सर्दियों में बढ़ सकता है West NileVirus का खतरा, रूस ने दी चेतावनी, जानें वायरस से जुड़ी ये खास बातें

सर्दियों में बढ़ सकता है West NileVirus का खतरा, रूस ने दी चेतावनी, जानें वायरस से जुड़ी ये खास बातें
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रूस (Russia) ने हाल ही में चेतावनी जारी की है कि सर्दियों में वेस्ट नाइल वायरस (West Nile virus) के संक्रमण का खतरा बढ सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि क्लाइमेट चेंज (Climate Change) होने से हल्के तापमान की वजह से वेस्ट नाइल वायरस जैसी बीमारियां ज्यादा बढ़ जाती है।

West Nile virus : रूस (Russia) ने हाल ही में चेतावनी जारी की है कि सर्दियों में वेस्ट नाइल वायरस (West Nile virus) के संक्रमण का खतरा बढ सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि क्लाइमेट चेंज (Climate Change) होने से हल्के तापमान की वजह से वेस्ट नाइल वायरस जैसी बीमारियां ज्यादा बढ़ जाती है। इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है, ऐसे में लोग सतर्क रहें और अपना ध्यान रखें।

अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (America's Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, वेस्ट नाइल वायरस (West Nile virus) संयुक्त राज्य अमेरिका में मच्छर जनित बीमारी का प्रमुख कारण है। यह आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। यह वायरस अफ्रीका से यूरोप, यूरोप से एशिया और उत्तरी अमेरिका में फैल गया है। यह मुख्य रूप से मच्छरों (Mosquito) के काटने से फैलता है और मनुष्यों में न्यूरोलॉजिकल डिसीज (Neurological Disease) का कारण बन सकता है, हालांकि जो लोग इस बीमारी से संक्रमित होते हैं, उनमें कोई लक्षण नहीं नजर आते हैं।

5 में से एक व्यक्ति में विकसित होते है लक्षण

सीडीसी के अनुसार, वेस्ट नाइल वायरस के मामले ज्यादातर मच्छरों के मौसम के दौरान होते हैं, जो गर्मियों में शुरू होते हैं और गिरने तक जारी रहते हैं। वेस्ट नाइल वायरस के इलाज के लिए कोई वैक्सीन और मेडिसन नहीं है। वहीं संक्रमित होने वाले लगभग 5 में से 1 व्यक्ति में बुखार और अन्य लक्षण विकसित होते हैं। सीडीसी का कहना है कि 150 संक्रमित लोगों में से लगभग 1 गंभीर रूप से बीमार होता है और कभी कभी यह बहुत घातक साबित हो सकता है।

कई हफ्तों और महीनों तक होती है कमजोरी

सीडीसी की मानें तो वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोगों (10 में से 8) में कोई लक्षण विकसित नहीं होते हैं। संक्रमित होने वाले लगभग 5 में से 1 व्यक्ति को सिरदर्द, शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, उल्टी, दस्त या दाने जैसे अन्य लक्षणों के साथ बुखार होता है। वेस्ट नाइल वायरस के कारण ज्वर की बीमारी वाले अधिकांश लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन थकान और कमजोरी हफ्तों या महीनों तक रह सकती है। हालांकि, सीडीसी कहते हैं, संक्रमित होने वाले 150 लोगों में से लगभग 1 को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र जैसे एन्सेफलाइटिस या मेनिनजाइटिस को प्रभावित करने वाली गंभीर बीमारी विकसित होती है।

गंभीर बीमारी के ये लक्षण

-तेज बुखार (High Fever)

-सिरदर्द (Headache)

-गर्दन में अकड़न (Neck Stiffness)

-कोमा (Coma)

-कंपकंपी

-मांसपेशियों में कमजोरी

-दृष्टि हानि (Vision loss)

60 साल से ऊपर वालों का ज्यादा खतरा

जिनकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा वालों को इस बीमारी से संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है। यदि वे संक्रमित होते हैं तो 50 लोगों में एक की हालत गंभीर होती है।

क्या है बचाव

-मच्छरों से खुद को बचाएं

-पूरी बाजू के कपड़े पहनें

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