कब और क्यों मनाया जाता है World Brain Day, जानें इसका महत्व, उद्देश्य और Brain Disease से जुड़े मिथक

World Brain Day 2023: सबसे पहले हम आपको बता दें कि हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हमारा ब्रेन (Brain) भी होता है। ब्रेन हमारे शरीर में और शरीर के द्वारा किए जाने और होने वाले कामों पर नियंत्रण (control) और नियमन (regulation) करता है। इसके मुख्य कार्यों में तर्क करना, सोचना, याद करना, विचार करना, निर्णय लेना और व्यक्तित्व आदि का नियमन और नियंत्रण करना होता है। आपको बता दें कि अगर किसी व्यक्ति के ब्रेन में चोट लग जाए या ब्रेन से जुड़ी कोई बीमारी हो जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। ऐसे में हमें अपने ब्रेन का काफी ख्याल रखना होता है। आज हम आपको वर्ल्ड ब्रेन डे के बारे में बताएंगे...
क्यों मनाते हैं World Brain Day
ब्रेन और ब्रेन से जुड़ी बीमारियों के बारे में दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ न्यूरोलॉजी (World Congress of Neurology) की पब्लिक अवेयरनेस एंड एडवोकेसी कमेटी (Public Awareness and Advocacy Committee) ने 23 सितंबर 2023 को हर वर्ष World Brain Day मनाने का प्रस्ताव रखा और इसे स्वीकार भी कर लिया गया। साल 2014 में पहली बार World Brain Day मनाया गया और इसकी थीम एपिलेप्सी (Epilepsy) रखी गई थी। साल 2014 के बाद से हर साल दुनिया के तमाम देशों में World Brain Day मनाया जाता है और अलग- अलग थीम भी रखी जाती है।
Also Read: Diabetes: डायबिटीज के रोगी जुते खरीदते हुए इन बातों का दें ध्यान, कंट्रोल होगा शुगर
World Brain Day 2023
हर साल के तरह इस साल भी 22 जुलाई को World Brain Day मनाया जाएगा। इस बार World Brain Day का थीम Brain Health and Disability: Leave No One Behind है, जिसका अर्थ होता है 'मस्तिष्क स्वास्थ्य और विकलांगता: किसी को भी पीछे न छोड़ें'। इस वर्ष लोगों को ब्रेन हेल्थ और विकलांगता के बारे में जो मिथ है, उसके बारे में जागरूक किया जाएगा।
ब्रेन में होने वाली बीमारियां (brain diseases)
ब्रेन हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जिसमें जरा सी भी चोट या बीमारी होने पर व्यक्ति की जान जा सकती है, इललिए हम सभी को अपने ब्रेन का खास ध्यान रखना होता है। हमेें अपने ब्रेन को स्वस्थ्य रखने के लिए अपने डाइट से लेकर लाइफस्टाइल (lifestyle) और एक्सरसाइज (exercise) में काफी बदलाव करना होता है। आपको बता दें कि ब्रेन में होने वाली बीमारियों में बाइपोलर डिसऑर्डर, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, सिजोफ्रेनिया, डिप्रेशन, पार्किंसंस डिजीज, अल्जाइमर्स डिजीज, डिमेंशिया, एंग्जायटी और ब्रेन ट्यूमर मुख्य रूप से शामिल है। आज हम आपको इन बीमारियों के बारे में बताएंगे...
बाइपोलर डिसऑर्डर (bipolar disorder)
ये एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के मूड में तेजी से बदलाव होता रहता है। इस बीमारी की दो स्थितियां होती हैं। पहली स्थिति में व्यक्ति बेहद एक्टिव (Active) हो जाता है और बड़ी-बड़ी बातें करना शुरू कर देता है और दूसरी स्थिति में व्यक्ति बिल्कुल शांत (silent) होकर उदास बैठा रहता है। ये दूसरी स्थिति में व्यक्ति के आत्महत्या जैसे कदम उठाने का खतरा काफी बना रहता है।
पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (post-traumatic stress disorder)
पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) कुछ प्रतिक्रियाओं का एक समूह है, जो उन लोगों में हो सकता है, जिन्होंने कभी किसी दर्दनाक घटना का अनुभव किया हो। उनके जीवन, सुरक्षा या उनके आसपास के लोगों के जीवन और उनके सुरक्षा के लिए खतरा हो और उन्हें इससे बार-बार स्ट्रेस (stress) का होना, लोगों से कट कर रहना आदि समस्या हो सकती है।
ब्रेन ट्यूमर (brain tumor)
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में ऊतकों (tissue) की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है, लेकिन सभी ब्रेन ट्यूमर घातक या कैंसर का कारण नहीं बनते हैं। कैंसर (Cancer) वाले ब्रेन ट्यूमर को गैर-कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर की अपेक्षा में तेजी से बढ़ने के लिए जाना जाता है। ब्रेन ट्यूमर के लक्षण में सिर के अलावा अन्य लक्षण भी पैदा हो सकते हैं। आपको बता दें कि ब्रेन ट्यूमर या तो मस्तिष्क के ऊतकों में या उसके आस पास कही भी हो सकता है या ये शरीर के अन्य हिस्सों से मस्तिष्क में हो सकता है, जिसे मेटास्टैटिक (metastatic) ब्रेन ट्यूमर के नाम में जाना जाता है।
ब्रेन को ऐसे रखें स्वस्थ (keep brain healthy like this)
इम्युनिटी (immunity)
ब्रेन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आपको अपने इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग रखना काफी जरूरी है, ताकि आप बार- बार बीमार न हों। दरअसल, जब हम शारीरिक रूप से जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं, तो हमारा ब्रेन इससे प्रभावित होता है, ऐसे में ब्रेन की प्रॉडक्टिविटी (productivity), शार्पनेस (sharpness) और परफॉर्मेंस (performance) पर बहुत असर पड़ता है, इसलिए अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल (lifestyle) और पोषक तत्वों (nutritious) से भरें फूड्स को डाइट में जरूर शामिल करें।
तनाव (Tension)
अपने दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए आपको, इसे तनाव (stress) से दूर रखना काफी जरूरी होता है, इसके लिए आपको नियमित रूप से योग (Yoga) और मेडिटेशन (meditation) करना चाहिए। योगा और मेडिटेशन आपके शरीर को फिट रखने में बहुत मदद करता है। आपको बता दें कि मेडिटेशन करने से आपके दिमाग की उथल पुथल को शांत (calming) करने में काफी मदद होती है।
नींद (Sleep)
एक स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लेनी ही चाहिए, जिससे आप स्वस्थ रहते हैं। नींद पूरी न होने पर इसका असर भी हमारे दिमाग पर पड़ता है, इसलिए अपने सोने और उठने का एक रुटीन बनाएं और इसे नियमित रूप से फॉलो भी करें।
खानपान (food and drink)
आपको बता दें कि हमारे खानपान का असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है, ऐसे में हमें जंक फूड (junk food,), फास्ट फूड (fast food), सिगरेट (cigarette), अल्कोहल (alcohol) और तंबाकू (tobacco) आदि के सेवन से बचना चाहिए या इनका सेवन करना ही नहीं चाहिए। हमें अपने डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का ही सेवन करना चाहिए, जो हमारे ब्रेन को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
Also Read: Iron Deficiency: आयरन की कमी होने से शरीर में होती हैं ये बीमारियां, बचाव होगा मुश्किल
Brain Disease (Brain Tumor) से जुड़े कुछ मिथ
मोबाइल फोन से बढ़ रहा ब्रेन ट्यूमर का खतरा
ब्रेन ट्यूमर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि ये मोबाइल फोन (mobile phone) के अधिक प्रयोग से ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। हालांकि, आपको बता दें कि ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जो ये सिद्ध कर सके की मोबाइल फोन के अधिक प्रयोग से ब्रेन ट्यूमर होता है।
माता-पिता को ब्रेन ट्यूमर होने पर बच्चे को भी खतरा
लोग ऐसा मानते हैं कि अगर किसी बच्चे के माता-पिता को ब्रेन ट्यूमर हो तो बच्चे को भी ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है, लेकिन आपको बता दें कि इस बात की भी कोई वैज्ञानिक (scientific) प्रमाण नहीं है, तो इस बात को सच नहीं माना जा सकता है।
60 से ऊपर के लोगों को होता है ब्रेन ट्यूमर
कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि ब्रेन ट्यूमर केवल उम्रदराज लोगों को ही होता है, जो कि सही बात नहीं है। ब्रेन ट्यूमर बच्चों से लेकर बुजुर्ग, किसी को भी हो सकता है। आपको बता दें कि ब्रेन ट्यूमर के सफल इलाज (treatment) के मामलों में से 3.9% मामले 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों में होते हैं।
ब्रेन ट्यूमर का मतलब कैंसर
अधिकतर लोगों का मानना है कि ब्रेन ट्यूमर होने का मतलब होता है कैंसर (cancer) होना, लेकिन आपको बता दें कि ये बात सही नहीं है। ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त और गैर-कैंसरयुक्त दोनों तरह के होते हैं। इसके अलावा, केवल एक-तिहाई ब्रेन ट्यूमर ही कैंसर का रूप लेते हैं, जिसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है। अगर समय रहते इसका पता चल जाए तो आप इसका इलाज कराकर स्वस्थ हो सकते हैं।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाओं की Haribhoomi.com पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS