसे अधिक खतरा

हालांकि सबसे ज्यादा जोखिम ब्लड ग्रुप A वाले लोगों के लिए माना जाता है। इस ब्लड ग्रुप के लोगों में O- की तुलना में दिल का दौरा पड़ने जैसी समस्याओं का 11 प्रतिशत अधिक जोखिम होता है। O को छोड़कर सभी ब्लड ग्रुप्स में दिल से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ने का कारण ब्लड के थक्कों के प्रति उनकी संवेदनशीलता में वृद्धि को बताया जाता है। ब्लड क्लॉटिंग प्रोटीन, वॉन विलेब्रांड फैक्टर (VWF), O- ब्लड ग्रुप में यह अधिक पाया गया। प्रोटीन थ्रोम्बोटिक प्रभाव से जुड़ा हुआ है, यह पाया गया कि A और B ब्लड ग्रुप वाले लोगों में O- टाइप की तुलना में ब्लड के थक्कों का खतरा 44 प्रतिशत अधिक था।का

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