Travel: दिल्ली की ये जगहें हैं Haunted, जहां से आने वाली आवाजों से कांप जाएंगे आप

Travel: हमने अक्सर भूतों के किस्से कहानी सुने होंगे। हममें से कई लोग इन बातों पर विश्वास कर लेते हैं, तो कई इस बात का मजाक उड़ाते हैं। लेकिन अगर प्रमाणों पर विश्वास किया जाए तो सच में हॉन्टेड प्लेस (Haunted Places) होते हैं। वहीं हममें से कई लोग ऐसे भी हैं जो ऐसे जगहों पर जाना पसंद करते हैं। अगर आप भी ऐसी जगहों पर जानें का शौक रखते हैं, तो यहां हम आपको बताएंगे दिल्ली की उन हॉन्टेड प्लेस (Delhi Haunted Places) के बारे में जहां रात को जाना किसी खतरे को दावत देनें के समान है...
फिरोज शाह कोटला किला, बहादुर शाह जफर मार्ग
14वीं शताब्दी में निर्मित, तुगलक युग का यह गढ़ अपने भूतिया स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसा प्रसिद्ध लेखक-इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है और दावा किया कि इस जगह पर जिनों की भीड़ ने कब्जा कर लिया है। उनके अलावा वहां के स्थानीय लोग भी इस बात को मानते हैं। स्थानीय लोग हर गुरुवार को इस किले में जाते हैं और इन जिन्नों को खुश करने के लिए अगरबत्ती और अन्य चीजें चढ़ाते हैं - ऐसा माना जाता है कि ये अदृश्य आत्माएं, अगर क्रोधित हों, तो किसी व्यक्ति के लिए सबसे बुरा संभव काम कर सकती हैं।
चोर मीनार, हौज खास
हौज खास दिल्ली के पार्टी प्रेमियों के लिए सबसे लोकप्रिय जगह है। हममें से कई लोगो ने यहां जाकर चोर मिनार की एक झलक भी देखी होगी। लेकिन यहां की रातें खौफनाक होती हैं। अला-उद-दीन खिलजी के शासनकाल के दौरान निर्मित, चोर मीनार का उपयोग चोरों को दंडित करने के लिए किया जाता था, जिनके सिर इसकी दीवारों पर कई छेदों के माध्यम से स्मारक से बाहर निकलने वाले स्पाइक्स पर लटकाए जाते थे। माना जाता है कि इन चोरों की बुरी आत्माएं आज भी इस जगह को घेरे हुए हैं और रात में यहीं पर मंडराती रहती हैं।
भूली भटियारी का महल, झंडेवालान
दिल्ली के घने दक्षिणी रिज के भीतर स्थित, 14 वीं शताब्दी के इस स्मारक तक एक सर्पीन सड़क पर चलकर पहुंचा जा सकता है जो झंडेवालान में विशाल भगवान हनुमान की प्रतिमा के पास से शुरू होती है। तुगलक युग के दौरान निर्मित, भूली भटियारी का महल मूल रूप से उस काल के शासकों से संबंधित एक शिकार लॉज था। वर्तमान समय में रखरखाव के अंदर ये इमारत खंडहर से ज्यादा कुछ नहीं है, माना जाता है कि स्मारक कई भूतों का घर है। लोग कहते हैं कि यहां पर उन्होंनें भूतों को देखा और सुना हैं, जो अचानक से आते हैं और गायब हो जाते हैं। स्थानीय लोग यात्रियों को अत्यधिक सलाह देते हैं कि सूर्यास्त के बाद इस जगह पर कदम न रखें, जो एक और कारण है कि यह दिल्ली के सबसे भूतिया स्थानों में से एक है।
भूतिया पेड़, द्वारका सेक्टर 9
कभी रात के समय द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन के पास कुख्यात 'हॉन्टेड ट्री' को पार किया है? दुर्भाग्यशाली कुछ लोगों ने अक्सर एक अजीब व्यक्ति को अपनी कार के साथ दौड़ते हुए या अचानक चेहरे पर थप्पड़ मारते हुए महसूस किया है। ये इस पेड़ से जुड़ी कुछ कहानियां हैं जो इंटरनेट पर 'द्वारका हॉन्टेड ट्री' टाइप करते आपके सामने आ जाती हैं। अगर आप भूतों की कहानियों पर विश्वास नहीं करते हैं तो आप यह भी जान सकते हैं कि जहां यह पेड़ स्थित है वहां कुछ बहुत ही खतरनाक कार और बाइक एक्सीडेंट्स हुए हैं और यहां के स्थानीय लोग इस बात के लिए इस पेड़ को जिम्मेदार मानते हैं।
लोथियन कब्रिस्तान
कब्रिस्तान शब्द अपने आप में डरावना है, लेकिन ये तब और डरावना हो जाता है जब लोग यहां पर सिरकटे इंसान को घूमते हुए देखने का दावा करते हैं। जिन लोगों ने इस भूत को अपने हाथ में सिर के साथ देखा है, वे किस्से सुनाने के लिए जीवित नहीं हैं और जो जीवित हैं, वे डर के मारे कुछ बोल नहीं पाते हैं। दिल्ली के इस खौफनाक प्रेतवाधित स्थान से आने वाले राहगीरों को अक्सर भूतिया हंसी और रोने की आवाजें सुनाई देती हैं। कहते हैं कि एक ब्रिटिश अधिकारी सर निकोलस का भूत कब्रिस्तान में घूमता है। निकोलस को एक भारतीय महिला से प्यार हो गया था, लेकिन किन्ही कारणों के चलते उससे शादी नहीं हो पाई। दिल टूट जानें के बाद निकोलस ने अपने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। लोग कहते हैं कि निकोलस उस महिला का नाम लेता हुआ कब्रिस्तान में आज भी टहलता है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS