जानें अजब-अनोखे देश के बारे में, नहीं मिलता बच्चों को यहाँ होमवर्क

अगर हम कहें कि दुनिया में कोई देश ऐसा है, जहां रेलवे स्टेशन या ट्रेनें नहीं हैं, हवाई अड्डे नहीं हैं तो शायद ही आप यकीन करें। आप कहेंगे कि ऐसा कोई देश नहीं हो सकता, लेकिन यह हकीकत है। दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां ऐसी चीजें नहीं हैं, जो दुनिया भर के ज्यादातर देशों में मौजूद हैं।
नहीं चलती है ट्रेन
सभी जानते हैं कि किसी भी देश में एक राज्य से दूसरे राज्य या एक शहर से दूसरे शहर में जाने के लिए सड़क मार्ग के साथ-साथ रेलवे सिस्टम भी अहम रोल निभाता है। लेकिन दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जहां कोई रेलवे सिस्टम ही नहीं है। जैसे आइसलैंड, भूटान, कतर। इन देशों में लोग आने-जाने के लिए सड़क मार्ग का ही इस्तेमाल करते हैं। यहां की भौगोलिक स्थितियां और अन्य कारण रेलवे सिस्टम के लिए ठीक नहीं हैं, इसलिए यहां ट्रेन और रेलवे नेटवर्क विकसित ही नहीं किया गया है।
नहीं है हवाई अड्डा
दुनिया के कुछ देशों में कोई एयरपोर्ट नहीं है। इन देशों में शामिल हैं-एंडोरा, लिसटेंस्टीन, मोनाको, सैन मैरीनो, वेटिकन सिटी। दरअसल, इसकी वजह इन देशों का बहुत छोटा होना या फिर यहां पहाड़ों की बहुतायत का होना है, जिसकी वजह से विमानों का उड़ना यहां असंभव है।
इनकम टैक्स नहीं लगता
क्या आप ऐसे देश में रहना पसंद नहीं करेंगे, जहां आपकी व्यक्तिगत आय पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता हो? मजाक नहीं, यह हकीकत है। दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां नागरिकों की व्यक्तिगत आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता। इनमें से कुछ देशों के नाम हैं-संयुक्त अरब अमीरात, कतर, केमैन आइलैंड और बहरीन।
नहीं है लिखित संविधान
हममें से अधिकतर लोग मानते हैं कि दुनिया के सारे देश संविधान से चलते हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि कई छोटे-बड़े देश ऐसे हैं, जहां कोई लिखित संविधान नहीं है। इनके यहां अनकोडिफाइड कांस्टिट्यूशन है। इसका मतलब यह है कि अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स से लिए गए रूल्स ही, जुडिशरी, लीगल एक्सपर्ट्स द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं। इन देशों में यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, न्यूजीलैंड, इजरायल और सऊदी अरब शामिल हैं।
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नहीं मिलता बच्चों को होमवर्क
फिनलैंड एक अकेला देश है, जहां के बच्चों को स्कूल में होमवर्क नहीं दिया जाता। बच्चे जब 15 वर्ष के हो जाते हैं, तब उन्हें होमवर्क मिलता है। यहां बच्चों को स्कूल भी तभी भेजा जाता है, जब वे कम से कम 7 साल के हो जाएं। इतना ही नहीं एग्जाम देने की शुरुआत भी स्टूडेंट के 18 साल का होने के बाद ही होती है। यहां बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन लेने की इजाजत भी नहीं है। इन सबके बावजूद फिनलैंड का एजुकेशन सिस्टम, दुनिया के सबसे बेहतरीन सिस्टम में शामिल है।
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