खुद को फिट रखने के लिए ऐसे बनाएं कैलोरी के हिसाब से डाइट प्लान

डेली ली जाने वाली डाइट के जरिए हर महिला को कैलोरी (Calorie) की एक निश्चित मात्रा की जरूरत होती है। कैलोरी (Calorie Foods) की मात्रा में डिस्बैलेंस होने से आपकी फिटनेस बिगड़ सकती है या हेल्थ इश्यूज हो सकते हैं। ऐसा आपके साथ ना हो, इसके लिए हम दे रहे हैं, एक्सपर्ट के यूजफुल सजेशंस। कई महिलाएं अपनी डाइट में कैलोरी मेंटेन करने को लेकर थोड़ा कंफ्यूज रहती हैं।
दरअसल, कैलोरी की मात्रा अधिक लेने पर ओवर वेट होने के चांसेज बढ़ जाते हैं और अगर कम कैलोरी लें तो वीकनेस महसूस होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि थोड़ा एहतिहात बरतकर अपने को स्लिम और स्मार्ट बनाने के साथ बीमारियों से भी बचा जा सकता है। वास्तव में हर एज ग्रुप की महिलाओं के लिए कैलोरी की जरूरत अलग-अलग होती है, जो फिजिकल एक्टिविटी पर भी डिपेंड करती है। इसलिए जरूरी है कि प्रतिदिन शरीर की आवश्यकतानुसार डाइट के जरिए कैलोरी ली जाए।
कम कैलोरी लेने के नुकसान
आमतौर पर युवा महिलाएं ओवरवेट होने से बचने के लिए बहुत कम खाती हैं। बैलेंस्ड डाइट नहीं लेने की वजह से उनको ब्लडप्रेशर, हृदय के रोग, आंखों की रोशनी कम होने और हड्डियों के रोग होने लगते हैं। लो कैलोरी डाइट लेने से शरीर में मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे एनीमिया, अनियमित पीरियड्स, बाल, नाखूनों और त्वचा में रफनेस दिखने लगती है।
कैलोरी की मात्रा
सामान्य महिलाओं के लिए जहां प्रतिदिन 2100 कैलोरी की आवश्यकता होती है, वहीं गर्भवती महिला को 2500 कैलोरी की जरूरत होती है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 3000 कैलोरी प्रतिदिन चाहिए। उनकी डाइट में 10 फीसदी कैलोरी प्रोटीन से, 35 फीसदी कैलोरी फैट से और 55 फीसदी कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से मिलनी चाहिए।
किस उम्र में कितनी कैलोरी
20 से 30 वर्ष की महिलाओं को सबसे ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती है। जहां 25 वर्ष की महिला को 2300 कैलोरी की प्रतिदिन आवश्यकता होती है, वहीं उम्र बढ़ने के साथ मात्रा कम होती जाती है। चिकित्सक बताते हैं कि 30 वर्ष के बाद प्रत्येक 10 वर्ष में 2 फीसदी कैलोरी की जरूरत में कमी आती है। महिलाओं को पुरुषों के अपेक्षा कम कैलोरी की आवश्यकता होती है। अगर महिलाएं प्रतिदिन खान-पान में कैलोरी का ध्यान रखें, उम्र और काम के अनुसार कैलोरी और फैट लें तो निश्चित ही लंबे समय हेल्दी और फिट रह सकती हैं।
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फैट भी है जरूरी
वेट गेन होने के डर से खासकर टीनएज और यंगएज महिलाएं फैटी फूड्स नहीं खाती हैं। जबकि फैट शरीर की कोशिकाएं मजबूत करने के लिए, हार्मोन मैन्युफेक्चर करने के लिए, ऊर्जा प्रदान करने और अंगों की रक्षा करने के लिहाज से जरूरी होता हैं। विटामिन ए, डी, ई और के फैट में घुलनशील होते हैं। ऐसे में इनके एब्शॉर्पसन (अवशोषण) के लिए फैट का डाइट में होना जरूरी हो जाता है। फैट की मात्रा डाइट में शामिल ना करने से इन विटामिनों की शरीर में कमी हो सकती है।
प्रस्तुति : अनुष्का पांडेय
डाइट एडवाइस
अंजलि शर्मा
सीनियर डाइटीशियन
जीटीबी अस्पताल, दिल्ली
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