देश के इस किले में बिना रेंट दिए रहते हैं हजारों लोग, क्या है इसके पीछे का कारण

देश के इस किले में बिना रेंट दिए रहते हैं हजारों लोग, क्या है इसके पीछे का कारण
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जैसलमेर किले की स्थापना राजा रावल द्वारी की गई थी। यह शहर अपनी सुंदर हवेलियां, जैन मंदिर और किले के लिए दुनियाभर में जानी जाती हैं। इस कारण इसका नाम यूनेस्को में भी दर्ज है। इस किले को जिंदा किला भी कहा जाता है।

टूरिज्म का फेवरेट स्पॉट माना जाता है राजस्थान। यहां हजारों बाहर देश के टूरिस्ट घूमने आते हैं। वहीं इस साल कोरोना के चलते टूरिस्ट नहीं आ रहे हैं। वहीं आपको बता दें कि राजस्थान में कई ऐसी जगह हैं जो अपनी विरासत के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इसमें ही एक शहर जैसलमेर भी है।

इसका नाम यूनेस्को में भी दर्ज है

लोगों का कहना है कि महाभारत युद्ध के दौरान भारी संख्या में यादव आकर इस शहर में बस गए। वहीं जैसलमेर किले की स्थापना राजा रावल द्वारी की गई थी। यह शहर अपनी सुंदर हवेलियां, जैन मंदिर और किले के लिए दुनियाभर में जानी जाती हैं। इस कारण इसका नाम यूनेस्को में भी दर्ज है। इस किले को जिंदा किला भी कहा जाता है।

जैसलमेर का किला आज भी अपने पुराने रूप में ही मौजूद है

इसके पीछे का कारण है कि दुनियाभर के कई हवेलियों को होटल में बदल दिया गया है। लेकिन जैसलमेर का किला आज भी अपने पुराने रूप में ही मौजूद है। इस किले में 4 हजार से भी ज्यादा लोग रहते हैं। जो टूरिज्म के जरिए से अपना जीवन बिता रहे हैं। वहीं इस किले में 1 हजार से भी ज्यादा लोग फ्री में रह रहे हैं। इन सभी लोगों को यहां रहने के लिए कोई भी किराया नहीं देना पड़ता है।

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सेवादारों के वंशज यहां फ्री में रह रहे हैं

आप जानकर शायद हैरान हो जाएं, लेकिन यह सच है। इतिहासकारों का कहना है कि राजा रावल जैसल अपने सेवादारों के काम के खुश होने के बाद उन्हें 1500 फीट लंबा किला देने का वादा किया था। उस समय के बाद से उन सेवादारों के वंशज यहां फ्री में रह रहे हैं।

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