Women Health: पेट के निचले हिस्से में दर्द को न करें इग्नोर, हो सकती है ये बड़ी वजह

Women Health: पीरियड्स के दौरान महिलाओं के पेट के निचले हिस्से यानी पेल्विक एरिया में काफी दर्द होता है। मगर कई बार बिना पीरियड्स के भी ये परेशानी होने लगती है। अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाए, तो कई सारी समस्याएं बढ़ सकती हैं। अगर पेट के निचले हिस्से यानी पेट में तेज दर्द, यूरिन पास करने में परेशानी हो तो इस समस्या को इग्नोर न करें, वरना ये समस्या काफी गंभीर हो सकती है।
अक्सर कुछ महिलाएं खुद से जुड़ी छोटी-छोटी बीमारियों को नजरअंदाज कर देती हैं। उन्हीं में से एक पेट के निचले हिस्से में दर्द होना है। ये दर्द गंभीर बीमारी की ओर इशारा करता है। आइये जानते हैं कि पेल्विक एरिया क्या होता है और उसमें दर्द होने के पीछे की वजह क्या है।
पेल्विक एरिया में दर्द के लक्षण
पेल्विक एरिया में दर्द महिलाओं के शरीर में एचवीपी वायरस सर्वाइकल कैंसर की सबसे बड़ी वजह है। यह वायरस कई सालों तक पेट में ही रहता है, जो कुछ महिलाओं की जिंदगी को खत्म कर देता है। वहीं, जिन महिलाओं की इम्यूनिटी कमजोर है, उन महिलाओं में इस वायरस का संक्रमण सर्वाइकल कैंसर की सबसे बड़ी वजह है। सर्वाइकल कैंसर में पेट के निचले हिस्से में दर्द होने के अलावा, बार-बार यूरिन की समस्या, भूख में कमी, प्राइवेट पार्ट से सफेद डिस्चार्ज, अचानक वजन में कमी आना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
पेल्विक एरिया में दर्द होने के पीछे की वजह
पेल्विक एरिया में चुभन और दर्द होने की सबसे बड़ी वजह यूटीआई इंफेक्शन (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) हो सकता है। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए पर्सनल हाइजीन का विशेष ध्यान रखें। अगर पर्सनल हाइजीन का ध्यान नहीं रखा गया, तो सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है।
सर्वाइकल कैंसर से कैसे करें बचाव
महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव करने के लिए हाइजीन का खास ध्यान रखना चाहिए। वहीं, इस कैंसर से बचने के लिए एचपीवी टीकाकरण करवाना चाहिए। इसकी पहली खुराक 9 साल उम्र में और दूसरी खुराक 15 साल की उम्र में लेनी चाहिए। एचपीवी टीकाकरण करवाने से भविष्य में सर्वाइकल कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
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Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन तरीकों और सुझावों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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