Women Health Care : महिलाओं को बदल लेनी चाहिए अपनी ये आदतें, वरना प्रेग्नेंसी में आएंगी दिक्कतें

Women Health Care : महिलाओं को बदल लेनी चाहिए अपनी ये आदतें, वरना प्रेग्नेंसी में आएंगी दिक्कतें
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अगर आपकी लाइफस्टाइल (Lifestyle) सही नहीं है तो आपको पीसीओएस (PCOS) होने की आशंका बढ़ जाती है। गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अमिता सक्सेना बताती हैं कि हार्मोनल असंतुलन के अलावा अस्त-व्यस्त जीवनशैली की वजह से भी पीसीओएस (PCOS) हो सकता है। ऐसे में अपनी लाइफ स्टाइल में जरूरी बदलाव कर इससे होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है।

Women Health Care: अगर आपकी लाइफस्टाइल (Lifestyle) सही नहीं है तो आपको पीसीओएस (PCOS) होने की आशंका बढ़ जाती है। यही नहीं अगर आप इसकी पेशेंट हैं तो लाइफस्टाइल सुधारकर इसके साइडइफेक्ट्स से काफी राहत पा सकती हैं। गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अमिता सक्सेना बताती हैं कि हार्मोनल असंतुलन के अलावा अस्त-व्यस्त जीवनशैली की वजह से भी पीसीओएस (PCOS) हो सकता है। ऐसे में अपनी लाइफ स्टाइल में जरूरी बदलाव कर इससे होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है।

ठीक से नींद न आना

ठीक से नींद ना आना पीसीओएस का एक लक्षण हो सकता है। पूरी नींद ना लेने पर सोकर उठने के बाद थकान महसूस होती हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि यह पीसीओएस का ही लक्षण हो। कई बार ऐसे लक्षण स्लीप एपनिया जैसी बीमारी के कारण भी हो सकते हैं। रोग की सही पहचान के लिए आपको अपनी जांच जरूर करवानी चाहिए। साथ ही अपने स्लीपिंग पैटर्न में सुधार करें। रात में देर तक ना जागें और पर्याप्त नींद जरूर लें। रोजाना पर्याप्त नींद लेने से आप ना केवल पीसीओएस की आशंका को कम कर सकती हैं, साथ ही अगर आप इसकी पेशेंट हैं तो इससे होने वाली कई परेशानियों से बच भी सकती हैं।

अपने वजन को बढने से रोकें

पीसीओएस होने के कारण बॉडी वेट तेजी से बढ़ने लगता है। पीसीओएस पेशेंट्स के लिए बॉडी वेट अधिक होना कई अन्य परेशानियों की वजह भी बन सकता है। यही नहीं अगर आप स्वस्थ हैं लेकिन बॉडी वेट अधिक है तो आपको पीसीओएस होने का रिस्क भी बढ़ जाता है। ओवर वेटेड डायबिटीज पेशेंट्स में इंसुलिन का स्तर भी बढ़ता जाता है। वेट लॉस होने से इंसुलिन को कम करने में मदद मिलती है। इसलिए वजन कम करना बहुत जरूरी है। आपका वजन और बॉडी मास इंडेक्स दोनों ही सामान्य से ज्यादा हैं, तो तुरंत वजन कम करने का प्रयास करें। बॉडी वेट कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से सुबह और शाम एक्सरसाइज करना काफी फायदेमंद है। एक्सरसाइज करने से आपकी दिनचर्या भी ठीक रहती है, जो पीसीओएस को नियंत्रित करने में सहायक साबित होती है। वजन कम होने से पीरियड साइकिल ठीक करने में भी मदद मिलती है।

मानसिक सेहत पर प्रभाव

पीसीओएस की वजह से हार्मोनल बदलाव (Hormonal changes) होते हैं, जिससे महिलाओं की मानसिक सेहत (Mental Health) पर भी इसका असर पड़ता है। कुछ महिलाओं में पुरुष हार्मोन के स्तर बढ़ने की वजह से वे चिड़चिड़ी और गुस्सैल हो जाती हैं। छोटी-छोटी बात पर झगड़ने लगती हैं। इसी तरह कुछ महिलाएं एंग्जाइटी और तनाव का शिकार हो जाती हैं। इससे रिलेशनशिप (Relationship) पर असर पड़ता है। इसके लिए स्ट्रेस (Stress) से दूर रहने का प्रयास करें और परेशानी बढ़ने पर साइकोलॉजिस्ट (Psychologist) से कंसल्ट करें।

क्या है पीसीओएस (PCOS) के लक्षण

-पीरियड्स समय पर न आना, लाइट पीरी़यड्स आना

-इनफर्टिलिटी की समस्या होना

- प्रेग्नेंसी में परेशानी होना

-चेहरे पर अनचाहे बाल आना आदि

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