रिश्तों में प्रेम और विश्वास को बढ़ाने के लिए वास्तु क्षेत्र को करें संतुलित, इन सुझावों को जरूर अपनाएं

रिश्तों में प्रेम और विश्वास को बढ़ाने के लिए वास्तु क्षेत्र को करें संतुलित, इन सुझावों को जरूर अपनाएं
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पति-पत्नी (Husband-Wife) का रिश्ता हो या अन्य पारिवारिक रिश्ता (Relation) या फिर घर के बाहर के सामाजिक रिश्ते, इन्हें बेहतर बनाने में हमारे व्यवहार (Behaviour) की बड़ी भूमिका होती है। लेकिन इसके साथ ही घर के वास्तुक्षेत्र (Vastu shastra) का संतुलन भी बड़ी भूमिका निभाता है। इसका लाभ आप भी उठा सकती हैं और इसका असर आपको तुरंत देखने को मिलेगा।

पति-पत्नी (Husband-Wife) का रिश्ता हो या अन्य पारिवारिक रिश्ता (Relation) या फिर घर के बाहर के सामाजिक रिश्ते, इन्हें बेहतर बनाने में हमारे व्यवहार (Behaviour) की बड़ी भूमिका होती है। लेकिन इसके साथ ही घर के वास्तुक्षेत्र (Vastu shastra) का संतुलन भी बड़ी भूमिका निभाता है। इसका लाभ आप भी उठा सकती हैं और इसका असर आपको तुरंत देखने को मिलेगा। महावास्तु विशेषज्ञ डॉ. खुशदीप बंसल के अनुसार हमारे रिश्तों पर हमारी रिहाइश यानी निवास स्थान का भी बहुत असर पड़ता है। हम जहां रहते हैं, उस जगह की वास्तु-स्थिति, वहां रहने वाले लोगों के साथ हमारे संबंधों में भी बहुत निर्णायक भूमिका निभाती है।

रिश्ते होते हैं प्रभावित

इसमें कोई दो राय नहीं है कि दो लोगों के रिश्ते हमेशा खुशनुमा नहीं रहते, क्योंकि रिश्तों में उतार-चढ़ाव और खुशी-नाखुशी मौजूद होती रहती है। यही वजह है कि सारे रिश्तों में कुछ न कुछ और कभी न कभी तनाव आ ही जाता है। अगर दो साथ रहने वाले लोगों के बीच कभी बहस नहीं होती, वे एक-दूसरे पर कभी खफा नहीं होते तो समझ लीजिए वे एक-दूसरे को बहुत प्यार भी नहीं करते, क्योंकि प्यार के रिश्तों में भी तनाव आता रहता है। लेकिन अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि हमारे रिश्ते को काफी हद तक महावास्तु की अदृश्य शक्ति भी नियंत्रित करती है। महावास्तु के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम वास्तु क्षेत्र हमारे रिश्तों को संतुलित करता है।

महावास्तु का असर

किसी घर में घुसते ही हमें एक खास किस्म का अहसास होता है। यह अहसास दरअसल, उस घर में मौजूद ऊर्जा तरंगों का नतीजा होता है। यही वजह है कि किसी से आपको मिलकर पहली बार में ही वर्षों पुरानी जान-पहचान का अहसास होता है, तो किसी से मिलकर जितना जल्दी दूर हो जाएं इसकी जरूरत लगने लगती है। निश्चित रूप से यह उस घर के महावास्तु की वजह से होता है।

इन सुझावों पर करें गौर

महावास्तु के विभिन्न क्षेत्र किस तरह हमारे रिश्तों को प्रभावित करते हैं और किस क्षेत्र का किस रिश्ते पर विशेष असर पड़ता है, इस पर गौर करते हुए अपने रिश्ते सुधार सकते हैं।

  • दांपत्य के रिश्ते में कोई समस्या है तो सबसे पहले बेडरूम पर गौर करना चाहिए। यदि घर के सारे वास्तुक्षेत्र संतुलित हैं। लेकिन बेडरूम पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है, तो उस घर में रहते हुए किसी भी दंपति के रिश्ते तनावपूर्ण ही होंगे। इसलिए वास्तु विशेषज्ञ इस क्षेत्र में बेडरूम बनाने की सलाह नहीं देते हैं।
  • अगर आपके अपने बच्चों के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं तो दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र और उत्तर क्षेत्र संतुलित करने का प्रयास करना चाहिए।
  • परिवार के बाहर भी लोगों के साथ हमारे बेहतरीन सामाजिक संबंध हों, इसके लिए हमें अपने निवास स्थान के दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा क्षेत्र को संतुलित रखना चाहिए।
  • अगर आप चाहते हैं कि जीवन के हर चरण में घर-बाहर के लोगों के साथ हमारे रिश्ते मधुर और सकारात्मक रहें तो महावास्तु के दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा क्षेत्र को संतुलित रखना होगा।
  • अगर सारे दिशा क्षेत्र संतुलित हैं फिर भी रिश्तों में कुछ समस्या है तो स्पेस प्रोग्रामिंग का सहारा लेना होगा। मसलन- घर के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में लाल फूलों का गुलदस्ता रखिए, फिर देखिए कि आपके रिश्तों में कैसी मधुरता आती है।
  • रिश्तों को मजबूत रखने का एक सरल वास्तु उपाय यह भी है कि रिश्तों के चास्तुक्षेत्र में एक पारिवारिक तस्वीर रख दीजिए। इससे परिवार के लोगों के बीच हमेशा संबंध बेहतर रहेंगे।
  • अगर आप चाहती हैं कि अपने जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते प्यार भरे रहें तो दांपत्य के क्षेत्र में सफेद घोड़ों के जोड़े की तस्वीर रख दीजिए। आपके रिश्ते मधुर हो जाएंगे।

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