Scrub Typhus ने मचाया तहलका, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

Scrub Typhus ने मचाया तहलका, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके
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हाल ही स्क्रब टाइफस के मामले हिमाचल प्रदेश में देखने को मिले है। इसके वजह से लोगों में दहशत फैल गई है। लेकिन सही समय पह इसका इलाज न करवाने से यह लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए पढ़े पूरी खबर...

Scrub Typhus: स्क्रब टाइफस एक प्रकार का टाइफस बुखार है जो "ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी" नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया एक प्रकार के माइट (कीट) के काटने से फैलता है, जिसे त्सुत्सुगामुशी माइट कहा जाता है। त्सुत्सुगामुशी माइट आमतौर पर जंगलों, झाड़ियों और घास के मैदानों में पाए जाते हैं। यह भारत सहित एशिया और प्रशांत क्षेत्र में पाया जाता है। हाल ही इसके मामले हिमाचल प्रदेश में देखने को मिले है, जिसके वजह से भारत में इसकी चर्चा बढ़ गई है।

स्क्रब टाइफस के लक्षण

स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) के लक्षण आमतौर पर काटने के 1 से 2 सप्ताह बाद दिखाई देते हैं। शरीर के जिस भी भाग पर यह कीड़ा काटता है, उस जगह पर कालापन, पपड़ी पड़ जाना या घाव हो जाता है। लोगों की ज्यादा स्थिति खराब होने पर उन्हें सांस की दिक्कत और ऑर्गन फेल होने की समस्या भी हो सकती है। आइए जानते है इस समस्या के दौरान दिखने वाले लक्षण-

बुखार

सिरदर्द

थकान

मांसपेशियों में दर्द

खांसी

गले में खराश

ठंड लगना

रैशेज

स्क्रब टाइफस का निदान

स्क्रब टाइफस का इलाज आमतौर पर लक्षणों और रोगी के इतिहास के आधार पर किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट कर सकते हैं ताकि बैक्टीरिया की पहचान की जा सके।

स्क्रब टाइफस का इलाज

स्क्रब टाइफस का इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जा सकता है। आमतौर पर, रोगियों को 7 से 10 दिनों तक एंटीबायोटिक्स लेने की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ मामलों में, रोगियों को ज्यादा देखभाल के लिए अस्पताल में भर्ती करने की भी आवश्यकता हो सकती है।

स्क्रब टाइफस से बचाव

स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं-

जंगलों, झाड़ियों और घास के मैदानों में जाने से बचें।

यदि आपको जाना ही पड़े, तो लंबी बाजू और पैरों वाली कपड़े और जूते पहनें।

कीट प्रतिरोधी स्प्रे या क्रीम का उपयोग करें।

त्सुत्सुगामुशी माइट से संक्रमित जानवरों के संपर्क से बचें।

स्क्रब टाइफस का इतिहास

स्क्रब टाइफस पहली बार 1905 में जापान में दर्ज किया गया था। यह बीमारी तब से एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और अमेरिका में फैल गई है। भारत में, स्क्रब टाइफस के मामले आमतौर पर जून से अक्टूबर के बीच होते हैं।

स्क्रब टाइफस का महामारी विज्ञान

स्क्रब टाइफस एक मौसमी बीमारी है, जो गर्मियों और शरद ऋतु के महीनों में ज्यादा देखने को मिलती है। यह बीमारी आमतौर पर उन लोगों को प्रभावित करती है जो जंगलों, झाड़ियों और घास के मैदानों में काम करते हैं या रहते हैं।

स्क्रब टाइफस का आर्थिक प्रभाव

यह बीमारी श्रमिकों की उत्पादकता को कम कर सकती है और स्वास्थ्य देखभाल के ऊपर लगने वाली लागत को बढ़ा सकती है।

स्क्रब टाइफस के लिए रिसर्च

स्क्रब टाइफस के लिए नए उपचार और टीके विकसित करने के लिए रिसर्च जारी है।

स्क्रब टाइफस के बारे में अधिक जानकारी

स्क्रब टाइफस एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन समय पर निदान और उपचार से ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं। स्क्रब टाइफस के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर या किसी अन्य स्वास्थ्य सेवा केंद्र से संपर्क करें।

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